‘पहले इजरायल रोके हमले, फिर हम…’ ईरान की युद्धविराम की अपील, सैटेलाइट तस्वीरों में तबाही का मंजर
मध्य-पूर्व में युद्ध का तीसरा दिन: 15 जून 2025 तक इजरायल और ईरान के बीच छिड़ा सैन्य संघर्ष तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। इजरायल के “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के परमाणु, सैन्य, और ऊर्जा ठिकानों पर लगातार हमलों ने ईरान को भारी नुकसान पहुंचाया है। जवाब में, ईरान ने तेल अवीव, यरुशलम, और हाइफा पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे, जिससे इजरायल में भी तबाही मची। सैटेलाइट तस्वीरों ने दोनों देशों में हुए विनाश को उजागर किया है। इस बीच, ईरान ने युद्धविराम की अपील की है, जिसमें उसने कहा, “पहले इजरायल अपने हमले रोके, फिर हम जवाबी कार्रवाई रोकेंगे।” यह लेख इस संघर्ष, सैटेलाइट इमेज के निष्कर्ष, और ईरान की युद्धविराम की गुहार के पीछे के हालात को तथ्यपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करता है।
इजरायली हमले: ईरान में तबाही का मंजर
इजरायल ने 13 जून 2025 से शुरू हुए अपने सैन्य अभियान में 200 से अधिक लड़ाकू विमानों और ड्रोन का इस्तेमाल कर ईरान के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया। सैटेलाइट तस्वीरें, विशेष रूप से मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा 14-15 जून को ली गईं, निम्नलिखित नुकसान को दर्शाती हैं:
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नतांज परमाणु सुविधा: नतांज का पायलट फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (PFEP) और इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन पूरी तरह नष्ट। 1700 से अधिक उन्नत सेंट्रीफ्यूज तबाह, जिसने ईरान की 60% संवर्धित यूरेनियम उत्पादन क्षमता को ठप कर दिया।
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तेहरान और अन्य शहर: तेहरान के रिहायशी इलाकों, हमादान और तबरिज़ एयरबेस, और पारचिन सैन्य परिसर में विस्फोट। सैटेलाइट इमेज में मलबा और धुंआ साफ दिखाई देता है।
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साउथ पार्स गैस फील्ड: दुनिया की सबसे बड़ी गैस फील्ड साइट पर इजरायली मिसाइल हमले से उत्पादन रुका। सैटेलाइट तस्वीरों में आग और धुंआ दिखा।
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मानव हानि: ईरान ने 78 लोगों की मौत की पुष्टि की, जिसमें 29 बच्चे, छह परमाणु वैज्ञानिक, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर हुसैन सलामी, और सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बघेरी शामिल हैं। 329 लोग घायल हैं।
इजरायल का दावा है कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को 1-2 साल पीछे धकेल दिया।
ईरान का जवाबी हमला: तेल अवीव और हाइफा में विनाश
ईरान ने इजरायल के हमलों के जवाब में “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस” के तहत 13-15 जून को 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। सैटेलाइट तस्वीरें और ग्राउंड फुटेज निम्नलिखित नुकसान दिखाते हैं:
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तेल अवीव: रमात गान में एक अपार्टमेंट ब्लॉक और सेंट्रल तेल अवीव में इमारतें क्षतिग्रस्त। सैटेलाइट इमेज में मलबा और जली हुई संरचनाएं दिखीं।
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हाइफा: 15 जून को ईरानी मिसाइलों ने हाइफा के रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिससे भारी नुकसान हुआ।
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मानव हानि: इजरायल में 7-13 लोगों की मौत और 300 से अधिक घायल। तेल अवीव के इचिलोव मेडिकल सेंटर में सात घायल भर्ती, जिनमें एक की हालत गंभीर।
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इजरायल का डिफेंस: आयरन डोम और डेविड्स स्लिंग जैसे एयर डिफेंस सिस्टम ने अधिकांश मिसाइलों को नष्ट किया, लेकिन कुछ मिसाइलें रिहायशी इलाकों में गिरीं।
ईरान ने दावा किया कि उसने इजरायली रक्षा मंत्रालय और तीन F-35 विमानों को नष्ट किया, हालांकि इजरायल ने इसकी पुष्टि नहीं की।
ईरान की युद्धविराम की अपील: घुटनों पर?
