मूर्ति विसर्जन के बाद प्रदूषण रोकने की नई पहल आत्रेयी नदी के किनारे स्थापित की जाएगी हाइड्रोलिक ट्रॉली

मूर्ति विसर्जन की सुविधा के लिए बालुरघाट में आत्रेयी नदी के सदर घाट पर हाइड्रोलिक ट्रॉली लगाई जा रही है। इस ट्रॉली में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जिससे दुर्घटनाओं से भी आसानी से बचा जा सकता है। इसके अलावा इस हाइड्रोलिक ट्रॉली से प्रदूषण की समस्या का भी समाधान हो जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, नगर पालिका का लक्ष्य 33 लाख रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट को दुर्गा पूजा से पहले पूरा करने का है। पूजा आयोजकों को उम्मीद है कि हाइड्रोलिक ट्रॉली लगने से इस साल पूजा के उपरांत विसर्जन काफी सुगमता से हो सकेगा।
दक्षिण दिनाजपुर जिला सदर बालुरघाट और उसके आसपास के इलाकों की कम से कम 95 प्रतिशत मूर्तियां बालुरघाट शहर के अत्रेयी या सदर घाट पर विसर्जित की जाती हैं। इस घाट पर विभिन्न पूजाओं -दुर्गा, काली, गणेश, विश्वकर्मा की मूर्तियों के विसर्जन के बाद इस नदी प्रदूषण एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। इसके अलावा मूर्ति विसर्जन के समय अक्सर डूबने जैसी घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। इन्हीं मुद्दों को सामने रखते हुए बालुरघाट नगरपालिका की ओर से उस महत्वपूर्ण नदी घाट पर हाइड्रोलिक ट्रॉली लगाई जा रही है। जिसके लिए 33 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं।
