इजरायल और अमेरिका की जॉइंट ताकत के आगे कितना टिक पाएगा ईरान? देखें मिसाइलों और फाइटर जेट्स की तुलना
इजरायल ने पहले ही ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम और बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चरों को तबाह कर दिया है. ऐसी स्थिति में अब ईरान का अमेरिका और इजरायल दोनों के हमलों को रोक पाना मुश्किल नजर आ रहा है. इजरायल और अमेरिका की संयुक्त शक्ति के सामने ईरान कहीं नहीं टिकता है. अमेरिका के पास मिसाइल और फाइटर जेट्स का जखीरा है. वहीं ईरान के पास कुछ गिने-चुने मिसाइल हैं, जो 2000 किलोमीटर की दूरी भी मुश्किल से तय कर पाते हैं. ऐसे में ध्वस्त एयर डिफेंस और सीमित संख्या में मौजूद फाइटर जेट की बदौलत कब तक ईरान टिक पाएगा, ये बड़ा सवाल है. सिर्फ इजरायल की वायु शक्ति ही ईरान पर भारी पड़ रही है. इजरायल ने पहले ही ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम और बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चरों को तबाह कर दिया है. ऐसी स्थिति में अब ईरान का अमेरिका और इजरायल दोनों के हमलों को रोक पाना मुश्किल नजर आ रहा है. ऐसे में एक सरसरी निगाह डालते हैं इजरायल और यूएस की संयुक्त ताकत के मुकाबले ईरान के पास मौजूद युद्धक विमानों, मिसाइलों और अन्य हथियारों पर.
सिज्जल-2 बनाम बंकर बस्टर
इजरायल ने पिछले दिनों एक न्यू जेनरेशन मिसाइल लॉन्च किया, जिसे सिज्जल-2 बताया गया. इसके कई सारे वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं. वहीं इजरायल का बंकर बस्टर भी काफी चर्चा में है, क्योंकि यही वो हथियार है जो ईरान के दुर्गम इलाके में जमीन और पहाड़ के नीचे बने सुरक्षित बंकरों में चल रहे परमाणु प्रोजेक्ट को तबाह कर सकता है.
अमेरिका के युद्धक विमानों के जखीरे के सामने कहीं नहीं टिकता ईरान
ग्लोबल फायर पावर की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के पास युद्ध के लिए हमेशा 13 हजार एयरक्राफ्ट तैयार रहते हैं. इनमें नॉर्मल फाइटर जेट से लेकर कॉमबेट स्पेशल तक शामिल हैं. वहीं इजरायल के पास 611 युद्धक विमान हैं. इधर ईरान के पास कुल 551 एयरक्राफ्ट मौजूद हैं. सिर्फ फाइटर जेट की बात करें तो अमेरिका के पास 1790 और ईरान के पास इनकी संख्या मात्र 188 है. वहीं ईरान के पास 240 फाइटर जेट हैं.
स्पेशल मिशन के लिए ईरान के पास सिर्फ 10 फाइटर जेट
स्पेशल मिशन के लिए अमेरिका ने 647 कॉमबेट स्पेशल विमान रखे हैं और इजरायल के पास ऐसे विमानों की संख्या 19 है. वहीं ईरान की बात करें तो उनके पास स्पेशल मिशन के लिए सिर्फ 10 विमान हैं. युद्ध के समय चुनौतीपूर्ण हालात में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए डेडिकेटेड स्टील्थ और अन्य अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित 38 लड़ाकू विमान इजरायल के पास हैं. वहीं अमेरिका के पास ऐसे 889 विमान मौजूद हैं. इन दोनों के मुकाबले ईरान के पास ऐसे सिर्फ 21 विमान हैं.
इजरायल और यूएस के हमलावर हेलीकॉप्टर के सामने नाकाफी है ईरान
हमलावर हेलीकॉप्टर के मामले में भी ईरान इजरायल और अमेरिका की संयुक्त ताकत के सामने कहीं नहीं टिकता है. जहां इजरायल के पास अटैक हेलीकॉप्टर की संख्या 48 है. वहीं इरान के पास ऐसे सिर्फ 13 हेलीकॉप्टर हैं और अमेरिका के पास 1002 अटैक हेलीकॉप्टर हैं. ईरान के हेलीकॉप्टर्स की कुल संख्या भी इजरायल से कम है. ईरान के पास जहां 128 युद्धक हेलीकॉप्टर हैं, वहीं इजरायल के पास 147 मौजूद हैं और अगर अमेरिका की बात करें तो उनके पास 5843 हेलीकॉप्टर हैं.
ईरान के पास सिर्फ 2500 किलोमीटर तक मार करने वाले मिसाइल
आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, मिसाइलों की बात करें तो ईरान के पास छोटे, मध्यम और इंटर कॉन्टिनेंटल यानी बड़े रेंज की कई बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. ईरान के पास सिज्जल-2 नाम की एक मिसाइल है, जिसकी रेंज रेंज 1500 से 2500 किलोमीटर है. इसके मुकाबले इजरायल के पास जेरिको-2 है. इसकी रेंज 1500 से 3500 किलोमीटर है. वहीं अगर अमेरिका की बात करें तो इनके पास D-5 ट्राइडेंट जैसी मिसाइल हैं जिसकी रेंज 7400- 12000 किमी है.
13000 किमी दूर के टारगेट को भी तबाह कर सकता है अमेरिका
वहीं अमेरिका के पास मिनटमैन-3 जैसे लॉन्गरेंज की मिसाइलें भी हैं, जिसकी रेंज 9,650-13,000 किलोमीटर है. ईरान के पास सिज्जल-2 से ज्यादा रेंज की कोई मिसाइल नहीं है. सिज्जल-2 इजरायल के जेरिको -2 का भी मुकाबला नहीं कर सकती है. वहीं इजरायल की जेरिको-2 की रेंज तो और भी ज्यादा है. ये 4800 से 6500 किमी दूर तक के टारगेट को तबाह कर सकता है.
छोटी दूरी की मिसाइलों की ताकत भी कारगर नहीं
अगर छोटी दूरी की मिसाइलों की बात करें तो 150 से लेकर 700 किलोमीटर की रेंज की कई सारी मिसाइलें ईरान के पास मौजूद हैं. इनमें फतेह – 110, फतेह -313, साहब-1, साहब -2, जुल्फगार जैसी मिसाइलें हैं. इनके अलावा मध्यम रेंज की साहब तीन भी ऑपरेशनल है, जिसकी रेंज 800-1200 किमी है. वहीं इजारायल और अमेरिका की बात करें तो छोटे और मध्यम रेंज की मिसाइलों की इनके पास भरमार है.
ईरान की क्रूज और एंटी शिप मिसाइल की ताकत
क्रूज मिसाइल की बात करें तो ईरान के पास केएच-55 जैसे हवा से लॉन्च होने वाली मिसाइल भी हैं, जो न्यूक्लियर हथियारों को ले जाने में सक्षम हैं. वहीं या -अली जैसे जमीन से लॉन्च होने वाले क्रूज मिसाइल भी हैं, जो 700 किलोमीटर दूर के टारगेट को तबाह कर सकते हैं. वहीं लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल में एक सुमेर है, जिसकी मारक क्षमता 2000 किमी तक है. इसके अलावा ईरान के पास राड जैसे एंटीशिप मिसाइल भी मौजूद हैं, जो समुद्र से हमले की स्थिति में कारगर साबित हो सकते हैं. इसके अलावा नसर-1 जैसी मिसाइल भी है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि 3000 टन तक के वॉरशिप या टारगेट को तबाह कर सकती है