पूर्व JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना रेप मामले में दोषी: कोर्ट में फूट-फूटकर रोया, कल सजा का ऐलान; घरेलू सहायिका का शोषण
लखनऊ/ 1 अगस्त :कर्नाटक के पूर्व जनता दल (सेक्युलर) सांसद प्रज्वल रेवन्ना को 1 अगस्त 2025 को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने रेप मामले में दोषी करार दिया। यह मामला हासन जिले के होलेनरसीपुरा में एक घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार और यौन शोषण से जुड़ा है। कोर्ट का फैसला सुनते ही प्रज्वल कोर्ट में भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे। सजा की अवधि का ऐलान 2 अगस्त 2025 को होगा। इस मामले ने न केवल प्रज्वल के राजनीतिक करियर को झटका दिया, बल्कि उनके परिवार और जेडीएस की साख पर भी सवाल उठाए हैं। आइए, इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे के तथ्यों को समझते हैं।
मामला क्या है?
प्रज्वल रेवन्ना, जो पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और होलेनरसीपुरा विधायक एच.डी. रेवन्ना के बेटे हैं, पर 2024 में कई यौन शोषण और बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे। पहला मामला अप्रैल 2024 में होलेनरसीपुरा ग्रामीण पुलिस स्टेशन में एक 48 वर्षीय घरेलू सहायिका ने दर्ज कराया था, जो रेवन्ना परिवार के गन्निकड़ा फार्महाउस में काम करती थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रज्वल ने 2021 में दो बार उसका बलात्कार किया और इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया।मामले की जांच के लिए कर्नाटक पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। SIT ने 1,632 पेज का चार्जशीट दाखिल किया, जिसमें 113 गवाहों के बयान, फोरेंसिक सबूत, और वीडियो शामिल थे। सबूतों में पीड़िता के कपड़ों पर प्रज्वल का डीएनए और रिकॉर्ड किए गए वीडियो में उसकी आवाज की पुष्टि शामिल थी।
कोर्ट में क्या हुआ?
बेंगलुरु की विशेष जनप्रतिनिधि अदालत, जिसके जज संतोष गजानन भट हैं, ने 1 अगस्त 2025 को प्रज्वल को दोषी ठहराया। यह फैसला सिर्फ 14 महीने में आया, जो इस तरह के मामलों में असामान्य रूप से तेज माना जा रहा है। प्रज्वल को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2)(k) (प्रभुत्व की स्थिति में बलात्कार), 376(2)(n) (एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार), 354(A) (यौन उत्पीड़न), 354(B) (कपड़े उतारने के इरादे से हमला), 354(C) (निजता का उल्लंघन), 506 (आपराधिक धमकी), और 201 (सबूत मिटाने) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66(E) (निजता का उल्लंघन) के तहत दोषी पाया गया। फैसले के बाद प्रज्वल कोर्ट में भावुक हो गए और रोने लगे।
सबूत और जांच
SIT की जांच में कई अहम सबूत सामने आए:वीडियो सबूत: पीड़िता का एक वीडियो, जिसमें वह प्रज्वल से रिहाई की गुहार लगा रही थी, SIT ने बरामद किया। फोरेंसिक विश्लेषण से पुष्टि हुई कि वीडियो में प्रज्वल की आवाज थी। डीएनए सबूत: पीड़िता के कपड़ों पर प्रज्वल का डीएनए मिला, जो मामले में निर्णायक सबूत बना। 113 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें पीड़िता और अन्य महत्वपूर्ण गवाह शामिल थे।
प्रज्वल ने 27 अप्रैल 2024 को हासन लोकसभा चुनाव के ठीक बाद जर्मनी भाग गया था, लेकिन 31 मई 2024 को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर लौटते ही गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी कई जमानत याचिकाएं कर्नाटक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थीं।
पीड़िता और समाज का दर्द
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि प्रज्वल ने अपनी सत्ता और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए उसका यौन शोषण किया। वीडियो में वह प्रज्वल से कह रही थी, “मैंने आपके पिता और परिवार के लिए खाना बनाया है, मुझे छोड़ दो।” इस वीडियो ने लोकसभा चुनाव के दौरान हासन में भारी बवाल मचाया था, क्योंकि हजारों पेन ड्राइव में प्रज्वल के कथित यौन शोषण के वीडियो वायरल हो गए थे।
