बिहार में पुराने जमीन दस्तावेज होंगे ऑनलाइन: 5.59 करोड़ से अधिक रजिस्ट्री दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन तेजी से जारी
पटना, 15 दिसंबर 2025: बिहार में जमीन-जायदाद से जुड़े पुराने निबंधित दस्तावेजों को डिजिटल बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम चल रहा है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग राज्यभर के 5 करोड़ 59 लाख से अधिक पुराने दस्तावेजों को डिजिटाइज कर रहा है। इस पहल के पूरा होने पर आम नागरिक घर बैठे अपने जमीन से जुड़े पुराने दस्तावेज ऑनलाइन देख और डाउनलोड कर सकेंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। पहले चरण में 1990 से 1995 के बीच निबंधित करीब 35 लाख 50 हजार दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। इस चरण का लगभग 39 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।दूसरे और अंतिम चरण में 1908 से 1989 तक के पुराने दस्तावेजों (करीब 5 करोड़ 24 लाख) को डिजिटल रूप दिया जा रहा है। अब तक इस श्रेणी के 1 करोड़ 52 लाख दस्तावेजों का पीडीएफ तैयार किया जा चुका है, जिन्हें क्रमवार वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
डिजिटाइजेशन प्रक्रिया को तीन चरणों में बांटा गया है:
- दस्तावेजों की उच्च गुणवत्ता वाली स्कैनिंग और पीडीएफ तैयार करना।
- आवश्यक विवरणी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना।
- दस्तावेजों को आम नागरिकों के लिए सार्वजनिक करना।
विभाग का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक सभी पुराने निबंधित दस्तावेजों को ऑनलाइन उपलब्ध कराना है।
इस पहल से निबंधन कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत खत्म हो जाएगी। घर बैठे दस्तावेज देखने-डाउनलोड करने से समय और पैसों की बचत होगी। साथ ही, जमीन विवादों में पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े व छेड़छाड़ पर रोक लगेगी।