• October 22, 2025

भारत को समझना है तो श्रीराम को समझना पड़ेगा: तपन कुमार

 भारत को समझना है तो श्रीराम को समझना पड़ेगा: तपन कुमार

 आईआईएमटी विश्वविद्यालय में चल रहे दस दिवसीय दीक्षारम्भ के तीसरे दिन संघ प्रचारक तपन कुमार ने नवागंतुक विद्यार्थियों को भारत की संस्कृति, सभ्यता और आदर्श से परिचय कराया। उन्होंने कहा कि भारत को समझना है तो श्रीराम को समझना पड़ेगा

आईआईएमटी विश्वविद्यालय में यह कार्यक्रम स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड एप्लिकेशन एवं स्कूल ऑफ मीडिया, फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। संघ प्रचारक तपन कुमार ने कहा कि मोबाइल और टीवी की दुनिया से आप भारत को नहीं समझ सकते। उस आदर्श की स्थापना जिसे यदि धर्म कहा गया तो वह श्रीराम का जीवन है और श्रीकृष्ण का जीवन उस आदर्श की रक्षा करने के लिए उसे पुर्नस्थापित करने के लिए था। मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियां “हम कौन थे, क्या हो गए हैं और क्या होंगे अभी, आओ विचारें मिलकर ये समस्याएं सभी“ को गाकर उन्होंने अपने व्याख्यान की शुरुआत की। तपन कुमार ने द्वितीय विश्व युद्ध में धरातल पर पहुंच चुके जापान को नागरिकों की निष्ठा से विश्व में सर्वाेच्च देशों में शुमार होने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जापान का आम नागरिक भी अपने देश के लिए बड़े से बड़ा कष्ट उठाने के लिए हमेशा तैयार रहता है। नागरिकों की इसी सोच के कारण जापान आज विश्व क्षितिज पर सितारा बनकर चमक रहा है। उन्होंने कहा कि आप जीवन में चाहे इंजीनियर बनो, डॉक्टर बनो, वैज्ञानिक बनो या अन्य, लेकिन बनो अपने भारत के लिए। आधुनिक होने का अर्थ यह नहीं है कि आप पश्चिमी सभ्यता की नकल करते रहें। उन्होंने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र होने के स्थान पर स्वाधीनता मिलने की बात कही। इस अवसर पर डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. नीरज शर्मा ने विद्यार्थियों को जीवनोपयोगी सुझाव दिए। डीन डॉ. सूरज मलिक, विभागाध्यक्ष रचना चौधरी, विशाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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Rama Niwash Pandey

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