• October 15, 2025

डीएमआरसी ने मेट्रोपोलिस ट्रेनसेट का उत्पादन शुरू किया

 डीएमआरसी ने मेट्रोपोलिस ट्रेनसेट का उत्पादन शुरू किया

विश्वस्तरीय कंपनी एल्सटॉम ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) चरण IV के लिए मेट्रोपोलिस ट्रेनसेट का उत्पादन शुरू किया। नवंबर 2022 में साइन इस ऑर्डर का लक्ष्य 52 ट्रेन सेट वितरित करना है, जिनमें से प्रत्येक में छह कारें होंगी। यह परियोजना डीएमआरसी की तीन अलग-अलग लाइनों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसमें दो लाइनें मौजूदा लाइन 7 और लाइन 8 का विस्तार हैं, और नई गोल्ड लाइन 10 एयरोसिटी को तुगलकाबाद से जोड़ती है, जो कुल 64.67 किमी की दूरी तय करती है।

इस मौके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार ने कहा कि दिल्ली मेट्रो हमारे शहर की लाइफ लाइन है, और नए मार्गों के जुड़ने से राष्ट्रीय राजधानी में कनेक्टिविटी का विस्तार होगा। हमें यकीन है कि नए जमाने की ट्रेनें यात्रियों के लिए सुगम और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करेंगी।

वहीं एल्सटॉम इंडिया के प्रबंध निदेशक ओलिवियर लोइसन ने कहा कि दिल्ली मेट्रो के साथ हमारा पुराना संबंध है और यह एक भारत के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क के निरंतर विकास और विस्तार में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है। दिल्ली एनसीआर में यात्रियों के लिए इन आधुनिक ट्रेनों का निर्माण करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। परियोजना का कुल मूल्य 312 मिलियन यूरो है, जिसमें 15 वर्षों की अवधि के लिए नई लाइन के 13 ट्रेनसेट का रखरखाव भी शामिल है।

ये नई ट्रेनें सबसे उन्नत अत्याधुनिक हरित वाहन हैं, जिन्हें 95 किमी प्रति घंटे की सुरक्षित गति और 85 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के लिए डिज़ाइन किया गया है। नई दिल्ली के भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से प्रेरित होकर, ट्रेनों के सैलून इंटीरियर के दरवाजे के खंभे में केसरिया, सफेद और हरे रंग का मिश्रण होगा।

‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत, इन मेट्रोपोलिस ट्रेनों को पूरी तरह से भारत में डिजाइन किया गया है और इन्हें श्री सिटी (आंध्र प्रदेश) में विनिर्माण सुविधा में बनाया जाएगा। यह भारत में एल्सटॉम की सबसे बड़ी शहरी रोलिंग स्टॉक विनिर्माण साइट है, जिसमें प्रमुख घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए एक मजबूत पोर्टफोलियो है।

उल्लेखनीय है कि इन वर्षों में, एल्सटॉम ने 800 से अधिक मेट्रो कारें प्रदान की हैं जो वर्तमान में दिल्ली मेट्रो प्रणाली में उपयोग में हैं, जो एशिया की सबसे बड़ी रैपिड ट्रांजिट प्रणालियों में से एक है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/अनूप

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Rama Niwash Pandey

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