• October 16, 2025

दिल्ली रोडरेज केस: युवक की हत्या से आक्रोश, गुस्साई भीड़ ने नाबालिग आरोपी के घर में की तोड़फोड़

दिल्ली के गीता कॉलोनी में 27 जून 2025 को एक रोडरेज की घटना ने 22 वर्षीय यश की हत्या के साथ तूल पकड़ लिया। इस मामले में तीन आरोपियों—अमान, रिहान और लकी—को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि एक नाबालिग आरोपी की पहचान भी हुई। यश की हत्या से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया, और गुस्साई भीड़ ने नाबालिग आरोपी के घर में तोड़फोड़ की। इस घटना ने रानी गार्डन इलाके में तनाव बढ़ा दिया, जिसके चलते दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की भारी तैनाती की गई।

रोडरेज और यश की हत्या का विवरण

27 जून 2025 को गीता कॉलोनी के रानी गार्डन इलाके में यश, जो अपने दोस्तों के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहा था, का एक अन्य समूह से मामूली टक्कर के बाद विवाद हो गया। यह विवाद जल्द ही हिंसक हो गया, और चार आरोपियों—अमान, रिहान, लकी और एक नाबालिग—ने यश पर चाकू से हमला कर दिया। यश को गंभीर चोटें आईं, और अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने यश पर 13 बार चाकू से वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही हालत गंभीर हो गई। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गुस्सा भड़का दिया, और लोगों ने नाबालिग आरोपी के घर पर हमला कर तोड़फोड़ की। यह घटना दिल्ली में रोडरेज की बढ़ती समस्या को रेखांकित करती है।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों—अमान, रिहान और लकी—को गिरफ्तार कर लिया। शाहदरा के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि चौथे नाबालिग आरोपी को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश में कई छापेमारी की गई। नाबालिग ने घटना के बाद अपना मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट डीएक्टिवेट कर दिए थे, जिससे उसका पता लगाना मुश्किल था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी के जरिए हमलावरों की पहचान की। मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया है, और जांच जारी है। पुलिस ने यह भी पुष्टि की कि यह रोडरेज का मामला था, जिसमें कोई पुरानी रंजिश नहीं थी। रानी गार्डन में तनाव को देखते हुए RAF और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए।

गुस्साई भीड़ और सामुदायिक तनाव

यश की हत्या के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। गुस्साई भीड़ ने नाबालिग आरोपी के घर पर हमला कर तोड़फोड़ की, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया। सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए, जिसमें भीड़ को नाबालिग के घर में तोड़फोड़ करते देखा गया। कुछ लोगों ने इसे सामुदायिक आधार पर रंग देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने साफ किया कि यह रोडरेज का मामला है, न कि साम्प्रदायिक विवाद। रानी गार्डन में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और RAF की भारी तैनाती की गई। पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की और स्थानीय नेताओं से शांति बनाए रखने की अपील की। यह घटना दिल्ली में सामाजिक तनाव और रोडरेज की गंभीरता को उजागर करती है।
दिल्ली में रोडरेज की बढ़ती समस्या

दिल्ली में रोडरेज की घटनाएं हाल के वर्षों में बढ़ी हैं। 2024-25 में कई मामले सामने आए, जैसे झिलमिल मेट्रो स्टेशन के पास एक युवक की हत्या और कल्याण पुरी में एक चाय विक्रेता की हत्या। ये घटनाएं मामूली टक्करों से शुरू होकर हिंसक हमलों तक पहुंच रही हैं। पुलिस के अनुसार, 2024 में दिल्ली में रोडरेज से जुड़े 15 से अधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें कई में गंभीर चोटें या हत्या हुई। यश का मामला भी इसी प्रवृत्ति का हिस्सा है, जहां एक छोटा विवाद जानलेवा बन गया। सोशल मीडिया पर लोग दिल्ली में बढ़ते अपराध और ट्रैफिक अनुशासन की कमी पर सवाल उठा रहे हैं। यह स्थिति पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है, जो सड़क सुरक्षा और जनता की जागरूकता पर ध्यान देने की मांग करती है।

सामाजिक प्रभाव और भविष्य के कदम

यश की हत्या और इसके बाद हुई तोड़फोड़ ने दिल्ली में सामाजिक तनाव और रोडरेज की गंभीरता को उजागर किया। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा को भी दर्शाती है। भीड़ द्वारा नाबालिग के घर पर हमला सामुदायिक हिंसा का खतरा बढ़ाता है। पुलिस को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सीसीटीवी निगरानी, गश्त, और त्वरित कार्रवाई को और मजबूत करना होगा। साथ ही, रोडरेज को कम करने के लिए जनता में जागरूकता अभियान और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है। सरकार और सामुदायिक नेताओं को मिलकर शांति और सहिष्णुता को बढ़ावा देना होगा, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। यह मामला दिल्ली की कानून व्यवस्था और सामाजिक एकता के लिए एक चेतावनी है।

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Rama Niwash Pandey

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