चीन के झिंजियांग में भूकंप: 10 किमी गहराई पर केंद्र, तीव्रता 4.2 रही
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2025: भारत के पड़ोसी देश चीन के झिंजियांग प्रांत में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप सुबह 8:45 बजे आया, जिसका केंद्र अक्षांश 41.65°N और देशांतर 81.14°E पर रहा। गहराई मात्र 10 किलोमीटर होने से झटके तेज महसूस हुए। झिंजियांग का यह इलाका भूकंपीय रूप से सक्रिय है, लेकिन अब तक कोई हताहत या नुकसान की खबर नहीं। क्या था इसका असर और क्यों खास? पूरी जानकारी आगे…
झटकों का दौर: 4.2 तीव्रता, झिंजियांग में दहशत
सुबह 8:45 बजे (स्थानीय समय) झिंजियांग के दक्षिणी हिस्से में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। NCS के मुताबिक, केंद्र Zangguy से 172 किमी दक्षिण-पश्चिम पर था, गहराई 10 किमी। रिक्टर स्केल पर यह मध्यम तीव्रता का था, लेकिन उथली गहराई से झटके सतह पर मजबूती से महसूस हुए। स्थानीय लोग घबराकर घर-दफ्तर छोड़ भागे, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल। USGS और चीन अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर (CENC) ने भी इसे कन्फर्म किया। झिंजियांग का यह क्षेत्र हिमालय-तिब्बत प्लेटों की टक्कर से प्रभावित, जहां सालाना सैकड़ों छोटे झटके आते। 2024-25 में यहां कई 4+ तीव्रता के भूकंप हुए, लेकिन ये कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा।
कोई हताहत नहीं: सक्रिय इलाके में सतर्कता की जरूरत
भूकंप के बाद झिंजियांग में हलचल मच गई। लोग सड़कों पर इकट्ठा, लेकिन सरकारी रिपोर्ट्स में कोई मौत या इमारत ढहने की खबर नहीं। CENC ने कहा, ‘झटके Aksu और Kuqa तक महसूस हुए, लेकिन क्षति न्यूनतम।’ भारत के लिए भी चिंता—झिंजियांग सीमा से सटा, लेकिन कोई असर नहीं। विशेषज्ञों का कहना, 10 किमी गहराई वाले भूकंप ज्यादा विनाशकारी हो सकते, लेकिन 4.2 पर खतरा कम। पिछले साल जनवरी 2024 में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया था, 100+ मौतें। NCS ने सलाह दी—मजबूत इमारतें, अलर्ट सिस्टम। चीन सरकार ने राहत टीम भेजी, लेकिन सामान्य स्थिति।
भूकंपीय जोखिम: क्यों आते हैं झिंजियांग में झटके?
झिंजियांग इंडियन और यूरेशियन प्लेट्स के बीच स्थित, जहां टेक्टॉनिक प्लेट्स आपस में रगड़ खातीं। तियानशान पहाड़ियां भूकंप का हॉटस्पॉट। USGS डेटा: 1900 से 6+ तीव्रता के 2 भूकंप। 2025 में अक्टूबर में 5.2 (गुइझोउ) और 5.5 (सिचुआन) आए। ये भूकंप चेतावनी—मंगल मिशन या पर्यटन से पहले सतर्कता जरूरी। वैज्ञानिकों का अनुमान, अगला बड़ा झटका 60-65 साल में। भारत-चीन सीमा पर भी निगरानी बढ़ी। यह घटना याद दिलाती—प्रकृति की ताकत का सम्मान।
