गुजरात के साणंद में दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष: पुरानी रंजिश में जमकर हुआ पथराव, ड्रोन की मदद से पुलिस ने 40 से अधिक को दबोचा
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद जिले के साणंद तालुका में आने वाला कलाना गांव मंगलवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। पुरानी रंजिश को लेकर दो गुटों के बीच शुरू हुआ मामूली विवाद देखते ही देखते हिंसक झड़प और भीषण पथराव में बदल गया। स्थिति इस कदर बिगड़ गई कि उपद्रवियों ने न केवल एक-दूसरे पर पत्थरों की बारिश की, बल्कि गांव में आगजनी की घटनाओं को भी अंजाम दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की भारी फौज ने मोर्चा संभाला और आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए खेतों में छिपे उपद्रवियों को ढूंढ निकाला। वर्तमान में गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और पुलिस ने मामले में संलिप्त 42 लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
पुरानी रंजिश ने सुलगाई हिंसा की आग
स्थानीय सूत्रों और पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, साणंद के कलाना गांव में दो समुदायों या गुटों के बीच लंबे समय से मनमुटाव चल रहा था। इस विवाद ने सोमवार रात को उग्र रूप ले लिया जब दोनों पक्षों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हुई। सोमवार रात को हुई इस झड़प के बाद पुलिस ने स्थिति को संभालने की कोशिश की थी, लेकिन मंगलवार सुबह होते-होते हिंसा की लपटें फिर से उठने लगीं।
मंगलवार को दोनों पक्षों के लोग बड़ी संख्या में आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते गलियों में पत्थरों का अंबार लग गया और लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों में कैद हो गए। इसी दौरान अराजक तत्वों ने गांव के एक हिस्से में आगजनी की कोशिश भी की, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। सोशल मीडिया पर इस हिंसा के कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोग छतों और गलियों से पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और ड्रोन का इस्तेमाल
तनाव बढ़ने की खबर मिलते ही अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस के आला अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हिंसा पर उतारू भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। जब पुलिस की टीम गांव में दाखिल हुई, तो कई उपद्रवी गिरफ्तारी के डर से पास के खेतों और झाड़ियों में जाकर छिप गए।
गांव की भौगोलिक स्थिति और खेतों के फैलाव को देखते हुए पुलिस ने पारंपरिक तलाशी के बजाय आधुनिक तकनीक का सहारा लिया। पुलिस ने आसमान में ड्रोन कैमरे उड़ाए, जिससे खेतों और छतों पर छिपे असामाजिक तत्वों की सटीक लोकेशन मिल गई। ड्रोन की फुटेज के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की और 40 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। अब तक मिली आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, कुल 42 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता भी शामिल बताए जा रहे हैं।
गांव में भारी पुलिस बल तैनात, स्थिति नियंत्रण में
हिंसा के बाद गांव में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस (SRP) और स्थानीय पुलिस की टुकड़ियों को तैनात किया गया है। पुलिस ने गांव में फ्लैग मार्च निकाला ताकि ग्रामीणों के भीतर व्याप्त डर को दूर किया जा सके। पुलिस अधीक्षक (SP) स्तर के अधिकारी खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
अहमदाबाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन एहतियातन गांव के संवेदनशील इलाकों में पुलिस पिकेट तैनात की गई है। पुलिस ने स्थानीय शांति समिति के सदस्यों के साथ भी बैठक की है ताकि दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित कर शांति बहाल की जा सके। पुलिस का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।
असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त रुख
साणंद की इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में पुरानी रंजिशों के कारण होने वाली हिंसा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस उन लोगों की भी जांच कर रही है जिन्होंने आगजनी की घटना को हवा दी। गिरफ्तार किए गए 42 लोगों पर दंगा भड़काने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने और घातक हथियारों से हमला करने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल, कलाना गांव में शांति बहाल करने की कोशिशें जारी हैं और पुलिस ड्रोन के जरिए अभी भी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रही है।