• October 14, 2025

हापुड़ में डरावना हादसा: गंगा पुल पर लटकी रोडवेज बस, 16 यात्रियों की जान पर बनी

हापुड़, 4 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में ब्रजघाट गंगा पुल पर एक यूपी रोडवेज बस अनियंत्रित होकर रेलिंग तोड़ते हुए हवा में लटक गई। बस में सवार 16 यात्रियों की सांसें थम गईं, जब आधा हिस्सा गंगा नदी के ऊपर झूलने लगा। एक छोटी सी चूक और यह हादसा भयानक त्रासदी बन सकता था। ड्राइवर ने रास्ते की बाधा से बचने की कोशिश की, लेकिन बस का संतुलन बिगड़ गया। स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता से सभी यात्री सुरक्षित बच निकले। क्या थी इस हादसे की असल वजह? कैसे बची यात्रियों की जान? आइए, इस घटना की पूरी परतें खोलते हैं।

सड़क पर ईंट बनी मौत का पैगाम

रामपुर से दिल्ली जा रही यूपी रोडवेज बस ब्रजघाट गंगा पुल पर पहुंची ही थी कि सामने रास्ते में एक ईंट पड़ी नजर आई। तेज रफ्तार में चल रही बस के ड्राइवर ने तुरंत स्टेयरिंग घुमाई, ताकि ईंट से टकराव हो सके। लेकिन यह झटका इतना जोरदार था कि बस अनियंत्रित हो गई। रेलिंग तोड़ते हुए बस का अगला हिस्सा पुल से बाहर लटक गया, जबकि पिछला हिस्सा अभी भी सड़क पर अटका रहा। बस में सवार 16 यात्रियों में ज्यादातर परिवारों के सदस्य थे, जो दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे। अचानक झटके से चीख-पुकार मच गई। महिलाएं और बच्चे घबरा गए, जबकि कुछ युवा यात्रियों ने खिड़कियों से बाहर झांककर स्थिति का अंदाजा लगाया। आसपास के वाहन रुक गए, और सड़क पर अफरा-तफरी फैल गई। गनीमत रही कि बस पूरी तरह नीचे नहीं गिरी, वरना गंगा की धारा में सब कुछ बह जाता। यह घटना सड़क सुरक्षा की लापरवाही को उजागर करती है, जहां छोटी-छोटी बाधाएं भी बड़े खतरे पैदा कर सकती हैं। स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े, लेकिन ड्राइवर की हालत सबसे ज्यादा गंभीर थी।

यात्रियों की सांसें थम गईं, चमत्कारिक बचाव

बस के लटकते ही अंदर का माहौल डरावना हो गया। एक यात्री ने बताया, “हम सब सोच रहे थे कि बस गिर जाएगी, लेकिन ड्राइवर ने ब्रेक लगाकर इसे रोका।” यात्रियों ने एक-दूसरे का हाथ थामा, और कुछ ने मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। बाहर खड़े लोग चिल्ला रहे थे, “हिलो मत, मदद आ रही है।” पुलिस को सूचना मिलते ही हापुड़ थाने की टीम मौके पर पहुंची। राहगीरों ने रस्सियां बांधकर यात्रियों को खींचने की कोशिश की, लेकिन बस का वजन भारी होने से यह मुश्किल था। लगभग 20 मिनट की मशक्कत के बाद क्रेन बुलाई गई। क्रेन की चाबुक से बस को धीरे-धीरे खींचा गया, और एक-एक कर सभी 16 यात्रियों को सुरक्षित उतारा गया। ज्यादातर को मामूली खरोंचें आईं, लेकिन कोई गंभीर चोट नहीं। एक बुजुर्ग यात्री ने कहा, “भगवान की कृपा से बचे, वरना परिवार बर्बाद हो जाता।” यह बचाव ऑपरेशन स्थानीय लोगों की एकजुटता का प्रतीक बना। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे देश में सड़क पर बिखरे कचरे की समस्या पर बहस छिड़ गई। हादसे ने पुल की सुरक्षा बाड़ को भी कमजोर साबित किया।

ड्राइवर घायल, सबक भरा हादसा

हादसे में सबसे ज्यादा प्रभावित ड्राइवर हुआ, जो ईंट से बचाने की जल्दबाजी में घायल हो गया। उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सिर और पैर की चोटों का इलाज शुरू किया। यात्रियों को वैकल्पिक रोडवेज बस से दिल्ली भेज दिया गया, ताकि उनकी यात्रा बाधित न हो। एक्सीडेंट के बाद पुल पर ट्रैफिक जाम हो गया, लेकिन पुलिस ने तुरंत वैकल्पिक रूट खोल दिए। यूपी रोडवेज अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं, ताकि सड़क पर बिखरे पत्थर-ईंटों की समस्या का समाधान हो। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हादसा ड्राइवर ट्रेनिंग और सड़क रखरखाव की कमी को दर्शाता है। जून में गुजरात ब्रिज हादसे के बाद यह घटना फिर सतर्कता की याद दिलाती है। यात्रियों ने राहत की सांस ली, लेकिन ड्राइवर की हालत चिंताजनक बनी हुई है। यह घटना न सिर्फ एक चमत्कार है, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा संदेश भी। अब सवाल यह है कि क्या सरकारी स्तर पर ठोस कदम उठेंगे, ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों।
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *