• December 27, 2025

मौसम के बदले मिजाज से प्रभावित हो रही फसलें, गिर रहा उत्पादन

 मौसम के बदले मिजाज से प्रभावित हो रही फसलें, गिर रहा उत्पादन

जलवायु परिवर्तन से इस सीजन का मार्च माह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक गर्म रहा और उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा। इसका सीधा असर रवी की फसलों पर पड़ा और जल्द पककर तैयार हो गई, जिससे उत्पादन गिर गया। खासकर सब्जी की फसलें अधिक प्रभावित हुईं और बाजार में सब्जी की कीमतें बढ़ गईं।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि इस सीजन में मार्च माह में लगातार मौसम का मिजाज बदलता रहा। पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता से जहां बीच बीच में हल्की बारिश होती रही तो वहीं जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान अधिकांशतया सामान्य से अधिक ही रहा। इन कारणों से गेंहू की फसल जल्द पककर तैयार हो गयी और उत्पादन भी प्रभावित हुआ। वहीं सब्जी की फसलें सबसे अधिक प्रभावित हुईं क्योंकि यह फसलें अधिक तापमान को नहीं सहन कर सकी। टमाटर का आकार छोटा हो गया और रंग भी हल्का हो गया। यही हाल खीरा, ककड़ी, तरबूज आदि सब्जी फसलों का है। उत्पादन पर असर पड़ने से सब्जी के दामों में बढ़ोत्तरी हो गई।

सीएसए के ही सब्जी अनुभाग के सस्य वैज्ञानिक डॉ. राजीव ने बताया कि कानपुर मंडल में संकर व गैर संकर टमाटर औसत 70 से 120 ग्राम तक का होता है। इस बार टमाटर 40 से 55 ग्राम तक का ही रह गया है। इसी तरह खीरा, तरबूज, लौकी, बैगन, कद्दू और ककड़ी आदि की भी फसलों का उत्पादन गिर गया। यह भी देखा जा रहा है कि अधिक तापमान से खीरा का स्वाद भी बदल गया है।

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