दिलजीत दोसांझ और बॉर्डर 2 विवाद: देशभक्ति बनाम कला की आजादी
दिलजीत दोसांझ की फिल्म सरदार जी 3 27 जून 2025 को विदेशी सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है, जिसमें पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर सहायक भूमिका में हैं। भारत में यह फिल्म स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म या यूट्यूब पर उपलब्ध नहीं होगी, संभवतः भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण। FWICE ने दिलजीत के इस सहयोग को “राष्ट्रीय भावनाओं का अपमान” करार दिया, विशेष रूप से अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले और मई में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद। FWICE का दावा है कि हानिया ने सोशल मीडिया पर भारत-विरोधी पोस्ट किए हैं, जिससे यह विवाद और गहरा गया। संगठन ने सरदार जी 3 को भारत में प्रमाणन न देने की मांग की और दिलजीत के साथ सभी सहयोगों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। सोशल मीडिया पर #NationFirst ट्रेंड ने इस मुद्दे को और हवा दी, जहां दिलजीत को “देशद्रोही” तक कहा गया। यह विवाद अब बॉर्डर 2 तक पहुंच गया है, जो एक देशभक्ति युद्ध फिल्म है।
FWICE की मांग: बॉर्डर 2 से हटाने का दबाव
FWICE ने 25 जून 2025 को बॉर्डर 2 के निर्माताओं को पत्र लिखकर दिलजीत की कास्टिंग पर “गहरी निराशा” जताई। पत्र में कहा गया कि एक ऐसे कलाकार को देशभक्ति पर आधारित फिल्म में शामिल करना, जिसने हाल ही में पाकिस्तानी कलाकार के साथ काम किया, “फिल्म की आत्मा को चोट पहुंचाता है” और “भारतीय सैनिकों के बलिदान का अपमान” है। FWICE ने भूषण कुमार, सनी देओल, और इम्तियाज अली (जो दिलजीत के साथ एक अन्य प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं) से उनके सहयोग पर पुनर्विचार करने की अपील की। संगठन ने यह भी कहा कि दिलजीत का कास्टिंग निर्णय उनके बायकॉट निर्देश का “खुला उल्लंघन” है। बॉर्डर 2, 1997 की ब्लॉकबस्टर बॉर्डर की सीक्वल, सनी देओल, वरुण धवन, और अहान शेट्टी जैसे सितारों के साथ 23 जनवरी 2026 को रिलीज होगी। FWICE का मानना है कि दिलजीत की मौजूदगी दर्शकों की भावनाओं को आहत कर सकती है।
दिलजीत का पक्ष और समर्थन
दिलजीत ने बीबीसी एशियन नेटवर्क को दिए साक्षात्कार में कहा कि सरदार जी 3 का प्रोजेक्ट वर्तमान राजनीतिक तनावों से पहले पूरा हो चुका था। उनकी पूर्व मैनेजर सोनाली ने उनका बचाव करते हुए कहा, “दिलजीत ने हमेशा अपने कला और प्रेम से भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें बार-बार अपनी देशभक्ति साबित करने की जरूरत नहीं।” सोनाली ने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलजीत को “भारत के गांव का बेटा” कहा था। सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों ने #StandWithDiljit ट्रेंड शुरू किया, जिसमें कला को राजनीति से अलग रखने की मांग की गई। दिलजीत ने हाल ही में मेट गाला 2025 में पंजाबी संस्कृति को बढ़ावा दिया, जहां उन्होंने पंजाब का नक्शा और गुरमुखी लिपि वाला केप पहना था। प्रशंसकों का तर्क है कि उनकी कला वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़ाती है, और एक अभिनेत्री के साथ काम करना देशद्रोह नहीं है। फिर भी, FWICE और कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का गुस्सा कम नहीं हुआ।
कला बनाम राष्ट्रीयता: एक जटिल बहस
यह विवाद कला की आजादी और राष्ट्रीय भावनाओं के बीच टकराव को उजागर करता है। भारत-पाकिस्तान तनाव, विशेष रूप से हाल के आतंकी हमलों के बाद, ने मनोरंजन उद्योग में क्रॉस-बॉर्डर सहयोग को संवेदनशील बना दिया है। FWICE ने पहले भी फवाद खान और माहिरा खान जैसे पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध की मांग की थी। लेकिन क्या एक कलाकार का किसी अन्य देश के कलाकार के साथ काम करना राष्ट्रीय भावनाओं का अपमान है? विशेषज्ञों का कहना है कि कला को राजनीतिक सीमाओं से ऊपर होना चाहिए, लेकिन भारत में दर्शकों की भावनाएं अक्सर भू-राजनीति से प्रभावित होती हैं। दिलजीत के मामले में, बॉर्डर 2 जैसी देशभक्ति फिल्म में उनकी मौजूदगी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यह विवाद भविष्य में क्रॉस-बॉर्डर प्रोजेक्ट्स के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है। दूसरी ओर, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) पर सरदार जी 3 को भारत में प्रमाणन न देने का दबाव है, जो दिलजीत के करियर को प्रभावित कर सकता है।
