गिरीश महाजन का दावा- उद्धव ठाकरे के कई सांसद और विधायक संपर्क में, शिवसेना में खलबली
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर दल-बदल की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन के एक बयान ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) में खलबली मचा दी है। महाजन ने दावा किया है कि शिवसेना (UBT) के कई सांसद और विधायक उनके संपर्क में हैं और उन्हें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें “पलटी बहादुर” करार दिया और उनके आचरण को अपरिपक्व बताया।
उद्धव ठाकरे पर गिरीश महाजन का हमला
सोलापुर में एक बयान में गिरीश महाजन ने कहा, “उद्धव ठाकरे गुट के कई विधायक और सांसद मेरे संपर्क में हैं। अगर आपको मेरी बात पर यकीन नहीं, तो जल्द ही आप इसे खुद देख लेंगे।” उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में लोगों का विश्वास खत्म हो चुका है। महाजन ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने मौजूदा सरकार का विरोध करने के लिए अपना रुख बदला है। उन्होंने कहा, “आगामी जिला परिषद, पंचायत समिति और नगर निगम चुनावों के नतीजे यह साफ कर देंगे कि जनता का प्रत्येक नेता पर कितना भरोसा है।”
सोलापुर में एक बयान में गिरीश महाजन ने कहा, “उद्धव ठाकरे गुट के कई विधायक और सांसद मेरे संपर्क में हैं। अगर आपको मेरी बात पर यकीन नहीं, तो जल्द ही आप इसे खुद देख लेंगे।” उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में लोगों का विश्वास खत्म हो चुका है। महाजन ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने मौजूदा सरकार का विरोध करने के लिए अपना रुख बदला है। उन्होंने कहा, “आगामी जिला परिषद, पंचायत समिति और नगर निगम चुनावों के नतीजे यह साफ कर देंगे कि जनता का प्रत्येक नेता पर कितना भरोसा है।”
‘बाल ठाकरे की विचारधारा से भटके उद्धव’
गिरीश महाजन ने उद्धव ठाकरे पर अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को छोड़ने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “2019 के विधानसभा चुनावों के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने की चाहत में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से गठबंधन किया। इस दौरान उन्होंने बालासाहेब के हिंदुत्व के सिद्धांतों को दरकिनार कर दिया। इस फैसले ने उनका राजनीतिक भविष्य बर्बाद कर दिया।”
गिरीश महाजन ने उद्धव ठाकरे पर अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को छोड़ने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “2019 के विधानसभा चुनावों के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने की चाहत में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से गठबंधन किया। इस दौरान उन्होंने बालासाहेब के हिंदुत्व के सिद्धांतों को दरकिनार कर दिया। इस फैसले ने उनका राजनीतिक भविष्य बर्बाद कर दिया।”
उद्धव-राज ठाकरे की मुलाकात के बाद बढ़ी सियासी गर्मी
हाल ही में उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने लगभग दो दशक बाद मुंबई में एक रैली में मंच साझा किया था। इस घटना के बाद गिरीश महाजन का यह बयान आया है, जिसने महाराष्ट्र की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।
हाल ही में उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने लगभग दो दशक बाद मुंबई में एक रैली में मंच साझा किया था। इस घटना के बाद गिरीश महाजन का यह बयान आया है, जिसने महाराष्ट्र की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।
त्रिभाषा नीति पर भी विवाद
गिरीश महाजन ने त्रिभाषा नीति के कार्यान्वयन को लेकर भी उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ठाकरे का रवैया अपरिपक्व है और वह केवल विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं। महाराष्ट्र की सियासत में यह बयान कितना असर डालेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल शिवसेना (UBT) में इस बयान ने बेचैनी बढ़ा दी है।
गिरीश महाजन ने त्रिभाषा नीति के कार्यान्वयन को लेकर भी उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ठाकरे का रवैया अपरिपक्व है और वह केवल विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं। महाराष्ट्र की सियासत में यह बयान कितना असर डालेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल शिवसेना (UBT) में इस बयान ने बेचैनी बढ़ा दी है।
