• December 26, 2025

दिल्ली: मोबाइल झपटमारों अल्ताफ और फैजान गिरफ्तार, चोरी की बाइक बरामद

दिल्ली के शाहदरा इलाके में पुलिस ने एक सनसनीखेज ऑपरेशन में दो कुख्यात मोबाइल झपटमारों, अल्ताफ उर्फ फरमान और फैजान उर्फ सलमान, को गिरफ्तार किया है। दोनों ने 24 जून 2025 को क्रॉस रिवर मॉल के पास एक राहगीर का मोबाइल फोन छीना और चोरी की बाइक पर फरार हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने 10 किलोमीटर की नाटकीय पीछा करने के बाद दोनों को कड़कड़डूमा कोर्ट के पास धर दबोचा। आरोपियों के पास से छीना गया मोबाइल और चोरी की बाइक बरामद की गई है। दोनों पर पहले भी झपटमारी और चोरी के कई मामले दर्ज हैं। इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली में सड़क अपराध और पुलिस की सक्रियता पर चर्चा छेड़ दी है। इस लेख में इस मामले को पांच हिस्सों में विस्तार से समझा जाएगा।
घटना का विवरण और पुलिस का पीछा

24 जून 2025 को शाहदरा के क्रॉस रिवर मॉल के पास अल्ताफ उर्फ फरमान और फैजान उर्फ सलमान ने एक राहगीर का मोबाइल फोन छीना। दोनों चोरी की बाइक पर सवार थे और तेजी से भागने की कोशिश की। आसपास गश्त कर रही पुलिस टीम ने तुरंत पीछा शुरू किया। करीब 10 किलोमीटर की दौड़ के बाद, पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट के पास दोनों को घेर लिया। विश्वास नगर की ओर भागने की कोशिश में दोनों पकड़े गए। पुलिस ने उनके कब्जे से छीना गया मोबाइल और बाइक बरामद की। यह ऑपरेशन दिल्ली पुलिस की तत्परता और समन्वय का उदाहरण है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दोनों लंबे समय से शाहदरा और आसपास के इलाकों में सक्रिय थे।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास

अल्ताफ उर्फ फरमान और फैजान उर्फ सलमान, दोनों 22 वर्षीय, शाहदरा और आसपास के इलाकों में कुख्यात स्नैचर हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दोनों पर पहले भी मोबाइल झपटमारी, चोरी और वाहन चोरी के कई मामले दर्ज हैं। ये अपराधी चोरी की तेज रफ्तार बाइकों का इस्तेमाल करते थे, जिससे पीछा करना मुश्किल हो जाता था। उनकी कार्यशैली में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में राहगीरों को निशाना बनाना शामिल था। क्रॉस रिवर मॉल जैसी व्यस्त जगहें उनके लिए आसान शिकार थीं। पुलिस का कहना है कि दोनों एक संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं, जो चोरी के सामान को जल्दी से बाजार में बेच देता है। इस गिरफ्तारी से कई अन्य मामलों के सुलझने की उम्मीद है।
पुलिस की रणनीति और तकनीकी सहायता

दिल्ली पुलिस ने इस ऑपरेशन में तकनीकी और पारंपरिक पुलिसिंग का शानदार समन्वय दिखाया। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज ने आरोपियों की पहचान और उनके भागने के रास्ते का पता लगाने में मदद की। पुलिस ने तुरंत कई टीमें गठित कीं, जो कड़कड़डूमा कोर्ट और विश्वास नगर जैसे संभावित रास्तों पर तैनात थीं। शाहदरा के डीसीपी आशीष मिश्रा ने बताया कि नियमित गश्त और स्थानीय खुफिया जानकारी ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस की ‘ईगल स्क्वॉड’ जैसी विशेष टीमें स्नैचिंग और वाहन चोरी जैसे अपराधों पर नकेल कसने के लिए सक्रिय हैं। यह गिरफ्तारी पुलिस की बढ़ती तकनीकी क्षमता और अपराधियों पर नजर रखने की रणनीति को दर्शाती है।
सामाजिक प्रभाव और जनता की प्रतिक्रिया

इस घटना ने शाहदरा और दिल्ली के अन्य हिस्सों में सड़क अपराध के प्रति जनता का ध्यान खींचा है। स्थानीय निवासियों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की, लेकिन साथ ही मोबाइल स्नैचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस गिरफ्तारी को दिल्ली पुलिस की सफलता बताया, वहीं कुछ ने सख्त कानून और सजा की मांग की। क्रॉस रिवर मॉल जैसे व्यस्त इलाकों में लोग अब अधिक सतर्कता बरतने की बात कह रहे हैं। यह मामला दिल्ली में युवाओं के बीच बेरोजगारी और अपराध की ओर बढ़ते रुझान पर भी सवाल उठाता है। समाज और सरकार को मिलकर ऐसी घटनाओं की जड़ तक पहुंचने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इनका समाधान हो सके।
भविष्य के लिए कदम और निवारण

यह गिरफ्तारी दिल्ली में स्नैचिंग और वाहन चोरी जैसे अपराधों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस को अपनी गश्त और सीसीटीवी निगरानी को और मजबूत करना होगा, खासकर व्यस्त बाजारों और मॉल्स के आसपास। तेज रफ्तार बाइकों पर नजर रखने के लिए स्पीड कैमरे और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है। साथ ही, चोरी के सामान की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोहों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। सामुदायिक जागरूकता अभियान और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाकर अपराध की दर को कम किया जा सकता है। दिल्ली पुलिस को इस तरह के ऑपरेशनों को नियमित रूप से चलाने और जनता का भरोसा बनाए रखने की जरूरत है। यह मामला अन्य अपराधियों के लिए भी एक चेतावनी है कि कानून से बचना आसान नहीं होगा।
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