कर्नाटक में भीषण सड़क हादसा: चित्रदुर्ग में ट्रक और लग्जरी बस की टक्कर के बाद लगी आग, 9 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत, संख्या बढ़ने की आशंका
चित्रदुर्ग। कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले से दिल दहला देने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। गुरुवार तड़के एक भीषण सड़क दुर्घटना में कम से कम नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। यह हादसा हिरियूर के पास उस समय हुआ जब एक तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक ने एक निजी लग्जरी स्लीपर बस को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस में तुरंत आग लग गई और यात्रियों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, कई यात्री गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिसके कारण मृतकों का आंकड़ा और भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन आग इतनी भयावह थी कि जब तक उस पर काबू पाया जाता, तब तक नौ जिंदगियां खाक हो चुकी थीं। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहाँ डॉक्टरों की टीम उनकी जान बचाने की कोशिश कर रही है।
तड़के 2 बजे हुआ मौत का तांडव: अनियंत्रित ट्रक ने ली मासूमों की जान
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह भीषण दुर्घटना गुरुवार तड़के करीब 2 बजे के आसपास घटित हुई। उस समय अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे। प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक अचानक डिवाइडर पार कर दूसरी दिशा से आ रही निजी लग्जरी स्लीपर बस से जा टकराया। टक्कर लगते ही बस के डीजल टैंक या इलेक्ट्रिकल सर्किट में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई।
अंधेरा होने और बस के स्लीपर कोच होने के कारण यात्रियों के लिए बाहर निकलना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया था। जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। पुलिस का कहना है कि यह हादसा मानवीय चूक और तेज रफ्तार का नतीजा प्रतीत होता है, लेकिन तकनीकी पहलुओं की भी जांच की जा रही है।
घायल बस ड्राइवर का चौंकाने वाला बयान: ‘आंखों के सामने मौत जैसा मंजर था’
इस भीषण हादसे में बस चालक रफीक भी घायल हुए हैं, जिनका वर्तमान में अस्पताल में इलाज चल रहा है। होश में आने के बाद उन्होंने जो आपबीती सुनाई, वह बेहद खौफनाक है। रफीक ने बताया कि वह अपनी सामान्य गति यानी लगभग 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बस चला रहे थे। तभी अचानक उन्होंने देखा कि डिवाइडर के दूसरी तरफ से एक ट्रक बेहद तेज रफ्तार में अनियंत्रित होकर उनकी तरफ आ रहा है।
ड्राइवर रफीक के अनुसार, उन्होंने सामने से आती मौत को देखकर बस को संभालने और बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन ट्रक की गति इतनी अधिक थी कि पलक झपकते ही टक्कर हो गई। रफीक ने बताया कि बस को बचाने के चक्कर में उनकी गाड़ी बगल में चल रहे एक अन्य अज्ञात वाहन से भी टकरा गई थी। टक्कर के बाद क्या हुआ और उन्हें बस से बाहर कैसे निकाला गया, इस बारे में उन्हें कुछ भी याद नहीं है। उनका यह बयान दर्शाता है कि ट्रक चालक ने कितनी लापरवाही से वाहन चलाया होगा कि उसने डिवाइडर को ही पार कर दिया।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जताया गहरा शोक, दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी संवेदनाएं साझा करते हुए कहा कि वह इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के दुख में शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने चित्रदुर्ग बस दुर्घटना की पूरी और निष्पक्ष जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि इस बड़ी चूक के लिए कौन जिम्मेदार है। क्या यह ट्रक चालक की लापरवाही थी, वाहन में कोई तकनीकी खराबी थी या सड़क की बनावट में कोई दोष था। सरकार ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए और घायलों के इलाज में कोई कोताही न बरती जाए।
सुरक्षा मानकों और तेज रफ्तार पर फिर उठे सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा मानकों और निजी बसों में आग से बचाव के इंतजामों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। स्लीपर बसों में आग लगने की स्थिति में अक्सर बाहर निकलने के रास्ते सीमित होते हैं, जिससे ऐसे हादसों में जान-माल का नुकसान बढ़ जाता है। चित्रदुर्ग पुलिस अब इस मामले में ट्रक चालक की तलाश कर रही है और यह भी जांच कर रही है कि क्या वह नशे की हालत में था या उसे नींद की झपकी आ गई थी।
फिलहाल, पूरा चित्रदुर्ग जिला इस त्रासदी से सदमे में है। पुलिस मृतकों की शिनाख्त करने की कोशिश कर रही है ताकि उनके परिजनों को सूचित किया जा सके। अस्पताल के बाहर बिलखते परिजनों का जमावड़ा लगा हुआ है, जो अपने अपनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं।