• December 31, 2025

समानता, बंधुता और सामाजिक न्याय के लक्ष्य को साधने के लिए सहकारिता एक बड़ा चालक बल: मुख्यमंत्री

 समानता, बंधुता और सामाजिक न्याय के लक्ष्य को साधने के लिए सहकारिता एक बड़ा चालक बल: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सहकारिता से हासिल समृद्धि समानता लाएगी, बंधुता का पोषण करेगी और सामाजिक न्याय का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहा कि डॉ. बीआर आंबेडकर द्वारा दिए गए समानता, बंधुता और सामाजिक न्याय के लक्ष्य को साधने के लिए सहकारिता एक बड़ा चालक बल बन सकता है।

रविवार को गांधीनगर में डॉ. बीआर आंबेडकर को-ऑपरेटिव क्रेडिट एंड सप्लाई सोसायटीज फेडरेशन के महाधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने यह बातें कही। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अच्छा काम करने वाले लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने बैंकिंग, दुग्ध उत्पादन, चीनी और कपास क्षेत्र में को-ऑपरेटिव मॉडल को अपनाकर सफलता हासिल की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में आजादी से पहले जो आर्थिक सुधार और बड़े बदलाव हुए, उसमें बाबा साहब के विचारों का काफी बड़ा योगदान रहा है। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भारत की आर्थिक स्थिति और समस्याओं को बाबा साहब विशेष रूप से समझ पाए थे। एक समय ऐसा भी था जब बैंक वंचित वर्ग के साधारण व्यक्ति को जल्दी ऋण नहीं देते थे, छोटे व्यक्ति को कोई जमानतदार (गारंटर) भी नहीं मिलता था, लेकिन अब समय बदल चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साधारण, गरीब वर्ग के लोगों के गारंटर बने हैं और उन्होंने साधारण व्यक्ति को ऋण की गारंटी दी है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मुद्रा लोन और स्वनिधि योजना के माध्यम से छोटे व्यापारियों और फेरीवालों को ऋण मिलने लगा है। उनके हाथों में पैसा आ गया है और अब उनका व्यापार-रोजगार फल-फूल कर आत्मनिर्भर बना है। उन्होंने कहा कि गुजरात के सहकारी आंदोलन ने समाजवाद और पूंजीवाद के समक्ष सहकारितावाद के रूप में एक वैकल्पिक मॉडल तैयार किया है। समान हित के लिए एक समान ध्येय के साथ ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की नींव पर यह व्यवस्था बनी है।

इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से देश में खादी का टर्नओवर सवा लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री का यह खादी अभियान इस बात का उदाहरण है कि एक विचार से सामाजिक जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन आ सकता है। उन्होंने कहा कि खादी की बिक्री में वृद्धि होने से वणकर समाज के कारीगर भाइयों और बहनों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है।

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