• December 25, 2025

पैन-आधार लिंकिंग की समयसीमा नजदीक: 1 जनवरी 2026 से इनऑपरेटिव हो जाएंगे अनलिंक्ड कार्ड, जानें बचने के तरीके और परिणाम

नई दिल्ली: भारत सरकार और आयकर विभाग ने देश के सभी करदाताओं और नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। यदि आपने अभी तक अपने स्थायी खाता संख्या (PAN) को आधार कार्ड (Aadhaar) से लिंक नहीं किया है, तो आपके पास अब बहुत कम समय बचा है। आयकर विभाग के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार, पैन और आधार को जोड़ने की अंतिम समयसीमा अब बिल्कुल करीब है। अगर 1 जनवरी 2026 तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, तो संबंधित पैन कार्ड ‘इनऑपरेटिव’ यानी निष्क्रिय घोषित कर दिया जाएगा। इसका सीधा असर आपके बैंकिंग लेन-देन, टैक्स रिटर्न और निवेश से जुड़ी गतिविधियों पर पड़ेगा।

डेडलाइन का गणित: 31 दिसंबर 2025 तक का है समय

आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन नागरिकों का आधार कार्ड 1 अक्टूबर 2024 या उससे पहले जारी किया गया है, उनके लिए अपने पैन को आधार से लिंक करना अनिवार्य है। इसके लिए अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है। यदि इस तिथि तक लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो अगले ही दिन यानी 1 जनवरी 2026 से वह पैन कार्ड कानूनी रूप से वैध रहते हुए भी व्यावहारिक रूप से काम करना बंद कर देगा। विभाग का उद्देश्य वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता लाना और फर्जी पैन कार्डों के जरिए होने वाली कर चोरी को रोकना है।

पैन ‘इनऑपरेटिव’ होने का क्या है मतलब?

अक्सर लोगों के मन में यह भ्रम रहता है कि पैन निष्क्रिय होने का मतलब कार्ड का रद्द होना है। लेकिन तकनीकी रूप से ‘इनऑपरेटिव’ होने का अर्थ थोड़ा अलग है। इसका मतलब है कि कानून की नजर में आपका पैन नंबर तो रहेगा, लेकिन आप किसी भी वित्तीय कार्य के लिए इसका उपयोग नहीं कर पाएंगे। यह ठीक वैसा ही होगा जैसे आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस तो है, लेकिन आप वाहन नहीं चला सकते। एक बार पैन इनऑपरेटिव हो जाने के बाद, आप इसे तब तक इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे जब तक कि आप निर्धारित जुर्माना भरकर इसे दोबारा सक्रिय नहीं करवा लेते।

लिंकिंग न होने पर होने वाले गंभीर नुकसान

पैन कार्ड के निष्क्रिय होने से आम आदमी के जीवन पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। सबसे बड़ा झटका टैक्स के मोर्चे पर लगेगा। यदि आपका पैन इनऑपरेटिव है, तो आपके वेतन या अन्य आय पर काटा जाने वाला टीडीएस (TDS) सामान्य दर के बजाय बहुत ऊंची दर से काटा जाएगा। इसके अलावा, आप अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं कर पाएंगे, जिससे आपका टैक्स रिफंड भी फंस सकता है। बैंकिंग क्षेत्र में भी बड़ी चुनौतियां आएंगी; नया बैंक खाता खोलना, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराना या 50,000 रुपये से अधिक का नकद लेनदेन करना असंभव हो जाएगा।

कर्ज और निवेश पर पड़ेगा सीधा असर

पैन कार्ड का सही स्थिति में होना आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और वित्तीय साख के लिए अनिवार्य है। यदि आपका पैन काम नहीं कर रहा है, तो बैंक आपको होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन देने से मना कर सकते हैं। कम ब्याज दरों वाले कर्ज की सुविधा भी इनऑपरेटिव पैन वाले ग्राहकों को नहीं दी जाती। निवेश की बात करें तो शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड या डीमैट खाता खोलने के लिए पैन अनिवार्य है। ऐसे में लिंकिंग न होने की स्थिति में आपका निवेश पोर्टफोलियो फ्रीज हो सकता है और आप नई खरीदारी नहीं कर पाएंगे।

