बुंदेलखंड की दमोह लोकसभा सीट 35 बर्ष से भाजपा का अभेद किला
दमोह संसदीय क्षेत्र पिछले 35 बर्षों से भाजपा का अभेद किला बना हुआ है। 1989 में कांगे्रेस से यह सीट छीनने के बाद लगातार भाजपा यहां प्रत्येक चुनाव में जीत का परचम लहरा रही है। 1962 में अस्तित्व में आयी इस सीट के क्रमांक और क्षेत्र में परिवर्तन होते रहे हैं। वर्तमान में दमोह जिले की चार सागर जिले की तीन एवं छतरपुर जिले एक विधानसभा इसमें सम्मिलित हैं। जिसमें दमोह की पथरिया,दमोह,हटा,जबेरा सागर जिले की रहली,देवरी,बंडा एवं छतरपुर जिले की मलहरा विधानसभा है। वर्तमान में छतरपुर जिले की मलहरा को छोडकर सभी पर भाजपा काबिज है।
जानकारी के लिए बता दें कि क्षेत्र की आठ विधानसभाओं में 19 लाख 22 हजार 20 मतदाता हैं जिसमें पुरूष मतदाता 10 लाख 07 हजार 149 एवं महिला मतदाता 9 लाख 14 हजार 853 तथा अन्य की संख्या 18 है। 2 हजार 285 मतदान केन्द्र जहां मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग 26 अप्रेल यानि देश में होने वाले लोकसभा निर्वाचन के द्वितीय चरण में करेंगे।
यहां से निर्वाचित सांसदों के इतिहास पर नजर डालें तो 1962 में सहोद्रा राय कांग्रेस,1967 मणीभाई पटेल कांगे्रस,1971 वाराह गिरी कांगे्रस,1977 नरेन्द्र सिंह जनता पार्टी,1980 प्रभुनारायण टंडन कांग्रेस,1984 डालचंद जैन कांग्रेस,लोकेन्द्र सिंह भाजपा,1991 से 1999 तक डा.रामकृष्ण कुसमरिया भारतीय जनता पार्टी,2004 चन्द्रभान सिंह भाजपा,2009 शिवराज सिंह लोधी भाजपा एवं 2014 एवं 2019 प्रहलाद सिंह पटेल भारतीय जनता पार्टी से सांसद निर्वाचित हुये है। भाजपा ने 2024 में राहुल सिंह लोधी को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने तरवर सिंह लोधी को मौका दिया है। दमोह लोकसभा क्षेत्र में 14 उम्मीदवार मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।




