बारिश में खेलने की जिद पर पिता बना हत्यारा, चाकू से छीन ली 10 साल के बेटे की जिंदगी
29 जून 2025 , दिल्ली: दोपहर करीब 1:30 बजे, सागरपुर के मोहन ब्लॉक में एक 40 वर्षीय पिता, अमित रॉय, ने अपने 10 साल के बेटे की चाकू मारकर हत्या कर दी। बच्चा बारिश में खेलने की जिद कर रहा था, जिसे पिता ने मना किया। जब बच्चा नहीं माना, तो गुस्से में आकर पिता ने रसोई से चाकू उठाया और बच्चे के सीने में वार कर दिया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पिता ने पहले बच्चे पर ईंट से हमला किया और फिर चाकू से प्रहार किया। इसके बाद, पिता ने घायल बेटे को दादा देव अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया, और इलाके में सन्नाटा पसर गया।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना दादा देव अस्पताल से सागरपुर थाना पुलिस को मिली, जिसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। आरोपी पिता, अमित रॉय, को गिरफ्तार कर लिया गया, और हत्या में इस्तेमाल चाकू बरामद कर लिया गया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि बच्चे की मां की कुछ साल पहले मृत्यु हो चुकी थी, और अमित अपने चार बच्चों के साथ एक कमरे के किराए के मकान में रहता था। बच्चा चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर था। कुछ स्रोतों के अनुसार, अमित नशे में था और पारिवारिक तनाव व आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पुलिस उसकी मानसिक स्थिति और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच कर रही है।
पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि
अमित रॉय एक दिहाड़ी मजदूर था, और उसका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। बच्चे की मां की मृत्यु के बाद, अमित अकेले ही चार बच्चों की परवरिश कर रहा था। सागरपुर के मोहन ब्लॉक में एक कमरे के मकान में रहने वाला यह परिवार पहले से ही तनावग्रस्त था। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि अमित का व्यवहार अक्सर उग्र रहता था, और वह बच्चों पर सख्ती बरतता था। बारिश में खेलने की जिद को लेकर हुआ यह विवाद इतना बढ़ गया कि उसने अपने ही बेटे की जान ले ली। यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में बढ़ते मानसिक दबाव और पारिवारिक तनाव को भी दर्शाती है।
सामाजिक प्रभाव और स्थानीय प्रतिक्रिया
इस घटना ने सागरपुर और आसपास के इलाकों में गहरा सदमा पहुंचाया है। स्थानीय लोग इस बात पर विश्ववचन नहीं कर पा रहे कि एक पिता इतनी छोटी बात पर अपने बेटे की हत्या कर सकता है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना को “कलयुगी पिता” और “रिश्तों को तार-तार करने वाला” करार दिया। कई लोगों ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना दिल्ली में बढ़ती हिंसक घटनाओं, जैसे रोडरेज और पारिवारिक विवादों, का हिस्सा बन गई है। यह समाज में जागरूकता, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, और पारिवारिक समर्थन की कमी को उजागर करता है।
भविष्य के लिए सबक और चुनौतियां
यह घटना समाज और प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी है। आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव, और नशे की लत जैसी समस्याएं हिंसक व्यवहार को बढ़ावा दे सकती हैं। सरकार को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने, गरीबी उन्मूलन, और सामुदायिक समर्थन कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग और जागरूकता अभियानों पर ध्यान देना होगा। यह घटना माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करती है। समाज को ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए संवेदनशीलता और सहानुभूति को बढ़ावा देना होगा।
