अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता में भुलक्कड़ ने किया हरिद्वार का नाम रोशन

नेपाल की अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला शक्ति कविता प्रतियोगिता में नेपाल और तंजानिया यूएस सहित भारत के 20 राज्यों से 625 महिला, पुरुष रचनाकारों ने नारी के विषय में अपनी कविता के माध्यम से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
प्रतियागिता में उत्कृष्ट 100 साहित्यकारों का चयन होना था, जिसमें पथरी थाना क्षेत्र के गांव नसीरपुर कलां हरिद्वार निवासी पुष्पराज धीमान भुलक्कड़ द्वारा नारी पर लिखा गया गीत. युगों-युगों से नारी, रही पुरुषों पर भारी, दुनिया में हम ना होते, जो ना होती महतारी, की प्रशंसा करते हुए संस्था के अध्यक्ष आनंद गिरि मायालु ने बताया कि भुलक्कड़ ने मातृभाषा कविता प्रतियोगिता में भी सौ साहित्यकाराें की बनाई गई सूची में टॉप 10 में स्थान बनाया था।
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय काव्य महोत्सव में हास्य और गजलों से मंच की शान बढ़ाने वाले पुष्पराज धीमान भुलक्कड़ की रचनाएं यथार्थ और प्रेरणादायक होती हैं। हरिद्वार से भुलक्कड़ के अलावा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से पंकज बिंदास और नैनीताल से डॉक्टर शशि जोशी को भी महिला शक्ति काव्य रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट सभी रचनाकारों का जीवन परिचय विश्व की सबसे बड़ी साहित्यिक परिचय डायरेक्टरी में प्रकाशित किया जाएगा। इसके अलावा अगले वर्ष नेपाल में होने वाली गौरवशाली सम्मान समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
भारत के कई राज्यों की साहित्यिक संस्थाएं कर चुकी भुलक्कड़ को सम्मानित-
पुष्पराज धीमान भुलक्कड़ भले ही आर्थिक रूप से कमजोर हों, लेकिन वह विभिन्न प्रतिभाओं के धनी हैं। भुलक्कड़ साहित्य के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पत्रकारिता एवं समाज सेवा के क्षेत्र में भी अपनी खासी पहचान रखते हैं। साहित्य के क्षेत्र में उनकी साहित्यिक सेवाओं को देखते हुए भारत के कई राज्यों की विभिन्न साहित्यिक संस्थाएं एवं अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संस्थाएं उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं। पुष्पराज धीमान कहते हैं कि उनकी सीमित आय होने की वजह से उनकी पुस्तकों का प्रकाशन नहीं हो पाया है। इतनी बात जरूर है कि उनकी रचनाएं विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं और अन्य कवियों के साझा संकलन मंे जीवन परिचय सहित जरूर प्रकाशित होती रहती हैं।
