अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर एनआईए को नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एनआईए को नोटिस जारी किया है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 12 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया।
दिल्ली का पटियाला हाउस कोर्ट शब्बीर शाह की जमानत याचिका खारिज कर चुका है। शब्बीर शाह ने पटियाला हाउस कोर्ट के इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने शब्बीर शाह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ये एक गंभीर अपराध है, जिसमें पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए टेरर फंडिंग को अंजाम दिया गया। इस अपराध में शब्बीर शाह ने खासी भूमिका निभाई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शब्बीर शाह के वकील से पूछा था कि आप अपने मुवक्किल से पूछिए कि क्या उसका न्यायपालिका पर भरोसा है। इसके जवाब में शब्बीर शाह के वकील ने कहा कि उसका न्यायपालिका पर भरोसा है।
ईडी के मुताबिक शब्बीर शाह जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के भी संपर्क में था। जमात-उद-दावा पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध लगा चुका है। ईडी ने कहा कि शब्बीर शाह मोहम्मद शफी शायर के संपर्क में भी था जो जम्मू की जेल से निकलने के बाद अपने परिवार समेत पाकिस्तान भाग गया था। ईडी ने कहा कि इन गंभीर अपराधों की अभी आगे जांच करनी है। ऐसे में अगर शब्बीर शाह को रिहा किया गया तो पूरी साजिश का पता लगाने की प्रक्रिया को झटका लगेगा।
शब्बीर शाह फिलहाल तिहाड़ जेल में दो मामलों में जेल में बंद है। एक मामला टेरर फंडिंग का है और दूसरा मनी लांड्रिंग का है। शब्बीर शाह के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में 2007 में केस दर्ज किया गया था। शब्बीर शाह को 25 जुलाई 2017 को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
