हफ्ते भर में तृणमूल के दो नेताओं की हत्या, पार्टी ने विपक्ष पर लगाया आरोप

पश्चिम बंगाल में हफ्ते भर के अंदर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं की हत्या कर दी गई है जिससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गुरुवार की रात उत्तर 24 परगना जिले के आमडांगा में एक भीड़भाड़ वाले बाजार में हमलावरों ने तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत प्रधान रूपचांद मंडल की हत्या कर दी। इसके पहले इस हफ्ते की शुरुआत में सोमवार को ही दक्षिण 24 परगना के जयनगर में तृणमूल कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन लश्कर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
गुरुवार रात हुई हत्या के बारे में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार रात सात बजे कामदेवपुर हाट में जब अमडांगा के तृणमूल कांग्रेस पंचायत प्रधान रूपचांद मंडल फोन पर किसी से बात कर रहे थे तो हमलावरों ने उन पर बम फेंक दिया। उन्होंने बताया कि घायल मंडल को पहले एक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र और वहां से बारासात के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
मंडल की मौत की खबर फैलने पर स्थानीय लोग और तृणमूल समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-34 को जाम कर दिया और अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह ने इलाके का दौरा किया और क्षेत्र में तनाव फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। सिंह ने कहा कि यह ‘सुनियोजित हत्या जान पड़ती है और पुलिस को गुनाहगारों का पता लगाना चाहिए।’’
तृणमूल प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय जनता पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में आतंक का माहौल पैदा कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ चुनाव से पहले तृणमूल की ताकत घटाने के एकमात्र मकसद से वे हमारे लोकप्रिय नेताओं को निशाना बना रहे हैं। विपक्ष का खेल सफल नहीं होगा।’’
भाजपा का पलटवार
– भाजपा नेता दिलीप घोष ने दावा किया कि इस हत्या में सत्तारूढ़ तृणमूल के ही दो गुट शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं तक को सुरक्षा नहीं दे पा रहा। यानी प्रशासन राज्य सरकार के नियंत्रण में नहीं है। ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री होने के साथ गृह मंत्री भी हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
