विधायक की तिरंगा रैली में स्लैब टूटने से नाले में गिरा व्यक्ति; डॉग्स लवर्स का हजरतगंज में मार्च
लखनऊ/ 16 अगस्त : तिरंगा रैली के दौरान हुआ लखनऊ में हादसा। लखनऊ में स्वतंत्रता दिवस से पहले निकाली गई तिरंगा रैली के दौरान बड़ा हादसा हो गया। यह रैली स्थानीय विधायक की अगुवाई में आयोजित की गई थी, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए थे। जैसे ही रैली मुख्य मार्ग से गुजर रही थी, अचानक सड़क किनारे बने नाले का स्लैब दबाव सहन नहीं कर पाया और टूट गया। इस दौरान एक व्यक्ति सीधे नाले में गिर पड़ा, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।
लोगों ने बचाई जान
घटना के बाद मौजूद लोगों ने तुरंत मिलकर व्यक्ति को नाले से बाहर निकाला। हालांकि हादसे में व्यक्ति घायल हो गया, लेकिन उसकी जान बच गई। मौके पर मौजूद एंबुलेंस से उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ बहुत ज्यादा थी और प्रशासन ने सुरक्षा व व्यवस्था का समुचित इंतजाम नहीं किया था।
प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिस स्लैब पर लोग खड़े थे, वह काफी पुराना और जर्जर था। इसकी मरम्मत समय पर न होने की वजह से यह हादसा हुआ। रैली में बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के बावजूद प्रशासन और नगर निगम ने पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे। घटना के बाद क्षेत्रीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया।
डॉग्स लवर्स का हजरतगंज में मार्च
इधर, शहर के हजरतगंज इलाके में एक अलग नजारा देखने को मिला। यहां डॉग्स लवर्स ने रैली निकालकर आवारा कुत्तों की सुरक्षा और अधिकारों की मांग उठाई। इस मार्च में युवा, महिलाएं और कई सामाजिक संगठन भी शामिल हुए। सभी ने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर नारे लगाए – “बेजुबानों को इंसाफ चाहिए” और “कुत्ते भी इंसान के साथी हैं।”
पशु प्रेमियों ने रखी मांगें
मार्च में शामिल पशु प्रेमियों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में लखनऊ सहित कई शहरों में आवारा कुत्तों के साथ अमानवीय घटनाएं सामने आई हैं। इन बेजुबानों को अक्सर सड़क से हटाने या चोट पहुंचाने की कोशिश की जाती है। डॉग्स लवर्स ने प्रशासन से मांग की कि आवारा कुत्तों के लिए बेहतर शेल्टर होम बनाए जाएं, नियमित मेडिकल कैंप लगाए जाएं और उनके भोजन-पानी की व्यवस्था की जाए।
दोनों घटनाओं ने खींचा ध्यान
एक तरफ जहां तिरंगा रैली में हुई लापरवाही ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया, वहीं दूसरी ओर हजरतगंज में डॉग्स लवर्स के मार्च ने समाज का ध्यान जानवरों के अधिकारों की ओर खींचा। दोनों घटनाओं ने लखनऊ शहर में अलग-अलग मुद्दों को उजागर किया – एक ओर सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही, तो दूसरी ओर इंसानों की जिम्मेदारी बेजुबान जानवरों के प्रति।
