दिल्ली: 9 साल की बच्ची से दरिंदगी करने वाला नोशाद मुठभेड़ में गिरफ्तार, पैर में लगी गोली
दिल्ली: दयालपुर इलाके में एक 9 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। इस जघन्य अपराध के आरोपी नोशाद को दिल्ली पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मुठभेड़ के दौरान नोशाद ने पुलिस पर ब्लेड से हमला करने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस ने गोली चलाई, और नोशाद के पैर में गोली लगी। यह घटना दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में हुई, और इसने समाज में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की और आरोपी को हिरासत में ले लिया। यह घटना एक बार फिर देश में बाल सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सवाल उठाती है।
घटना का विवरण
यह घटना ईद के दिन, 10 जून 2025 को दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र के मुस्तफाबाद में हुई। नोशाद ने 9 साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर शव को एक सूटकेस में ठूंस दिया। बच्ची के साथ इस क्रूरता ने स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया। पुलिस को सूचना मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू की गई। जांच के दौरान, पुलिस ने वेलकम-झील पार्क इलाके में नोशाद को ट्रैक किया। जब पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, तो उसने ब्लेड से हमला करने का प्रयास किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे नोशाद के पैर में गोली लगी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने घटनास्थल से सबूत इकट्ठा किए और जांच को आगे बढ़ाया।
पुलिस की कार्रवाई और मुठभेड़
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई की। सूचना मिलते ही पुलिस ने कई टीमें गठित कीं और नोशाद की तलाश शुरू की। वेलकम-झील पार्क इलाके में नोशाद को घेर लिया गया, जहां उसने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की। पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसके परिणामस्वरूप नोशाद घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। दिल्ली पुलिस ने इस मुठभेड़ को एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि यह अपराधियों को सख्त संदेश देता है कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया कि जांच में कोई कोताही न बरती जाए और सभी सबूतों को सावधानीपूर्वक इकट्ठा किया जाए।
समाज में आक्रोश
इस घटना ने दिल्ली और देशभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर लोगों ने नोशाद के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग की है। कई यूजर्स ने इसे “सभ्यता पर हमला” करार देते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एक एक्स पोस्ट में लिखा गया, “दरिंदगी की हर हद पार करने वाला नोशाद इंसान नहीं, राक्षस है।” लोग इस घटना को लेकर बाल सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। साथ ही, यह मांग भी जोर पकड़ रही है कि बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं ताकि त्वरित न्याय सुनिश्चित हो सके। यह घटना समाज में गहरे असंतोष को दर्शाती है।
कानूनी कार्रवाई और जांच
पुलिस ने नोशाद के खिलाफ बलात्कार, हत्या, और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या नोशाद का कोई आपराधिक इतिहास था या इस अपराध में कोई अन्य व्यक्ति शामिल था। पुलिस ने पीड़िता के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है, और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। दिल्ली पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा ताकि पीड़िता के परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिले। इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जरूरत पर जोर देते हुए, पुलिस ने कहा कि वे इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरतेंगे।
भारत में बलात्कार की स्थिति
भारत में बलात्कार महिलाओं के खिलाफ चौथा सबसे आम अपराध है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में प्रतिदिन औसतन 86 बलात्कार के मामले दर्ज होते हैं। इनमें से 89% मामले ऐसे होते हैं, जहां पीड़िता और आरोपी एक-दूसरे को पहले से जानते हैं। नाबालिगों के खिलाफ अपराधों का प्रतिशत भी 10% है। दिल्ली, जो देश की राजधानी है, में बलात्कार की घटनाएं सबसे अधिक दर्ज की जाती हैं। 2021 में दिल्ली में 1,226 बलात्कार के मामले दर्ज हुए, जो बड़े शहरों में सबसे अधिक है। इस तरह की घटनाएं समाज और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती पेश करती हैं, और इनसे निपटने के लिए व्यापक सुधारों की जरूरत है।
सुरक्षा और जागरूकता की जरूरत
यह घटना एक बार फिर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। दिल्ली जैसे महानगर में, जहां पुलिस की मौजूदगी और सीसीटीवी की सुविधा उपलब्ध है, ऐसी घटनाएं चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए स्कूलों और समुदायों में जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना होगा। साथ ही, पुलिस को और अधिक संवेदनशील और सक्रिय होने की जरूरत है। 2012 के निर्भया कांड के बाद बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए, लेकिन उनकी प्रभावी लागू करने में अभी भी कमी दिखती है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज, पुलिस, और सरकार को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां न हों।
