• October 14, 2025

“जितेंद्र श्रीवास्तव: उत्तर प्रदेश से मुंबई तक, एक फोटोग्राफर से सफल फिल्म निर्माता बनने की प्रेरणादायक कहानी”

लखनऊ, 01 जुलाई 2025: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में जितेंद्र श्रीवास्तव का नाम एक ऐसी मिसाल बन चुका है जो यह साबित करता है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी नामुमकिन रास्ता मुमकिन बन सकता है। 15 जून 1988 को उत्तर प्रदेश में जन्मे जितेंद्र ने बेहद कम उम्र में सपनों का पीछा करते हुए अकेले मुंबई का रुख किया। ना कोई जान-पहचान, ना पैसा और ना ही रहने की जगह, लेकिन आत्मविश्वास से भरे इस युवक ने मुश्किलों को मात दी और धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री में एक मज़बूत पहचान बनाई। उन्होंने “जय साईं राम मूवीज” और “ड्रीम 16 एंटरटेन” जैसे प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की और आज वे एक सफल निर्माता-निर्देशक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। इस लेख में हम जानेंगे उनकी प्रेरणादायक शुरुआत, फोटोग्राफी से निर्देशन तक का सफर, चर्चित प्रोजेक्ट्स की झलक और उनकी आने वाली वेब सीरीज़ “बैकुंठ लोक” के बारे में विस्तार से।

मुंबई की गलियों से लेकर फिल्म सेट तक: एक प्रेरणादायक शुरुआत

जितेंद्र श्रीवास्तव का फिल्मी सफर संघर्षों से शुरू हुआ। महज 10 वर्ष की उम्र में उन्होंने उत्तर प्रदेश छोड़ मुंबई का रुख किया। शुरुआत बेहद कठिन रही—न तो कोई जान-पहचान थी और न ही रहने की जगह। उन्होंने शुरुआती दिनों में 10 दिनों तक केवल बासी बन-पाव खाकर गुजारा किया और फुटपाथ या पुलों के नीचे सोकर रातें बिताईं। मुंबई जैसे शहर में जहां हर कोई अपने सपनों के पीछे भाग रहा होता है, वहीं जितेंद्र ने ज़िंदगी की जंग जीतने का साहस दिखाया। जीविका चलाने के लिए उन्होंने एक छोटी सी दुकान में काम करना शुरू किया। यहीं उनकी मुलाकात एक अभिनेता से हुई, जिन्होंने उन्हें फिल्म सेट पर छोटा-मोटा काम दिलाया। यही मौका उनके लिए एक नई राह बन गया। फिल्म सेट पर काम करते-करते उन्होंने इंडस्ट्री को नज़दीक से समझा और यहीं से उनके सपनों की उड़ान को दिशा मिली। यह शुरुआती संघर्ष आगे चलकर उनकी सबसे बड़ी ताकत बना।

फोटोग्राफर से निर्देशक बनने की यात्रा

फिल्म सेट पर काम करते हुए जितेंद्र को कैमरा और फोटोग्राफी में गहरी रुचि हुई। उन्होंने अपनी पहली कमाई से एक कैमरा खरीदा और अगले 10 वर्षों तक एक पेशेवर फोटोग्राफर के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने कई प्रसिद्ध अभिनेताओं, क्रिकेटर्स और मॉडल्स के साथ फोटोशूट किए। फोटोग्राफी के जरिए उन्हें विजुअल नैरेटिव, लाइटिंग, कैमरा एंगल्स और तकनीकी बारीकियों की गहरी समझ मिली। 2005 में उन्होंने पहली बार बतौर सहायक निर्देशक “कखन हरब दुख मोर” फिल्म में काम किया। यह उनके निर्देशन की शुरुआत थी, जिससे उन्हें फिल्म निर्माण की व्यावहारिक समझ मिली। इस अनुभव ने उनकी रचनात्मक सोच को एक नई दिशा दी। फोटोग्राफी से निर्देशन की ओर उनका यह कदम, एक सोची-समझी रणनीति थी, जिसमें उन्होंने अपनी कला को नया विस्तार दिया और खुद को निर्देशन की दुनिया में साबित किया।

निर्माता-निर्देशक के रूप में सफलता की सीढ़ियां

2014 में जितेंद्र ने बतौर निर्माता अपनी पहली हिंदी फीचर फिल्म “लाइव में ट्विस्ट है” बनाई, जिसे दर्शकों और समीक्षकों दोनों से सराहना मिली। इस सफलता ने उन्हें इंडस्ट्री में एक नई पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने 2017 में जी म्यूजिक के लिए “हीरिए” नामक म्यूजिक वीडियो डायरेक्ट किया, जो उनके निर्देशन करियर का एक टर्निंग पॉइंट बना। 2020 में उन्होंने “वूमेनहुड” नामक फिल्म का निर्देशन किया, जो महिलाओं से जुड़े संवेदनशील विषय पर आधारित थी। यह फिल्म सामाजिक सरोकारों को लेकर उनकी गहरी समझ और संवेदनशीलता को दर्शाती है। इस फिल्म को विभिन्न मंचों और फेस्टिवलों में सराहना मिली। जितेंद्र के काम में सिर्फ व्यावसायिकता नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी झलकती है। निर्देशन और निर्माण के साथ-साथ वे नई प्रतिभाओं को अवसर देने में भी विश्वास रखते हैं, जो उन्हें इंडस्ट्री में एक जिम्मेदार और दूरदर्शी निर्माता बनाता है।

‘बैकुंठ लोक’- एक नई राजनीतिक वेब सीरीज़ की तैयारी

वर्तमान में जितेंद्र श्रीवास्तव अपनी महत्वाकांक्षी वेब सीरीज़ “बैकुंठ लोक” की तैयारी में लगे हुए हैं, जिसका निर्देशन और निर्माण वे स्वयं कर रहे हैं। यह सीरीज़ 1992 के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर आधारित होगी, जिसमें बांदा जिले के दो युवाओं—माधव और मुरली—की कहानी दर्शाई जाएगी। यह वेब सीरीज़ दिखाएगी कि उस दौर में चुनाव कैसे लड़े जाते थे, अपराध कैसे पनपते थे और आम लोगों का जीवन कैसा था। इस सीरीज़ की शूटिंग उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, बांदा, महोबा, छतरपुर, लखनऊ, बाराबंकी और रायबरेली जैसे शहरों में की जाएगी। ताहा शाह बदुशा और राज परमार इसमें मुख्य भूमिका निभाएंगे, जबकि प्रियंका साहू और आहना शर्मा प्रमुख अभिनेत्री होंगी। कहानी वरिष्ठ लेखक सदाशिव दीक्षित ने लिखी है और संगीत सिद्धार्थ मिश्रा ने रचा है। इस सीरीज़ का संपादन संजय संकला कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिए जितेंद्र न केवल मनोरंजन बल्कि सामाजिक यथार्थ को भी पर्दे पर लाने का प्रयास कर रहे हैं।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *