• October 21, 2025

बच्चों को अच्छी स्वच्छता की आदतें सिखाना महत्वपूर्ण : कलेक्टर

 बच्चों को अच्छी स्वच्छता की आदतें सिखाना महत्वपूर्ण : कलेक्टर

कलेक्टर रणबीर शर्मा ने शनिवार को ज़िलास्तरीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर बच्चों को कृमिनाशक दवा (एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया। कार्यक्रम का आयोजन ज़िला मुख्यालय स्थित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल में आयोजित हुआ। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संतराम चुरेन्द्र, अनुविभागीय एवं दंडाधिकारी युगल किशोर उर्वशा, ज़िला शिक्षा अधिकारी अरविंद्र मिश्रा, ज़िला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) लता सहित स्वास्थ्य विभाग,स्कूल प्राचार्य, शिक्षक, शिक्षिका और छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को अच्छी स्वच्छता की आदतें सिखाना महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने नाखून काटने और उन्हें साफ रखने के लिए कहना चाहिए।लंबे नाखून अक्सर विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं के लिए आश्रय स्थल के रूप में कार्य करते हैं जो संक्रामक रोगों का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी की आधे से ज्याया जड़ साफ़-सफ़ाई से ना रहना है। इसलिए हम सभी ख़ास कर बच्चों में शुरू से स्वच्छता की आदत डालनी चाहिए। खाने या खाना बनाने से पहले और मिट्टी को छूने या शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथ धोएं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस देश के प्रत्येक बच्चे को कृमि मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है। यह हर साल दो एनडीडी राउंड के द्वरा से बड़ी संख्या में बच्चों और किशोरों तक पहुंचने वाले सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है। बच्चों को हाथ धोने की विधि बतायी गयीऔर साफ़-सफ़ाई से रहने कहा गया। कलेक्टर ने पोस्टर एवं क्विज प्रतियोगिता विजेता बच्चों को पुरस्कार वितरित किये गये। कलेक्टर विद्यार्थियों को व्यक्तिगत स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. चुरेन्द्र ने बताया कि इस बार जिले में 3 लाख 74 हजार 445 बच्चों एवं युवाओं को कृमिनाशक दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। यह दवा वर्ष में दो बार सेवन कराया जाता है। मितानिनों, ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों द्वारा समस्त ऑगनबाड़ी केन्द्रों एवं शासकीय विद्यालयों, शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं, केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, निजी स्कूलों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों, महाविद्यालयों, तकनीकी शिक्षा संस्थानों के माध्यम से दो से 19 वर्षीय बच्चों, किशोर एवं किशोरियों को कृमिनाशक दवा की गोली का सेवन कराया जाएगा तथा छूटे हुए बच्चों के लिए मॉप-अप दिवस 15 फ़रवरी को आयोजित किया जाएगा। इस दिन छूटे हुए बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि एक से दो वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को आधी गोली चम्मच के द्वारा पानी में चुरा करके तथा दो से 19 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को एक पूरी गोली चबाकर पानी के साथ दी जाएगी। एलबेन्डाजोल की गोली बच्चों और बड़ों के लिए सुरक्षित है।

डॉ. दीपक निराला ने बताया कि कुछ बच्चों के शरीर में कृमि के कारण कुछ मामूली प्रभाव जैसे जी मिचलाना, उल्टी-दस्त, पेट में हल्का दर्द और थकान अनुभव होने की संभावना हो सकती है। इसलिए संबंधित कर्मचारियों को अपने समक्ष ही बच्चों को कृमिनाशक गोली बच्चों खिलाएंगे। यदि किसी भी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति होने पर टोल फ्री नम्बर 104 पर सम्पर्क किया जा सकता है एवं रेफरल के लिए संजीवनी एम्बुलेंस 108 की सेवाएं भी ले सकते हैं।

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Rama Niwash Pandey

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