• December 30, 2025

बंगाल चुनाव 2026 की बिसात: अमित शाह के ‘दो-तिहाई बहुमत’ के दावे पर टीएमसी का तीखा प्रहार, कहा- ’50 सीटें भी नहीं जीत पाएगी भाजपा’

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजनीति में 2026 के विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कोलकाता दौरे और वहां दिए गए उनके बयानों ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को हमलावर होने का मौका दे दिया है। अमित शाह ने जहां आगामी चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत और ममता सरकार की विदाई का दावा किया, वहीं टीएमसी ने इन दावों को ‘दिवास्वप्न’ बताते हुए शाह पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। बंगाल की धरती से शुरू हुआ यह वाकयुद्ध अब महिला सुरक्षा, घुसपैठ और औद्योगिक विकास जैसे मुद्दों पर केंद्रित हो गया है।

अमित शाह का बड़ा दावा: ‘2026 में बनेगी दो-तिहाई बहुमत वाली भाजपा सरकार’

कोलकाता में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आत्मविश्वास के साथ घोषणा की कि 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। शाह ने कहा, “बंगाल की जनता ने अब परिवर्तन का मन बना लिया है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 15 अप्रैल, 2026 के बाद राज्य में भाजपा की नई सरकार होगी और हम दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आएंगे।”

शाह ने अपने संबोधन में ‘घुसपैठ’ के मुद्दे को भी हवा दी। उन्होंने संकल्प जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार न केवल सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकेगी, बल्कि राज्य के भीतर मौजूद घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकालने का काम भी करेगी। गृह मंत्री ने बंगाल की अस्मिता और सुरक्षा को चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाने के स्पष्ट संकेत दिए हैं।

महिला सुरक्षा पर शाह का वार: ‘क्या हम मुगल काल में जी रहे हैं?’

अमित शाह ने बंगाल में महिला सुरक्षा की स्थिति पर ममता बनर्जी सरकार को आड़े हाथों लिया। राज्य सरकार की एक कथित एडवाइजरी का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, “यह सुनकर दुख होता है कि आधिकारिक तौर पर महिलाओं को शाम सात बजे के बाद घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है। हम किस युग में जी रहे हैं? क्या यह कोई मुगल काल है?”

उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि आजाद भारत में महिलाएं जब चाहें बाहर निकल सकें, यह उनका संवैधानिक अधिकार है। शाह ने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार महिलाओं को बुनियादी सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है और राज्य में कानून-व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है।

ब्रत्य बसु का पलटवार: ‘शाह एक पर्यटक की तरह आते-जाते रहेंगे’

अमित शाह के बयानों पर तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी। राज्य के शिक्षा मंत्री और टीएमसी के वरिष्ठ नेता ब्रत्य बसु ने शाह के दावों को पूरी तरह आधारहीन और खोखला बताया। बसु ने कहा कि भाजपा के लिए बंगाल एक ऐसी चुनौती है जिसे वे कभी पार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “अमित शाह बंगाल में एक पर्यटक (Tourists) की तरह आते-जाते रहेंगे, लेकिन उनकी इन यात्राओं से भाजपा को कोई राजनीतिक लाभ नहीं होने वाला है।”

ब्रत्य बसु ने भाजपा की चुनावी क्षमता पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि 2026 के चुनाव में भाजपा 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि पिछली बार भी भाजपा ने ‘अबकी बार 200 पार’ का नारा दिया था, लेकिन जनता ने उन्हें उनकी सही जगह दिखा दी थी। इस बार भी उन्हें एक शर्मनाक हार का सामना करना पड़ेगा।

शशि पांजा का जवाब: ‘अपराधियों को माला पहनाने वाले हमें उपदेश न दें’

टीएमसी की वरिष्ठ नेता और मंत्री डॉ. शशि पांजा ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर शाह को घेरा। उन्होंने कहा कि अमित शाह को बंगाल की महिलाओं की चिंता करने के बजाय अपनी पार्टी के ट्रैक रिकॉर्ड को देखना चाहिए। पांजा ने हमला बोलते हुए कहा, “अमित जी हमें महिला सुरक्षा पर उपदेश न दें। आपकी पार्टी के नेता बिलकिस बानो के दोषियों को माला पहनाते हैं और कुलदीप सेंगर व बृजभूषण शरण सिंह जैसे आरोपियों को बचाने की कोशिश करते हैं।”

पांजा ने शाह को चुनौती दी कि वे दुर्गा पूजा और क्रिसमस जैसे त्योहारों के दौरान बंगाल आएं और देखें कि कैसे हजारों महिलाएं रात-रात भर सड़कों पर बेखौफ घूमती हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर बंगाल द्वारा प्रस्तावित ‘अपराजिता विधेयक’ (दुष्कर्म के खिलाफ सख्त कानून) को अटकाने का भी आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार महिलाओं के प्रति गंभीर नहीं है।

औद्योगिक विकास पर दावों की जंग: ‘झूठ फैला रहे हैं गृह मंत्री’

अमित शाह ने प्रेस वार्ता में बंगाल की औद्योगिक स्थिति पर भी चिंता जताई थी और आरोप लगाया था कि राज्य में उद्योग खत्म हो रहे हैं। इस पर पलटवार करते हुए शशि पांजा ने आंकड़ों के साथ जवाब दिया। उन्होंने बताया कि 2011 से अब तक बंगाल में 13.8 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है।

पांजा ने केंद्र सरकार के ही आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में बंगाल देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह राजनीतिक लाभ के लिए औद्योगिक विकास को लेकर सफेद झूठ फैला रहे हैं। टीएमसी नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार बंगाल के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है और राज्य के बकाया फंड को रोककर विकास में बाधा उत्पन्न कर रही है।

निष्कर्ष: 2026 के लिए तैयार हो रहा है चुनावी रण

अमित शाह और टीएमसी के बीच का यह ताजा विवाद स्पष्ट करता है कि 2026 का चुनाव केवल सत्ता का संघर्ष नहीं, बल्कि विचारधाराओं और अस्मिता की लड़ाई होगा। जहां भाजपा महिला सुरक्षा और घुसपैठ को हथियार बना रही है, वहीं टीएमसी अपनी योजनाओं और केंद्र की ‘विफलता’ को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है। आने वाले दिनों में बंगाल की राजनीति में गठबंधन के समीकरण और जमीनी मुद्दे और भी स्पष्ट होंगे, लेकिन फिलहाल दोनों दलों ने अपनी-अपनी जीत के दावों के साथ युद्ध की घोषणा कर दी है।

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