• December 25, 2025

उत्तराखंड में भीषण सड़क हादसा: कैंची धाम जा रहे पीलीभीत के श्रद्धालुओं की गाड़ी खाई में गिरी, 3 की मौत, 5 गंभीर

भवाली (नैनीताल) | 18 दिसंबर, 2025

देवभूमि उत्तराखंड के नैनीताल जिले से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। प्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र कैंची धाम के दर्शन के लिए उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से आ रहे श्रद्धालुओं की एक स्कॉर्पियो कार भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में दो महिलाओं और एक युवती समेत कुल तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण घायलों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

कैसे हुआ हादसा?

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीलीभीत और बरेली क्षेत्र के रहने वाले आठ श्रद्धालु स्कॉर्पियो कार (UK/UP नंबर) से बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन के लिए कैंची धाम जा रहे थे। गुरुवार की सुबह जब उनकी गाड़ी भवाली-अल्मोड़ा हाईवे पर निगलाट के पास पहुँची, तो अचानक चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया।

सड़क किनारे सुरक्षा दीवार न होने या कोहरे के कारण दृश्यता कम होने की वजह से गाड़ी सीधे अनियंत्रित होकर कई सौ फीट गहरी खाई में जा समाई। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर दौड़े और तुरंत पुलिस को सूचना दी।

हताहतों का विवरण: एक ही परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

भवाली सीएचसी (CHC) के डॉक्टर रमेश कुमार ने पुष्टि की है कि अस्पताल लाए जाने से पहले ही तीन श्रद्धालुओं ने दम तोड़ दिया था। मृतकों की पहचान निम्नलिखित रूप में हुई है:

  1. गंगा देवी (56 वर्ष): पत्नी भूपराम।

  2. नैंसी गंगवार (24 वर्ष): पुत्री जयपाल सिंह।

  3. बृजेश कुमारी (26 वर्ष): पुत्री राहुल पटेल।

ये सभी मृतक और घायल आपस में रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और उनके परिजनों को पीलीभीत और बरेली में सूचित कर दिया गया है।

घायलों की स्थिति और रेस्क्यू ऑपरेशन

कोतवाल प्रकाश सिंह मेहरा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने स्थानीय युवाओं की मदद से घायलों को खाई से बाहर निकाला। हादसे में घायल हुए पांच लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी के हायर सेंटर (सुशीला तिवारी अस्पताल) रेफर कर दिया गया है।

घायलों की सूची:

  • ऋषि पटेल (7 वर्ष) – मासूम बच्चा इस हादसे में बाल-बाल बचा लेकिन घायल है।

  • राहुल पटेल (35 वर्ष) – वाहन चला रहे या अगली सीट पर बैठे बताए जा रहे हैं।

  • करन (25 वर्ष) और उनकी पत्नी ज्योति (25 वर्ष)।

  • स्वाति (20 वर्ष) और अक्षय (20 वर्ष)।

पहाड़ी रास्तों पर बढ़ता खतरों का सफर

सर्दियों के मौसम में उत्तराखंड के पहाड़ी रास्तों पर कोहरा (Fog) और पाला (Frost) सड़क हादसों का मुख्य कारण बन रहे हैं। निगलाट का यह क्षेत्र काफी घुमावदार है और सुबह के समय यहाँ अक्सर फिसलन रहती है।

हादसे के संभावित कारण:

  • थकान: पीलीभीत से रात भर गाड़ी चलाकर आने के कारण चालक को नींद की झपकी आने की आशंका जताई जा रही है।

  • अनजान रास्ता: मैदानी इलाकों के चालकों को अक्सर पहाड़ों के खतरनाक मोड़ों का अंदाजा नहीं होता।

  • तकनीकी खराबी: पुलिस वाहन की तकनीकी जांच भी कर रही है ताकि पता चल सके कि कहीं ब्रेक फेल होने जैसी कोई समस्या तो नहीं थी।

प्रशासन और स्थानीय लोगों की मुस्तैदी

हादसे के बाद भवाली कोतवाली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। स्थानीय लोगों ने बताया कि खाई इतनी गहरी थी कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए थे। घायलों को स्ट्रेचर और रस्सी के सहारे ऊपर मुख्य मार्ग तक लाया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी हादसे पर दुख व्यक्त किया है और जिला प्रशासन को घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं।

यात्रियों के लिए विशेष सलाह

अगर आप भी इन दिनों उत्तराखंड की पहाड़ियों या कैंची धाम की यात्रा पर जा रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  1. रात्रि यात्रा से बचें: पहाड़ों पर रात या तड़के गाड़ी चलाना जोखिम भरा हो सकता है।

  2. अनुभवी चालक: केवल वही व्यक्ति पहाड़ पर गाड़ी चलाए जिसे चढ़ाई और ढलान का अनुभव हो।

  3. गति सीमा: ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’—मोड़ों पर गति अत्यंत कम रखें।

पीलीभीत के इन परिवारों के लिए यह तीर्थ यात्रा एक कभी न भूलने वाले गम में बदल गई है। अस्पताल में भर्ती घायलों की सलामती के लिए दुआएं की जा रही हैं।

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