पूर्व आईएएस सत्येन्द्र सिंह पर ईडी, सीबीआई की लटकी तलवार

फिर एक बार पूर्व आईएएस सत्येन्द्र सिंह यादव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की तलवार लटकी है। हालांकि पूर्व आईएएस पर आजतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।

गौरतलब है कि पूर्व आईएएस सत्येन्द्र सिंह यादव का नाम आते ही भ्रष्टाचार और घोटालों पर चर्चा आम हो जाती है। इनकी पूर्व की बसपा और सपा सरकारों में गहरी पैठ थी और वह प्रमुख पदों पर रहे। इस दौरान वह अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में बने रहे।

वर्ष 2015 में लखनऊ विकास प्राधिकारण (एलडीए) के तत्कालीन उपाध्यक्ष रहते हुए सत्येन्द्र सिंह पर सुलतानपुर रोड स्थित सरसवां क्षेत्र की करोड़ों रुपयों की जमीन को ग्रीन बेल्ट से मास्टर प्लान में बदलाव कर भू-उपयोग आवासीय कराने का आरोप लगा था। ये सभी जमीनें सत्येन्द्र की पत्नी की एक सोसाएटी के नाम पर है। एलडीए का वही दौर था, जब सत्येन्द्र सिंह यादव और उनके सहायक अधिकारियों ने जेपी इंटरनेशनल बिल्डिंग के लिए करोड़ों रुपये अतिरिक्त खर्च किए। बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए गोमती नगर विस्तार में समायोजन का खेल किया। एलडीए में शहरी फ्लैट योजना लायी गयी और सैकड़ों ऐसे फ्लैट बनाये गए, जिसके कई फ्लैट आजतक बिक नहीं सके हैं।

हाईकोर्ट के आदेश पर हुई थी सीबीआई जांच

कौशम्बी में जिलाधिकारी रहते हुए सत्येन्द्र सिंह यादव ने खनन क्षेत्र में बड़ा खेल किया था। सत्येन्द्र ने अपने चहेतों को पट्टा दिया। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में सीबीआई जांच के आदेश दिए। इसके बाद से सीबीआई ने सत्येन्द्र यादव के खिलाफ तमाम सबूत जुटाए और एक साथ नौ ठिकानों पर छापेमारी की थी।

जांच में निकली थी 100 करोड़ की सम्पत्तियां

सीबीआई ने सत्येन्द्र यादव के लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नई दिल्ली के बैंक लॉकरों से तमाम सम्पत्तियों के दस्तावेज जुटाए थे। करीब 100 करोड़ की सम्पत्तियों की जानकारी सामने आयी और इसके अलावा 36 खातों की भी जानकारी मिली थी।

वर्ष 2022 से ईडी ने कसा शिकंजा

पूर्व आईएएस सत्येन्द्र सिंह यादव के सीबीआई की जांच के बाद वर्ष 2022 से ईडी ने भी अपनी जांच शुरू कर दी। ईडी ने प्रारंभिक जांच में पाया कि सत्येन्द्र यादव ने एलडीए के उपाध्यक्ष और लखनऊ का जिलाधिकारी रहते हुए गलत तरीके से धनार्जन किया। कौशाम्बी के जिलाधिकारी रहते हुए भ्रष्टाचार किया और उस दौरान बहुत धन कमाया, जिसकी जांच ईडी के अधिकारी कर रहे हैं।

ठेकेदारों के नाम खरीदी सम्पत्तियां

सीबीआई सूत्रों की मानें तो सत्येन्द्र ने दूसरों के नाम पर भी तमाम सम्पत्तियां खरीदी हैं। जिसमें सत्येन्द्र का ही धन लगा है। सपा की सरकार में सत्येन्द्र ने ठेकेदारों के बीच गहरी पैठ बनायी थी। उसके नजदीक आये ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के साथ उनके नाम से भी कई सम्पत्तियां खरीदीं। जिसकी जांच चल रही है।

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