दिल्ली सरकार में मंत्री सिरसा के खिलाफ AAP का प्रदर्शन: बुलडोजर एक्शन को लेकर बयान पर नाराजगी
आम आदमी पार्टी (AAP) ने 30 जून 2025 को दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ उनके कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सिरसा के उस बयान के विरोध में था, जिसमें उन्होंने दिल्ली में अवैध झुग्गी-झोपड़ियों पर बुलडोजर कार्रवाई का समर्थन करते हुए पूर्वांचल समाज के लोगों को “बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए” बताया। AAP ने इस बयान को अपमानजनक और भेदभावपूर्ण करार दिया, जिससे पूर्वांचल समाज में आक्रोश फैल गया। यह प्रदर्शन दिल्ली में सियासी तनाव को और बढ़ा रहा है, क्योंकि AAP ने इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) की रेखा गुप्ता सरकार के खिलाफ अपनी रणनीति का हिस्सा बनाया है। इस लेख में, हम इस प्रदर्शन, सिरसा के बयान, और इसके प्रभाव को पांच हिस्सों में समझेंगे।
AAP का प्रदर्शन और सिरसा का बयान
30 जून 2025 को AAP ने दिल्ली में सिरसा के कार्यालय के बाहर ‘घर रोजगार बचाओ आंदोलन’ के तहत प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का कारण सिरसा का वह बयान था, जिसमें उन्होंने दिल्ली में अवैध झुग्गियों पर बुलडोजर कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा, “ये रोहिंग्या और बांग्लादेशी हर जगह अपराध करते हैं। हम उन्हें यहां नहीं रहने देंगे। उनके ठिकाने गिरा दिए जाएंगे।” AAP ने इस बयान को पूर्वांचल समाज, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश से आए लोगों का अपमान बताया। AamAadmiParty की X पोस्ट में कहा गया कि सिरसा का बयान “पूर्वांचल समाज के खिलाफ घृणास्पद” है और BJP की विभाजनकारी नीति को दर्शाता है। प्रदर्शन में AAP नेता अरविंद केजरीवाल, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, और संजय सिंह शामिल हुए।
बुलडोजर कार्रवाई और AAP का विरोध
दिल्ली में हाल के महीनों में BJP सरकार ने अवैध झुग्गियों पर बुलडोजर कार्रवाई तेज की है, जिसे AAP ने गरीब विरोधी और वोट बैंक को निशाना बनाने की नीति बताया। AAP ने जंतर मंतर पर ‘घर रोजगार बचाओ आंदोलन’ शुरू किया, जिसमें केजरीवाल ने कहा, “BJP ने चुनाव में ‘जहां झुग्गी, वहां मकान’ का वादा किया, लेकिन अब गरीबों को उजाड़ रही है।” AAP का आरोप है कि सिरसा का बयान इस कार्रवाई को औचित्य देने और पूर्वांचल समाज को बदनाम करने की कोशिश है। सिरसा ने पहले भी AAP की पूर्व सरकार को दिल्ली में प्रदूषण और कचरे के लिए जिम्मेदार ठठराया था, जिसे AAP ने राजनीतिक हमला माना। प्रदर्शन में AAP ने सिरसा के बयान को संविधान विरोधी और सामाजिक एकता के खिलाफ बताया।
ऐतिहासिक संदर्भ: AAP और BJP का टकराव
AAP और BJP के बीच दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी और बुलडोजर कार्रवाई को लेकर लंबे समय से तनाव है। Jagran की 12 जनवरी 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, AAP ने केंद्र सरकार की ‘जहां झुग्गी, वहां मकान’ योजना पर सवाल उठाए थे, दावा करते हुए कि BJP बिना पुनर्वास के झुग्गियों को तोड़ रही है। 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP की हार के बाद, जिसमें उसने 12 में से 8 SC सीटें जीतीं, पार्टी ने गरीब और दलित वोटरों को फिर से जोड़ने के लिए बुलडोजर कार्रवाई को मुद्दा बनाया, AAP ने अपनी हार के बावजूद SC बहुल इलाकों में मजबूत पकड़ दिखाई, और अब सिरसा के बयान को पूर्वांचल समाज के खिलाफ बताकर वह इस समुदाय को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। सिरसा का बयान इस टकराव को और तेज करता है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
सिरसा के बयान और AAP के प्रदर्शन ने दिल्ली में सामाजिक और राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। पूर्वांचल समाज, जो दिल्ली की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है, इस बयान से आहत है। AamAadmiParty की X पोस्ट में कहा गया, “पूर्वांचल का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान,” जिससे यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया। सोशल मीडिया पर कुछ लोग AAP के प्रदर्शन को वोट बैंक की राजनीति बता रहे हैं, जबकि अन्य इसे BJP की विभाजनकारी नीति के खिलाफ जरूरी कदम मानते हैं।
भविष्य की चुनौतियां और कूटनीति
सिरसा के बयान और AAP के प्रदर्शन ने दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। AAP इस मुद्दे को 2026 के MCD चुनावों और भविष्य के विधानसभा चुनावों में भुनाने की कोशिश कर सकती है, खासकर पूर्वांचल और SC समुदायों के बीच। दूसरी ओर, BJP को इस बयान के कारण सामाजिक आलोचना का सामना करना पड़ सकता है, खासकर अगर पूर्वांचल समाज इसे अपने खिलाफ मानता है। दिल्ली पुलिस और प्रशासन को प्रदर्शनों के दौरान शांति बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम करने होंगे। साथ ही, सिरसा जैसे नेताओं को भविष्य में ऐसे बयानों से बचना होगा, जो सामुदायिक तनाव को बढ़ा सकते हैं। AAP को भी इस मुद्दे को संवेदनशीलता से उठाना होगा, ताकि यह साम्प्रदायिक रंग न ले। यह विवाद दिल्ली की राजनीति में दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है।
