बरौनी डेयरी में त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम एवं बायोगैस परियोजना शुरू

बिहार के सबसे बड़े दूध संग्राहक डेयरी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सहकारी संघ लिमिटेड (बरौनी डेयरी) में शनिवार से त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम (एबीआईपी-आईवीएफ-ईटी) एवं बायोगैस परियोजना शुरू हो गया। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह एवं राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह ने दोनों परियोजना का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है किसानों की आय दुगुना करना। इस संकल्प को मूर्त रूप देने में त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम शुरू हुआ है। सच्चे अर्थों में यह कार्यक्रम श्वेत क्रांति के दूसरे रूप में उपस्थित होगा। किसानों को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक एतिहासिक लकीर खींचेगा। आने वाले दिनों में बेगूसराय दुधारू नस्लों के मवेशी का विक्रय केन्द्र बनेगा।
राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ मिलकर पशुपालक किसानों के उत्थान के लिए देशभर में प्रयास किया जा रहे हैं। बिहार में सबसे पहले बरौनी डेयरी में आईवीएफ शुरू किया गया तो लोग मजाक उड़ाते थे। लेकिन उसके सक्सेस होते ही हर कोई चुप हो चुका है। आज 3110 बछिया जमीन पर आ चुकी है। बिहार में गेहूं और मक्का से अधिक कीमत का दूध उत्पादन हो रहा है।
अब प्रयास कर रहे हैं कि आईवीएफ शॉर्ट सेक्स सीमेन से दस साल में हार गाय 30 लीटर से अधिक दूध देने वाली बन जाए। यह अभियान बरौनी डेयरी के पूरे क्षेत्र में चलेगा। प्रयास है कि एक एकड़ में पांच सौ टन हरा चारा का उत्पादन हो। अभी 80 टन प्रति एकड़ मक्का से साइलेज उत्पादन हो रहा है। किसानों को प्रति एकड़ दो लाख दिलाने का प्रयास है। साइलेज मशीन खरीदने के लिए जिला योजना पदाधिकारी को फंड दिया जा रहा है।
बेगूसराय में प्रतिदिन 16 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। हम सब अभियान चला रहे हैं कि प्रत्येक बियान में किसानों को एक से डेढ़ लाख रुपया प्राप्त हो। आईवीएफ, बायोगैस और गोबर से बने खाद का उपयोग होता तो आय में ऑटोमेटिक वृद्धि होगी। अभी 25 सौ करोड़ की इकोनॉमी दूध से है और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, बरौनी डेयरी एवं हम सब मिलकर प्रयास कर रहे हैं कि बिहार में दूध का यह डेनमार्क, राष्ट्रीय स्तर पर डेनमार्क बने।
गिरिराज सिंह ने कहा कि अभी यहां सवा लाख टन रासायनिक खाद का उपयोग हो रहा है। जीविका के सहयोग से इसे कम करके 50 हजार टन पर ला देंगे। अभियान है कि गाय मेरा, खेत मेरा तो खाद भी मेरा, देश उठेगा गांव के उठने से और गांव उठेगा किसान के उठने से। गाय, भैंस और किसान उठेगा लागत कम होने से। उन्होंने कॉम्फेड से अनुरोध किया कि बरौनी डेयरी के निर्णय को लागू करें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि आज शुरू की जा रही दोनों परियोजना महत्वपूर्ण है। डेयरी विकास बोर्ड शुरू से किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति का प्रयास करता रहा है। निरंतर उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए हम कार्य करते रहते हैं। पशुपालन रहते मंत्री रहते हुए गिरिराज सिंह ने बायोगैस प्लांट का प्रपोजल दिया था। गुजरात के जकारपुरिया में 370 प्लांट लगाकर इस अभियान की शुरुआत की गई थी।
इससे राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को दूध के अलावा गोबर से भी आय और ऊर्जा के स्रोत मिले। खेत के लिए जैविक खाद मिला, इस क्लाइमेट चेंजिंग में सही साबित हो रहा है। 25-30 हजार लागत वाला बायोगैस आज मात्र सात हजार में लग रहा है। देश में 55 हजार बायोगैस प्लांट लगा चुका है। हम प्रयास कर रहे हैं कि प्रत्येक वर्ष 15 से 20 हजार प्लांट लगाया जाए। इस वर्ष अभी तक सात हजार से अधिक प्लांट लगाए जा चुके हैं।
देश में डेयरी से आठ करोड़ परिवार जुड़े हुए हैं और सभी परिवार में बायोगैस प्लांट लग जाएगा तो देश के लिए अद्भुत होगा। पिछले वर्ष वाराणसी में सेंट्रलाइज्ड बायोगैस संयंत्र स्थापित किया गया। चार हजार क्यूबिक के इस कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की तरह बरौनी में भी बायोगैस प्लांट बनेगा। पंप से वह सप्लाई होगा और वाहन चलेंगे। बरौनी डेयरी और नाबार्ड मिलकर नस्ल सुधार कार्यक्रम कर रहा है, यह एक अच्छी पहल है। बरौनी डेयरी के लिए नया प्लांट बन रहा है। तीन माह में काम पूर्ण होने के बाद जब शुरू होगा तो वह इसमें प्रोडक्ट बनेंगे और गुणवत्ता में सुधार होगा।
विजय शंकर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में स्वागत भाषण प्रबंध निदेशक सुनील रंजन मिश्रा ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधान पार्षद सर्वेश कुमार, गव्य विकास निदेशक संजय कुमार, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार, विधायक सुरेन्द्र मेहता एवं राम रतन सिंह, खगड़िया जिला परिषद के अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव एवं बायोगैस एजेंसी के अतुल मित्तल आदि ने पशुपालकों की आय में वृद्धि के किया जा रहे प्रयासों की विस्तार से चर्चा की।
