असम के विकास को नई रफ्तार देने पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह: करोड़ों की परियोजनाओं का किया शिलान्यास और उद्घाटन
असम : भारत के गृह मंत्री अमित शाह आज असम के एक दिवसीय महत्वपूर्ण दौरे पर हैं, जहाँ वे राज्य के बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक विरासत और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से करोड़ों रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात दे रहे हैं। यह दौरा न केवल असम के विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है। गृह मंत्री का यह दौरा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रविवार रात को शुरू होना था, लेकिन खराब मौसम और घने कोहरे के कारण उनके विमान के उड़ान न भर पाने की वजह से इसे सोमवार के लिए पुनर्निर्धारित किया गया। अब शाह अपने व्यस्त कार्यक्रम के माध्यम से असम के विभिन्न जिलों में विकास की नई इबारत लिख रहे हैं।
शहीदों को नमन और असम आंदोलन की स्मृतियों को सम्मान
गृह मंत्री अमित शाह के असम दौरे की शुरुआत भावुक और गरिमापूर्ण तरीके से हुई। गुवाहाटी पहुंचने के बाद शाह सबसे पहले ‘शहीद स्मारक क्षेत्र’ पहुंचे, जहाँ उन्होंने असम आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। असम आंदोलन, जो अवैध घुसपैठ के खिलाफ राज्य की पहचान और अस्मिता को बचाने के लिए लड़ा गया था, उसके शहीदों का सम्मान भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं में रहा है। गृह मंत्री ने इस अवसर पर शहीदों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि राज्य की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करना ही इन वीर सपूतों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस स्मारक स्थल पर उनकी उपस्थिति ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि केंद्र सरकार असम की जनसांख्यिकीय सुरक्षा और स्थानीय अधिकारों के संरक्षण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थल बटाद्रवा थान का कायाकल्प
अपने दौरे के अगले पड़ाव में अमित शाह नागांव जिले के बोरदुवा पहुंचे, जो महान वैष्णव संत और समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली है। यहाँ उन्होंने बटाद्रवा थान के पुनर्विकास प्रोजेक्ट का भव्य उद्घाटन किया। यह प्रोजेक्ट लगभग 227 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य इस ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल को एक प्रमुख पर्यटन और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करना है। श्रीमंत शंकरदेव न केवल असम बल्कि पूरे भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में एक ऊंचा स्थान रखते हैं। उनके द्वारा स्थापित सत्राधिकार परंपरा असमिया समाज की नींव रही है। इस पुनर्विकास परियोजना के तहत मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं और संत शंकरदेव के जीवन दर्शन को दर्शाने वाले संग्रहालयों का निर्माण किया गया है। गृह मंत्री ने इस दौरान एक विशाल जनसभा को भी संबोधित किया, जहाँ उन्होंने असम की सांस्कृतिक विरासत को संजोने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और जोर दिया कि बिना अपनी जड़ों को पहचाने कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता।
गुवाहाटी की सुरक्षा के लिए ‘तीसरी आंख’: आईसीसीएस सेंटर का उद्घाटन
सांस्कृतिक कार्यक्रमों और धार्मिक स्थलों के दर्शन के बाद गृह मंत्री का ध्यान राज्य की आंतरिक सुरक्षा और शहरी प्रबंधन की ओर केंद्रित हुआ। गुवाहाटी वापस लौटकर उन्होंने शहर की सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए कई तकनीकी परियोजनाओं का अनावरण किया। शाह ने 189 करोड़ रुपये की लागत से बने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (ICCS) का उद्घाटन किया। यह सिस्टम गुवाहाटी के लिए एक ‘डिजिटल सुरक्षा कवच’ की तरह काम करेगा। आईसीसीएस के माध्यम से पूरे शहर में लगे 2,000 से अधिक उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों की निगरानी एक ही छत के नीचे से की जा सकेगी। यह प्रणाली न केवल अपराध नियंत्रण में सहायक होगी, बल्कि यातायात प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया समय को कम करने में भी क्रांतिकारी साबित होगी। इसके साथ ही, गृह मंत्री ने गुवाहाटी पुलिस कमिश्नरेट की 111 करोड़ रुपये की लागत से बनी नई और अत्याधुनिक इमारत का भी उद्घाटन किया, जो पुलिस बल को बेहतर कार्य वातावरण और संसाधन प्रदान करेगी।
सांस्कृतिक वैभव का नया प्रतीक: ज्योति बिष्णु सांस्कृतिक परिसर
अमित शाह के इस दौरे का एक और प्रमुख आकर्षण ज्योति बिष्णु सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन रहा। लगभग 291 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि से निर्मित यह परिसर असम की कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इस परिसर की सबसे बड़ी विशेषता इसका 5,000 सीटों वाला विशाल ऑडिटोरियम है, जो उत्तर-पूर्व भारत के सबसे बड़े सभागारों में से एक है। इस परिसर का नामकरण असम के दो महान व्यक्तित्वों, ज्योति प्रसाद अग्रवाल और बिष्णु प्रसाद राभा के नाम पर किया गया है, जिन्होंने असमिया साहित्य और संगीत को नई ऊंचाइयां दी थीं। यह केंद्र स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करने के साथ-साथ बड़े अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक आयोजनों की मेजबानी करने में भी सक्षम होगा। गृह मंत्री ने इस प्रोजेक्ट के माध्यम से संदेश दिया कि विकास का अर्थ केवल सड़कों और इमारतों का निर्माण नहीं है, बल्कि अपनी कला और संस्कृति को जीवित रखना भी है।
असम के समग्र विकास की दिशा में एक ठोस कदम
गृह मंत्री का यह एक दिवसीय दौरा असम के बदलते स्वरूप की एक झलक पेश करता है। 2025 के इस दौर में, जहाँ भारत तेजी से डिजिटल और बुनियादी ढांचे की ओर बढ़ रहा है, असम जैसे उत्तर-पूर्वी राज्य इन विकास परियोजनाओं के माध्यम से मुख्यधारा से और मजबूती से जुड़ रहे हैं। करोड़ों रुपये के इन निवेशों से न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि पर्यटन को भी भारी बढ़ावा मिलेगा। श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान का पुनर्विकास धार्मिक पर्यटन को आकर्षित करेगा, जबकि सुरक्षा क्षेत्र में किए गए निवेश से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। शाह ने अपने भाषणों में बार-बार दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘अष्टलक्ष्मी’ यानी पूर्वोत्तर के आठों राज्य अब देश के विकास का इंजन बन रहे हैं।
शाम को नई दिल्ली रवाना होने से पहले गृह मंत्री ने असम सरकार और मुख्यमंत्री के साथ राज्य की कानून-व्यवस्था और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा भी की। कुल मिलाकर, अमित शाह का यह दौरा असम के लिए उम्मीदों भरा रहा है, जहाँ उन्होंने एक ओर आध्यात्मिक मूल्यों का सम्मान किया, तो दूसरी ओर आधुनिक तकनीक के माध्यम से भविष्य के असम की नींव रखी। इन परियोजनाओं का सफल क्रियान्वयन आने वाले समय में असम को एक सुरक्षित, समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से संपन्न राज्य के रूप में स्थापित करेगा।