डीडीसी उपाध्क्ष उधमपुर ने कई प्रतिनिधिमंडल के साथ की मुलाकात, सुनी समस्याएं
जिला विकास परिषद की उपाध्यक्ष जूही मन्हास पठानिया ने डीसी कार्यालय परिसर मे स्थित अपने कार्यालय में कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडलों ने जिला उधमपुर के दूर-दराज के इलाकों के स्कूलों में पीने के पानी, पर्याप्त बिजली आपूर्ति, सड़क कनेक्टिविटी, कर्मचारियों की कमी को पूरा करने की मांग की।
डीडीसी लाटी, पिंकी और डीडीसी रामनगर-टू, जट्टू राम ने हाल ही में शिक्षकों और मास्टरों के स्थानांतरण के बाद खाली रह गए पदों को भरने की मांग की। उन्होंने कहा कि एटीडी ने चनुनता, घोरड़ी, रामनगर, कुलवंता के दूर-दराज के क्षेत्रों को लगभग खाली कर दिया है जहां शिक्षकों और मास्टरों के स्थानांतरण के बाद कोई प्रतिस्थापन नहीं किया गया है।
वहीं पठानिया ने इस मुद्दे को स्कूल शिक्षा विभाग के समक्ष उठाया और दूर-दराज के क्षेत्रों और स्टाफ की कमी वाले स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ वाले स्कूलों के प्रावधान की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही हाल के तबादलों की ओर इशारा किया, जिससे जनता और छात्र समुदाय में बहुत रोष पैदा हुआ है। उन्होंने बताया कि उधमपुर जिले के दूर-दराज के इलाकों में कई हाई स्कूलों को स्टाफ विहीन और नेतृत्व विहीन बना दिया गया है।
उन्होंने सीईओ उधमपुर के समक्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा निर्धारित मापदंडों के उल्लंघन पर एक व्यवहार्य मुद्दा उठाया, जिसमें कहा गया है कि छात्र शिक्षक अनुपात 30ः01 पर बनाए रखा जाना चाहिए।
शाम लाल पंच के नेतृत्व में ब्लॉक खून का प्रतिनिधिमंडल उपाध्यक्ष से मिला। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने हाल की भारी बारिश और बाढ़ के कारण घरों, सड़कों और कृषि को हुए नुकसान के बारे में अवगत कराया।
डीडीसी उपाध्यक्ष ने इस मुद्दे को प्रशासन के साथ उठाया और क्षेत्र में बिजली, पेयजल, राशन आपूर्ति जैसी नागरिक सुविधाओं की तत्काल बहाली और मानव और पशु स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने का आह्वान किया ताकि यहां के लोगों के दुखों और कठिनाइयों को कम किया जा सके। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की तत्काल मरम्मत और भूस्खलन के कारण अवरुद्ध सड़कों से मलवा हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।
पीआरआई सदस्यों के नेतृत्व में कई अन्य प्रतिनिधिमंडलों ने अपने क्षेत्रों से संबंधित प्रमुख विकास संबंधी मुद्दों पर उपाध्यक्ष के साथ विस्तृत चर्चा की, जिसमें वन या अदालती जटिलताओं के कारण जेजेएम के तहत रुके हुए कार्य, अवरुद्ध सड़कों की बहाली, हाल ही में विनाशकारी बाढ़ के दौरान खोए गए मानव जीवन और संपत्तियों के नुकसान के लिए मुआवजे का तत्काल वितरण, विशेष रूप से उधमपुर के पहाड़ी इलाकों में शामिल थे।
उन्होंने इन मुद्दों को संबंधित विभागों के साथ उठाया और उन्हें लोगों को व्यवहार्य समाधान प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने जल शक्ति विभाग को उन क्षेत्रों में पानी के टैंकरों की व्यवस्था के साथ पाइपलाइनों को तुरंत बहाल करने का निर्देश दिया, जहां मरम्मत में समय लगेगा।
उन्होंने तहसील मजालता में बिजली बिलों के अचानक दोगुना हो जाने का मामला भी विभाग के समक्ष उठाया और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रतिनिधिमंडलों को उनकी सभी मांगों के उचित समाधान का आश्वासन दिया।
