पाकिस्तानी नेताओं की धमकियों पर भारत का करारा जवाब, 48 घंटों में 3 पाकिस्तानी नेताओं के उकसावे वाले बयानों पर विदेश मंत्रालय ने दी सख्त हिदायत
लखनऊ / 14 अगस्त : भारत ने पाकिस्तान के नेतृत्व को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपनी बयानबाजी पर नियंत्रण रखे, वरना किसी भी गलत कदम के परिणाम भयावह होंगे। यह बयान 14 अगस्त 2025 को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिया, जब पिछले 48 घंटों में तीन पाकिस्तानी नेताओं ने भारत के खिलाफ धमकी भरे बयान दिए। ये धमकियां सिन्धु जल संधि (IWT) के निलंबन और कश्मीर मुद्दे को लेकर थीं, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
पाकिस्तानी नेताओं की धमकियां
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 12 अगस्त 2025 को इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में कहा, “दुश्मन (भारत) हमसे एक बूंद पानी भी नहीं छीन सकता। अगर ऐसी कोशिश की, तो पाकिस्तान ऐसा सबक सिखाएगा जो भारत कभी नहीं भूलेगा।” इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने भारत के किसी भी बांध को “10 मिसाइलों” से नष्ट करने की धमकी दी, जबकि पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने सिन्धु जल संधि के निलंबन को “सभ्यता पर हमला” करार दिया और भारत के नियंत्रण वाले छह नदियों को वापस लेने की बात कही। ये बयान भारत द्वारा अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिन्धु जल संधि को निलंबित करने के जवाब में आए, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
भारत का कड़ा रुख
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने पाकिस्तानी नेतृत्व के भारत विरोधी लापरवाह, युद्धोन्मादी और घृणास्पद बयानों को देखा है। यह पाकिस्तान का जाना-पहचाना तरीका है, जिसके जरिए वह अपनी नाकामियों को छिपाता है। हम पाकिस्तान को सलाह देते हैं कि वह अपनी बयानबाजी में संयम बरते। किसी भी दुस्साहस का परिणाम दर्दनाक होगा।” भारत ने स्पष्ट किया कि सिन्धु जल संधि का निलंबन पहलगाम हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम था, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) शामिल थे।
पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बायसरण घाटी में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय मुस्लिम पॉनी ऑपरेटर की मौत हो गई थी। हमलावरों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया और कुछ को इस्लामिक कलमा पढ़ने के लिए कहा। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा और TRF को जिम्मेदार ठहराया। इसके जवाब में भारत ने सिन्धु जल संधि को निलंबित किया, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित किया और सीमाएं बंद कर दीं। पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए शिमला समझौते को निलंबित कर दिया, व्यापार प्रतिबंध लगाए और हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। 7 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और कूटनीति
पाकिस्तानी नेताओं की धमकियों ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन कहा कि उसके संबंध दोनों देशों के साथ “अपरिवर्तित” हैं। विदेशी विशेषज्ञों का मानना है कि पानी और परमाणु हथियारों से जुड़ी ये धमकियां क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं। भारत ने इस मुद्दे पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए वैश्विक मंचों पर अपनी बात रखी है।
पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति
विश्लेषकों का मानना है कि शहबाज शरीफ और अन्य नेताओं के बयान पाकिस्तान की आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाते हैं। ये बयान घरेलू समर्थन हासिल करने और भारत के खिलाफ सख्त रुख दिखाने की कोशिश हैं। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए तैयार है।
