हरी खाद से सुधारे मिट्टी की सेहत,पूर्वी चंपारण जिले में 916.80 क्विंटल ढैचा बीज का आवंटन
रसायनिक उर्वरक व कीटनाशक के प्रभाव को कम करने के लिए जिले में 916.80 क्विंटल ढैंचा बीज आवंटित किया गया है, जिससे तैयार हरी खाद से मिट्टी की सेहत को सुधारा जायेगा।
कृषि विशेषज्ञो के अनुसार ढैंचा से तैयार हरी खाद में नौ पोषक तत्व मौजूद होते है।किसान भाई कम लागत में इसे तैयार कर सकते है। इससे भूमि को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिलता है,जिससे यूरिया पर निर्भरता कम होगी।साथ ढैंचा से तैयार हरी खाद से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थो की मात्रा भी बढ़ती है,जिससे खेतो में नमी व कई पोषक तत्व मिलने से भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है।
कृषि विशेषज्ञ के अनुसार ढैंचा को खेत में पलटकर सड़ाने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैलिशयम, मैगनीशियम, जस्ता, तांबा, लोहा आदि तमाम प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं,जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी। ढैंचा के साथ ही हरी खाद के लिए उड़द, मूंग जैसे फसल भी कारगर है,जिसे खेतो में पलटकर हरी खाद बनाया सकता है।
जिला कृषि विभाग द्धारा बताया गया कि राज्य सरकार ने रसायनिक खाद पर निर्भरता को कम कर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए ढैंचा सहित मूंग व उड़द फसल की खेती को बढ़ावा दे रही है। हरी खाद के लिए ढैंचा बीज पर किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दे रही है। शेष 10 प्रतिशत राशि किसानों को भुगतान करना होगा।इस प्रकार 8 हजार रुपये क्विंटल ढैचा पर 6300 रुपये अनुदान दिया जायेगा। योजना के अनुसार प्रति किसान को 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज दिया जायेगा।
डीएओ प्रवीण कुमार ने बताया कि हरी खाद के बीज के लिए इच्छुक किसान कृषि पोर्टल पर 10 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही खरीफ मौसम के लिए मोटे अनाज के बीज के लिए आवेदन आमंत्रित है। किसानो के बीच बीज वितरण 5 जून से 15 जून तक किया जायेगा।