• December 25, 2025

महाराष्ट्र निकाय चुनाव परिणाम 2025: मतगणना शुरू, बारामती और अंबरनाथ समेत 23 नगर परिषदों में किसकी होगी जीत?

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद निर्णायक साबित होने वाला है। राज्य की 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के साथ-साथ विभिन्न निकायों के 143 रिक्त पदों के लिए हुए चुनावों की मतगणना रविवार सुबह 10 बजे से शुरू हो गई है। राज्य के कोने-कोने से आने वाले रुझान यह तय करेंगे कि जमीनी स्तर पर जनता का झुकाव महायुति की ओर है या महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की ओर। चुनाव आयोग ने सभी मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं और दोपहर तक सत्ता का स्पष्ट चित्र सामने आने की उम्मीद है।

चुनावी रण: 23 निकायों और रिक्त पदों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सूचना के अनुसार, आज के परिणामों में 23 प्रमुख नगर परिषदों और नगर पंचायतों के भाग्य का फैसला होना है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न निकायों में खाली पड़े 143 सदस्य पदों के लिए भी वोटों की गिनती की जा रही है। इन चुनावों को 2025 के आगामी राजनीतिक परिदृश्य का ‘लिटमस टेस्ट’ माना जा रहा है।

दो चरणों में हुए इस मतदान में मतदाताओं का मिला-जुला उत्साह देखने को मिला था। जहां पहले चरण की 263 स्थानीय निकायों में 67.3 प्रतिशत का भारी मतदान दर्ज किया गया था, वहीं दूसरे चरण में शनिवार को हुए मतदान में शाम तक 47.04 प्रतिशत वोट डाले गए। मतदान के इन आंकड़ों ने राजनीतिक पंडितों को भी उलझन में डाल दिया है, क्योंकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति अलग-अलग रुझान देखे गए हैं।

बारामती और अंबरनाथ पर सबकी नजर: प्रतिष्ठा की लड़ाई

इन निकाय चुनावों में सबसे अधिक चर्चा पुणे जिले की ‘बारामती नगर परिषद’ और ठाणे जिले की ‘अंबरनाथ नगर परिषद’ की हो रही है। बारामती, जो कि पवार परिवार का गढ़ माना जाता है, वहां की नगर परिषद के नतीजे अजित पवार और शरद पवार दोनों के गुटों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने हुए हैं। स्थानीय स्तर पर यहां के परिणाम यह संकेत देंगे कि पवार परिवार के शक्ति संघर्ष में जनता किसके साथ खड़ी है।

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रभाव वाले ठाणे जिले की अंबरनाथ नगर परिषद भी राजनीतिक रूप से काफी अहम है। यहां शहरी मतदाताओं का रुझान यह तय करेगा कि शिवसेना (शिंदे गुट) अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने में कितनी सफल रही है। अंबरनाथ की जीत महायुति के लिए एक बड़े मनोवैज्ञानिक लाभ के रूप में देखी जा रही है।

महायुति बनाम एमवीए: गठबंधन के भीतर ‘दोस्ताना संघर्ष’

महाराष्ट्र के इन निकाय चुनावों की सबसे रोचक बात यह है कि यहां मुकाबला केवल दो गठबंधनों के बीच नहीं, बल्कि गठबंधन के भीतर भी है। कई स्थानों पर भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी (महायुति) के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोकते नजर आए हैं। इसे राजनीतिक गलियारों में ‘दोस्ताना लड़ाई’ का नाम दिया गया है, लेकिन हकीकत में यह अपना स्थानीय वर्चस्व बढ़ाने की होड़ है।

वहीं, महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी) ने भी कई सीटों पर पूरी ताकत झोंकी है। विपक्ष के लिए यह चुनाव 2024 के लोकसभा और विधानसभा प्रदर्शन के बाद अपनी जमीनी पकड़ को बरकरार रखने की चुनौती है। जानकारों का मानना है कि इन स्थानीय चुनावों के नतीजे भविष्य में होने वाले गठबंधन के सीट बंटवारे को भी प्रभावित कर सकते हैं।

निर्विरोध निर्वाचन और शांतिपूर्ण मतदान की प्रक्रिया

चुनाव प्रक्रिया के दौरान कुछ स्थानों पर राजनीतिक सामंजस्य भी देखने को मिला। जहां हजारों सीटों पर कड़ी टक्कर है, वहीं कुछ सीटों पर उम्मीदवारों का चुनाव निर्विरोध संपन्न हुआ। डोंडाइचा नगर परिषद और अंगार नगर पंचायत में अध्यक्ष और सदस्यों का चुनाव सर्वसम्मति से निर्विरोध रहा। इसी तरह, जामनेर नगर परिषद में अध्यक्ष पद के लिए भी कोई प्रतिद्वंद्वी मैदान में नहीं था, जिससे वहां की स्थिति पहले ही स्पष्ट हो गई थी।

2 दिसंबर को संपन्न हुए पहले चरण के मतदान के दौरान शाम 3:30 बजे तक करीब 47.51% मतदान दर्ज किया गया था, जो शाम तक बढ़कर काफी ऊपर पहुंच गया था। इस चरण में 6,042 सीटों और 264 अध्यक्ष पदों के लिए वोट डाले गए थे। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान की पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही, जो राज्य निर्वाचन आयोग के लिए एक बड़ी राहत की बात रही।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम और पारदर्शी मतगणना प्रणाली

मतगणना के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। हर मतगणना केंद्र के बाहर पुलिस की भारी तैनाती की गई है और धारा 144 जैसे प्रतिबंधात्मक आदेश भी लागू किए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मतगणना की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए।

प्रत्येक राउंड की गिनती के बाद रुझानों को आधिकारिक लाउडस्पीकर और डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से सार्वजनिक किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश सीटों के परिणाम दोपहर 2 बजे तक स्पष्ट हो जाएंगे, जबकि कुछ बड़ी नगर परिषदों के अंतिम आधिकारिक आंकड़े शाम तक आने की संभावना है।

2025 के राजनीतिक समीकरणों पर प्रभाव

यह चुनाव परिणाम केवल नगर परिषदों के अध्यक्ष या पार्षद चुनने तक सीमित नहीं हैं। यह परिणाम महाराष्ट्र की राजनीति के अगले अध्याय की पटकथा लिखेंगे। यदि महायुति इन चुनावों में बढ़त बनाती है, तो यह सरकार की लोकलुभावन योजनाओं पर जनता की मुहर मानी जाएगी। वहीं, यदि एमवीए बेहतर प्रदर्शन करता है, तो यह माना जाएगा कि सत्ता विरोधी लहर अभी भी राज्य में प्रभावी है।

स्थानीय निकायों का नियंत्रण राजनीतिक दलों के लिए ग्रामीण और शहरी नेटवर्क को मजबूत करने का सबसे बड़ा जरिया होता है। आज के नतीजों से तय होगा कि आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र के विकास की बागडोर किन हाथों में होगी और जनता ने विकास के दावों और राजनीतिक गठजोड़ को किस तरह स्वीकार किया है।

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