चिराग को 29 सीटें, लेकिन पसंदीदा क्षेत्रों पर जंग: NDA में BJP-JDU की कितनी ‘कुर्बानी’?
पटना, 13 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की दहलीज पर NDA ने सीट बंटवारे पर मुहर लगा दी, जिसमें चिराग पासवान की LJP (RV) को 29 सीटें मिलीं। यह उनकी 30-35 की मांग से करीब है, लेकिन असली सवाल अब पसंदीदा क्षेत्रों पर अटका है। 2020 में चिराग के ‘बगावत’ ने नीतीश को झटका दिया था, अब वे किंगमेकर बनने को बेताब। BJP और JDU अपनी जीती हुई सीटें छोड़ने को कितना तैयार? दलित वोट बैंक की ताकत से चिराग का कद बढ़ा, लेकिन गठबंधन की एकजुटता पर परीक्षा होगी। क्या चिराग को मनमुताबिक मिलेगा, या होगी रस्साकशी? पूरी सियासी बाजीगरी आगे…
सीट बंटवारे की बाजी: चिराग को 29, लेकिन पसंदीदा सीटों पर पेंच
एनडीए ने रविवार को बिहार की 243 सीटों का बंटवारा फाइनल किया, जिसमें BJP और JDU को बराबर 101-101 मिलीं—2020 के 110-115 से कम। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें आवंटित हुईं, जो उनकी 40 की मांग से कम लेकिन 2020 के अकेले 1 से ज्यादा। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऐलान किया, ‘सौहार्दपूर्ण माहौल में फैसला।’ चिराग ने एक्स पर लिखा, ‘बिहार तैयार है, NDA फिर सत्ता में।’ लेकिन पसंदीदा 29 सीटों का ऐलान बाकी—जिनमें कई BJP-JDU के कब्जे वाली हैं। स्रोत बताते हैं, LJP की दावेदारी में 4 BJP और 3 JDU सीटें शामिल, जहां दलित वोट मजबूत। 2020 में चिराग ने 135 पर लड़ा, JDU को नुकसान पहुंचाया। अब JDU-बिहार प्रभारी संजय झा ने कहा, ‘सहमति से।’ लेकिन विशेषज्ञों का मानना है, यह ‘कुर्बानी’ गठबंधन की एकता की कसौटी बनेगी। चिराग की 5 लोकसभा सीटों के आसपास 2-2 विधानसभा सीटें मांगने से माथापच्ची बढ़ी।
चिराग का बढ़ता कद: दलित वोट की ताकत, 2024 की जीत ने बदला समीकरण
चिराग पासवान का सियासी सफर पिता राम विलास की विरासत पर टिका, जो दुसाध दलितों का मजबूत वोट बैंक था। 2020 में NDA से बाहर रहकर चिराग ने JDU को 43 सीटों पर सिमटा दिया, BJP को 74 दिलाई। लेकिन 2024 लोकसभा में LJP(RV) ने 5/5 जीतीं, संगठन की ताकत दिखाई। इससे BJP-JDU को एहसास—चिराग अब किंगमेकर। NDA में सवर्ण-शहरी (BJP), कुर्मी-पिछड़े (JDU) के साथ दलित जोड़ चिराग लाते हैं, जो 16% आबादी है। चिराग ने कहा, ‘BiharFirstBihariFirst।’ मांझी की HAM को 6 मिलीं (2020 की 7 से कम), कुशवाहा को भी 6। चिराग की महत्वाकांक्षा सिर्फ सीटें नहीं—पीढ़ीगत नेता बनना। वे मोदी पर भरोसा जताते, BJP से करीब। लेकिन पसंदीदा सीटें—like हिसुआ, गोविंदगंज, ब्रह्मपुर—माथापच्ची वाली। स्रोत: चिराग ने 3 पसंदीदा सीटें हासिल कीं। यह वोट एकीकरण NDA की जीत का फॉर्मूला, लेकिन JDU की ‘कुर्बानी’ सीमित रहेगी।
कुर्बानी की सीमा: BJP-JDU की रणनीति, चिराग की महत्वाकांक्षा पर ब्रेक
एनडीए की रणनीति में चिराग मुख्य चेहरा, लेकिन BJP-JDU अपनी कोर सीटें नहीं छोड़ेंगी। JDU के 3 विधायक वाली सीटें छोड़ना नीतीश के लिए जोखिम, जहां कुर्मी बेल्ट मजबूत। BJP के 4 कब्जे वाली पर सवर्ण वोट। एक सीट HAM की। चिराग की मांग—अपनी 5 LS सीटों के आसपास विधानसभा। 2025 चुनाव 6-11 नवंबर को, नामांकन 17 अक्टूबर से। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीदवार लिस्ट संभव। चिराग की महत्वाकांक्षा डिप्टी CM या कैबिनेट तक, लेकिन NDA विकास-कानून पर फोकस। विशेषज्ञ: ‘चिराग को 29 मिलीं, लेकिन 3-4 विवादित सीटें समायोजित होंगी।’ मांझी ने 15 मांगी, 6 लीं—’मोदी के साथ अंतिम सांस तक।’ चिराग की ताकत दलितों से, लेकिन अगर मनमुताबिक न मिली तो आंतरिक कलह। NDA की एकता बिहार की सत्ता तय करेगी—चिराग रोशनी साबित होंगे या छाया? समय जवाब देगा।