15 जून 2025 को ईरान ने युद्धविराम की अपील की, जिसमें विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा, “पहले इजरायल अपने हमले रोके, फिर हम जवाबी कार्रवाई रोकेंगे।” यह बयान इजरायल के लगातार हमलों और ईरान के भारी नुकसान के बाद आया।
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पृष्ठभूमि: ईरान ने नतांज और साउथ पार्स गैस फील्ड की तबाही, साथ ही अपने शीर्ष सैन्य और वैज्ञानिक नेतृत्व की हानि से दबाव महसूस किया। सैटेलाइट तस्वीरों में नुकसान की गंभीरता साफ है।
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ईरान का रुख: सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बदले की कसम खाई, लेकिन युद्धविराम की अपील को रणनीतिक कदम माना जा रहा है। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के खिलाफ शिकायत दर्ज की, इसे “अमेरिकी समर्थन वाला आतंकवाद” करार दिया।
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इजरायल की प्रतिक्रिया: नेतन्याहू ने युद्धविराम की अपील को ठुकराते हुए कहा, “ईरान रुके, वरना और बड़ी तबाही होगी।” उन्होंने दावा किया कि ईरान का परमाणु खतरा अब भी बना हुआ है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ईरान की यह अपील कमजोरी नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक दबाव बनाने की रणनीति है।
वैश्विक और क्षेत्रीय प्रतिक्रियाएं
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अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को परमाणु समझौते की मेज पर लौटने की सलाह दी, लेकिन चेतावनी दी कि और हमले “कठोर” होंगे।
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जॉर्डन और सऊदी अरब: जॉर्डन ने अपने हवाई क्षेत्र को युद्ध के लिए उपयोग से इनकार किया, जबकि सऊदी मीडिया ने हिजबुल्ला को ईरान के समर्थन में न उलझने की चेतावनी दी।
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पाकिस्तान और भारत: पाकिस्तान ने हमले की निंदा की, जबकि भारत ने तटस्थ रुख अपनाते हुए अपने नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान दिया। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने तेहरान में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी की मांग की।
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आर्थिक प्रभाव: तेल की कीमतें बढ़ीं, और ईरान व इजरायल ने हवाई क्षेत्र बंद किए, जिससे एयर इंडिया की उड़ानें प्रभावित हुईं।
सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण
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ईरान: नतांज में PFEP और साउथ पार्स गैस फील्ड में आग और मलबा। तेहरान के रिहायशी इलाकों और पारचिन में धुंआ।
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इजरायल: तेल अवीव और हाइफा में जली हुई इमारतें और मलबा। बेन गुरियन हवाई अड्डे के पास विस्फोटों की पुष्टि।
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IAEA की पुष्टि: नतांज में क्षति, लेकिन फोर्डो और बुसहेर परमाणु संयंत्र सुरक्षित। रेडिएशन स्तर सामान्य।
निष्कर्ष: युद्धविराम की उम्मीद या युद्ध की आहट?
सैटेलाइट तस्वीरों ने इजरायल और ईरान में हुए विनाश को बयां किया है। ईरान की युद्धविराम की अपील उसके भारी नुकसान—वैज्ञानिकों, सैन्य कमांडरों, और बुनियादी ढांचे की क्षति—का परिणाम है। हालांकि, नेतन्याहू का कड़ा रुख और ईरान की बदले की धमकी क्षेत्र को युद्ध की ओर धकेल रही है। मध्य-पूर्व में शांति की राह मुश्किल दिख रही है, और वैश्विक समुदाय इस तनाव को कम करने की कोशिश में जुटा है। क्या ईरान और इजरायल युद्धविराम पर सहमत होंगे, या यह संघर्ष और गहराएगा, यह समय बताएगा।
