बेटे ने मां की इच्छानुसार मरणोपरांत कराए नेत्रदान

बेटे ने अपनी मांं की इच्छानुसार उसके नेत्रदान कर पुनीत कार्य किया ,ताकि कोई दृष्टिहीन व्यक्ति उनकी माता की आंखों से देख सके। वह उस व्यक्ति की आंखों में अपनी माता की झलक पा सके।
सोमवार को लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष लायन गोपाल नारंग ने बताया कि श्रीमती आशा माथुर का आकस्मिक निधन हो गया था। परिवार के सदस्य डा. सोनम सक्सेना व चारु कोठारी ने उनके पुत्र गौरव माथुर से नेत्र दान की सहमति लेकर अनिल कक्कड़ को सूचित किया। इस सूचना पर एम्स हॉस्पिटल की नेत्रदान की रेस्क्यू टीम उनके निवास पर पहुंची, जहां टीम ने उनकी मां के दोनों कार्निया सुरक्षित प्राप्त कर लिए। नेत्रदान महादान प्रमुख रामशरण चावला के अनुसार मिशन का यह 292वां सफल प्रयास है जो अविरल चलता रहेगा।
