• December 31, 2025

एचएयू को हस्तशिल्प कुर्सी डिजाइन करने पर मिला पेटेंट कार्यालय से प्रमाण-पत्र

 एचएयू को हस्तशिल्प कुर्सी डिजाइन करने पर मिला पेटेंट कार्यालय से प्रमाण-पत्र

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के शोधार्थियों द्वारा हस्तशिल्प कुर्सी का डिजाइन विकसित करने पर भारतीय पेटेंट कार्यालय ने डिजाइन का पंजीकरण प्रदान किया है। इस डिजाइन को भारत सरकार की ओर से प्रमाण पत्र मिल गया है, जिसकी डिजाइन संख्या 386667-001 है। कुर्सी का डिजाइन विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डा. मंजु महता की देखरेख में दो शोध छात्राओं आयशा और मीनू जाखड़ ने किया।

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने शुक्रवार को बताया कि विश्वविद्यालय को लगातार मिल रही उपलब्धियां यहां के वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों की कड़ी मेहनत का नतीजा है। शोधार्थियों द्वारा विकसित किए गए डिजाइन के पंजीकरण का प्रमाण-पत्र मिलने पर उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक एवं शोधार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प डिजाइन विकसित करने से इस क्षेत्र में विद्यार्थियों को और आगे बढऩे के अवसर प्राप्त होंगे।

विश्वविद्यालय ने बौद्धिक संपदा अधिकारों में हासिल की उल्लेखनीय उपलब्धियां

प्रो. कम्बोज ने बताया कि हकृवि ने विगत वर्षों में 119 तकनीकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की प्राप्ति के लिए भारतीय पेटेंट की डिजाइन व ट्रेडमार्क तथा कॉपीराइट आफिस में आवेदन किए। जिनमें से अभी तक 54 तकनीकों के लिए अधिकार प्रदान हुए है। पिछले 3 वर्षों में उल्लेखीय उपलब्धि प्राप्त करते हुए विश्वविद्यालय में 6 पेटेंट, 11 कॉपीराइट व 11 डिजाइन सहित कुल 28 बौद्धिक संपदा अधिकार प्राप्त हुए। विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार किसी भी राष्ट्र व संस्थान की शोध गुणवत्ता, शैक्षिक स्तर का स्तंभ है। विश्वविद्यालय की वैश्विक रैंकिंग तथा शोधार्थियों के रोजगार क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान है। किसी तकनीक को बौद्धिक संपदा अधिकार मिलने में उसकी व्यवसायिक संभावनाएं व विश्वसनियता में भी बढ़ोतरी होती है। इसलिए वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों में बौद्धिक संपदा बढ़ाने हेतु प्रयास जारी है। इस अवसर पर ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा, स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. केडी शर्मा, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बीना यादव, सम्पदा अधिकारी एवं मुख्य अभियंता डॉ. एमएस सिद्धपुरिया, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य एवं आइपीआर सैल के प्रभारी डॉ. विनोद सांगवान उपस्थित रहे।

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