भारत-ब्राजील रक्षा गठबंधन: आकाश मिसाइल डील की चर्चा से मजबूत होगी साझेदारी
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2025: भारत और ब्राजील के बीच रक्षा सहयोग नई ऊंचाइयों को छूने वाला है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन और रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेइरो फिल्हो के साथ नई दिल्ली में बैठक की, जहां स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति पर प्रस्ताव रखा गया। यह कदम दोनों देशों के बीच सैन्य और औद्योगिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा इशारा है। क्या ब्राजील आकाश को अपनाकर भारत को नया रक्षा निर्यात बाजार देगा? और इससे दक्षिण अमेरिका में भारत की पकड़ बढ़ेगी? आइए, इस अहम चर्चा के विभिन्न पहलुओं को समझते हैं।
राजनाथ सिंह की बैठक: सैन्य सहयोग पर दूरदर्शी वार्ता
15 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली के मनेकशॉ सेंटर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्राजील के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। बैठक में सैन्य सहयोग, रक्षा उत्पादन और तकनीकी साझेदारी पर विस्तृत चर्चा हुई। राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “हमने रक्षा सहयोग के मुद्दों पर दूरदर्शी चर्चा की, जिसमें सैन्य से सैन्य सहयोग और औद्योगिक साझेदारी का विस्तार शामिल था।” इस दौरान भारत ने ब्राजील को आकाश मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति का प्रस्ताव रखा, जो दोनों देशों के साझा सुरक्षा लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया। ब्राजील के रक्षा मंत्री ने भारत की स्वदेशी क्षमताओं की सराहना की, और सह-विकास की संभावनाओं पर जोर दिया। यह बैठक भारत-ब्राजील रणनीतिक साझेदारी को नई गति देगी, खासकर दक्षिण अमेरिका में भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
आकाश मिसाइल: भारत का गौरव, ब्राजील की सुरक्षा जरूरत
आकाश सिस्टम भारत का स्वदेशी मध्यम दूरी का सतह-से-हवा मिसाइल (SAM) है, जिसे DRDO ने विकसित किया। इसका नाम संस्कृत के ‘आकाश’ से प्रेरित है, जो हवाई खतरों जैसे दुश्मन विमानों, मिसाइलों, ड्रोन्स और UAV से बचाव के लिए डिजाइन किया गया। राजेंद्र रडार से लैस यह सिस्टम 30 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट कर सकता है, और अपग्रेडेड आकाश-NG में रेंज 70 किलोमीटर तक है। भारत वायुसेना और सेना में तैनात यह सिस्टम भारत डायनामिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित होता है। ब्राजील के मध्यम ऊंचाई वाले एयर डिफेंस प्रोग्राम के लिए यह आदर्श है, और पहले से ही आर्मेनिया को निर्यात हो चुका है। बैठक में सह-उत्पादन की संभावना पर भी बात हुई, जो ब्राजील को तकनीकी हस्तांतरण देगी। यह डील भारत के ‘मेक इन इंडिया’ को वैश्विक पटल पर मजबूत करेगी।
रक्षा साझेदारी का भविष्य: सह-विकास से नई संभावनाएं
भारत और ब्राजील के बीच रक्षा सहयोग 2003 से मजबूत हो रहा है, और यह बैठक सह-विकास के नए द्वार खोलेगी। चर्चा में आकाश के अलावा गारुड़ 105 V2 आर्टिलरी गन जैसे अन्य सिस्टम भी शामिल थे। ब्राजील की तकनीकी मूल्यांकन प्रक्रिया चल रही है, और बजटीय समीक्षा के बाद डील फाइनल हो सकती है। दोनों देश साझा सुरक्षा चुनौतियों – जैसे साइबर थ्रेट्स और क्षेत्रीय अस्थिरता – का सामना करने के लिए क्षमताओं का आदान-प्रदान करेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों के विनिर्माण और नवाचार को लाभ पहुंचाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आकाश डील से भारत का रक्षा निर्यात 2025 में 20% बढ़ सकता है। लेकिन चुनौतियां भी हैं – जैसे तकनीकी हस्तांतरण और ब्राजील की आंतरिक लॉबिंग। क्या यह डील भारत को लैटिन अमेरिका का प्रमुख रक्षा साझेदार बनाएगी? समय ही बताएगा।
