• December 28, 2025

जिला पार्षद ने खून से लिखा ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा

 जिला पार्षद ने खून से लिखा ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा

जिला पार्षद संजय बड़वासनिया ने पंचायती राज की जिला परिषद को मजबूत करने की मांग को लेकर गुरुवार को अपने खून से लिखा ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम जिला परिषद सीईओ सुरेश मलिक को दिया है।

जिला पार्षद संजय बड़वासनिया ने कहा कि पंचायती राज की सबसे बड़ी संस्था होने के बावजूद जिला पार्षद अपने स्तर पर एक सुई भी नहीं लगवा सकती है। विधायक को पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष दिया जा रहा है। विकास कार्य करवाने के लिए जिला पार्षद को एक करोड़ रूपया प्रतिवर्ष दिया जाए ताकि पार्षद अपने स्तर पर अपने वार्ड में विकास कार्य करवा सकें। 25 लाख रुपये तक के कार्य अपने स्तर पर वार्ड में करवाने की व्यवस्था की जाए। पीने के पानी की व्यवस्था की जाए। जिला पार्षद भी अपने स्तर पर विकास कार्य करवा सके इसके लिए पुन: डीपीसी का गठन किया जाए। पहले डी प्लान के कार्यों में जिला पार्षदों का बहुमत होता था डीपीसी खत्म करने से जिला पार्षद की ताकत कम हुई है।

जिला पार्षद संजय ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल कह रहे हैं की जिला परिषद शक्तियां बढ़ा दी हैं लेकिन जिला पार्षद सफेद हाथी की तरह हैं। शक्तियां खत्म कर दी गई है। जिला परिषद के मैंबरों की स्थिति गांव के पंचायत मेंबर से भी बुरी है। जिला पार्षदों को मजबूत करने की मांग करते हुए कहा कि पंचायती राज की अहम कड़ी जिला परिषद और ब्लॉक समिति को मजबूत किया जाए ताकि जिस विश्वास के साथ लोग प्रतिनिधि चुनकर भेजते हैं। उनके विश्वास पर वह खरे उतर सकें। सरकार द्वारा जिला पार्षदों के कार्य बांटने के कारण जिला पार्षद अपने वार्ड में विकास कार्य करवाने में सक्षम नहीं हैं।

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