1,000 का जुर्माना और सक्रियण की प्रक्रिया

आयकर विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि समयसीमा समाप्त होने के बाद यदि कोई व्यक्ति अपने पैन को आधार से लिंक करना चाहता है, तो उसे 1,000 रुपये का विलंब शुल्क यानी जुर्माना देना होगा। यह राशि आयकर विभाग के ‘e-Pay Tax’ पोर्टल के माध्यम से जमा करनी होगी। जुर्माने का भुगतान करने के बाद ही लिंकिंग की रिक्वेस्ट प्रोसेस की जाएगी। पहले से देरी कर चुके लोगों के लिए भी यही शुल्क लागू है। विभाग का कहना है कि यह राशि सरकारी खजाने में जमा होगी, जिसके बाद ही तकनीकी रूप से पैन को दोबारा सक्रिय करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

डिटेल्स मैच न होने की समस्या और समाधान

कई बार नागरिक पैन और आधार लिंक करने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन डेटा में विसंगति (Data Mismatch) के कारण उनकी रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो जाती है। नाम की स्पेलिंग में अंतर, जन्मतिथि की गलती या मोबाइल नंबर का अपडेट न होना इसके मुख्य कारण हैं। ऐसी स्थिति में, लिंकिंग से पहले डेटा सुधारना अनिवार्य है। यदि पैन कार्ड में जानकारी गलत है, तो उसे ‘Protean’ (पुराना नाम NSDL) या ‘UTIITSL’ की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से सुधारा जा सकता है। वहीं, अगर आधार में गलती है, तो ‘UIDAI’ के पोर्टल या नजदीकी आधार केंद्र पर जाकर इसे ठीक कराना होगा।

बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन: उन लोगों के लिए अंतिम विकल्प जिनका डेटा मैच नहीं हो रहा

कुछ मामलों में, ऑनलाइन सुधार के बावजूद तकनीकी कारणों से पैन-आधार लिंक नहीं हो पाता। ऐसे लोगों के लिए आयकर विभाग ने बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा दी है। करदाता किसी भी अधिकृत पैन सेवा केंद्र (PAN Service Center) पर जा सकते हैं। वहां आपको अपना मूल पैन कार्ड, आधार कार्ड और 1,000 रुपये का शुल्क ले जाना होगा। केंद्र पर आपके फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन के जरिए आपकी पहचान सत्यापित की जाएगी और मैन्युअल रूप से लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। यह उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी उपयोगी है जिन्हें ऑनलाइन पोर्टल चलाने में कठिनाई होती है।

ऑनलाइन पैन-आधार लिंक करने की स्टेप-बाय-स्टेप विधि

पैन को आधार से लिंक करना अब काफी सरल हो गया है और इसे घर बैठे आयकर विभाग के ‘e-Filing Portal’ पर जाकर किया जा सकता है। सबसे पहले पोर्टल पर ‘Link Aadhaar’ विकल्प चुनें। इसके बाद अपना पैन और आधार नंबर दर्ज करें। यदि आपने पहले से जुर्माना नहीं भरा है, तो पोर्टल आपको ई-पे टैक्स के जरिए भुगतान करने के लिए निर्देशित करेगा। भुगतान के 4-5 कार्य दिवसों के बाद, आप दोबारा पोर्टल पर जाकर अपनी रिक्वेस्ट सबमिट कर सकते हैं। इसके बाद आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी (OTP) आएगा, जिसे दर्ज करते ही आपकी लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

लिंकिंग स्टेटस जांचना है बेहद जरूरी

कई बार हमें लगता है कि हमारा पैन और आधार लिंक है, लेकिन रिकॉर्ड में ऐसा नहीं होता। इसलिए समय-समय पर स्टेटस चेक करना बुद्धिमानी है। आयकर विभाग के पोर्टल पर ‘Know Your Link Aadhaar Status’ का विकल्प उपलब्ध है। यहां सिर्फ अपना पैन और आधार नंबर डालकर आप तुरंत जान सकते हैं कि आपका कार्ड सुरक्षित है या नहीं। यदि स्टेटस ‘Linked’ दिखा रहा है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि यह ‘Pending’ या ‘Not Linked’ दिखा रहा है, तो 31 दिसंबर 2025 से पहले इसे हर हाल में पूरा कर लें।

कुल मिलाकर, पैन-आधार लिंकिंग अब केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि आपकी वित्तीय स्वतंत्रता की चाबी है। आने वाले नए साल में किसी भी प्रकार की वित्तीय रुकावट और भारी जुर्माने से बचने के लिए आज ही अपना स्टेटस जांचें और आवश्यक कदम उठाएं।

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