कोर्ट कमिश्नर का नगर पालिका पर खूंखार कुत्तों के मामले में हाई कोर्ट को गुमराह करने का आरोप

जिला व मंडल मुख्यालय तथा पर्यटन नगरी व राज्य की न्यायिक राजधानी नैनीताल नगर में आवारा कुत्ते कई लोगों की जान भी ले चुके हैं। उच्च न्यायालय इन पर बेहद गंभीर रहा है। पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने नगर के खूंखार कुत्तों को बाड़ों में रखने के आदेश दिये थे। अब इस मामले में नगर पालिका नैनीताल पर उच्च न्यायालय को गलत सूचनाएं देकर गुमराह करने का आरोप स्वयं उच्च न्यायालय के नियुक्त कोर्ट कमिश्नर ने लगाया है।
पशु प्रेमी व कोर्ट कमिश्नर गौरी मौलखी ने नगर के एबीसी यानी एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में रखे गये कुत्तों का निरीक्षण करने के बाद आरोप लगाया कि नगर पालिका ने उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर एबीसी सेंटर में 25 खूंखार कुत्तों को रखने की बात कही थी, जबकि एबीसी सेंटर में मात्र 12 कुत्ते ही रखे गये हैं। यह कुत्ते भी स्वभाव से बेहद शांत हैं, बाड़े के अंदर हाथ डालने पर भी नहीं भोंक रहे हैं। इनमें एक हाल में मां बनी मादा भी शामिल हैं, जिसे उसके बच्चों से अलग नियम विरुद्ध रखा गया है। यह भी लगता है कि खूंखार कुत्तों की जगह जो पकड़ में आ गये, उन्हें यहां रखा गया है। कुत्तों में कोई टैग आदि भी नहीं लगाया गया है, जिससे पता चले कि उन्हें कहां से पकड़ा गया है। यह भी नियमों की अवहेलना है।
एबीसी सेंटर में सफाई का प्रबंध भी नहीं है। कुत्ते अपने मल-मूत्र से भरी कोठरी में ही पड़े हुये हैं। एबीसी सेंटर में कोई पशु चिकित्सक भी नियमानुसार नियुक्त नहीं किया गया है। यह पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत भी दंडनीय अपराध है। लिहाजा उन्होंने नगर पालिका पर कुत्तों के साथ अत्याचार करने का आरोप भी लगाया है और कहा है कि इस मामले में उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट देने के साथ वह इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में भी ले जायेंगी। इस संबंध में संपर्क किये जाने पर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का फोन लगातार व्यस्त अथवा स्विच ऑफ होना बताया जा रहा है।
पालिका व जिला चिकित्सालय के पास हैं खूंखार कुत्ते।
उल्लेखनीय है कि स्वयं नगर पालिका के मुख्य गेट के पास खूंखार कुत्ते सुबह तड़के सुबह की सैर करने वालों व वाहनों पर झपटते हैं। यही स्थिति इससे चंद कदमों की दूरी पर बीडी पांडे जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित मोर्चरी यानी शव गृह के पास है। पालिका कार्यालय के पास कुछ लोग आवारा कुत्तों को मांस खिलाते भी देखे गये हैं। इस वजह से यहां कुत्ते हिंसक नजर आते हैं, जबकि शव गृह के पास चिकित्सालय के कूड़े में रक्त आदि की मौजूदगी की वजह से कुत्ते हिंसक बताये जाते हैं। स्थानीय लोगों के कई बार शिकायत करने के बावजूद पालिका अपने घर के पास के क्षेत्र को खूंखार कुत्तों के भय से मुक्त नहीं कर पायी है।
