यूपी में शहरी विकास की नई उड़ान: योगी की ग्रीन कॉरिडोर और मॉडल प्रोजेक्ट्स की पहल
लखनऊ, 4 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा कर शहरी विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का खाका खींचा। मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन में 1,833 करोड़ की 38 परियोजनाएं, लखनऊ में 28 किमी ग्रीन कॉरिडोर और पीपीपी मॉडल पर कन्वेंशन सेंटर जैसे कदमों पर जोर दिया गया। योगी ने विकास प्राधिकरणों को बॉन्ड जारी कर आय बढ़ाने और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य करने के निर्देश दिए। क्या यह पहल यूपी को शहरी विकास का राष्ट्रीय मॉडल बनाएगी? आइए, इस रणनीति की पूरी कहानी जानें।
मेरठ-कानपुर-मथुरा: 1,833 करोड़ की परियोजनाओं का ब्लूप्रिंट
मुख्यमंत्री योगी ने मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र विकास के लिए 1,833 करोड़ रुपये की लागत से 38 परियोजनाओं को हरी झंडी दी। मेरठ में 11, कानपुर में 13 और मथुरा-वृंदावन में 14 प्रोजेक्ट्स प्रस्तावित हैं, जिनमें सड़क, जल निकासी, और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। योगी ने निर्देश दिए कि हर परियोजना स्थानीय जरूरतों के आधार पर तैयार हो, ताकि जनता को तत्काल लाभ मिले। मास्टर प्लान की चयन प्रक्रिया को वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया। मथुरा-वृंदावन में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोजेक्ट्स हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे। योगी ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल बुनियादी ढांचे को बेहतर करेंगी, बल्कि रोजगार और निवेश को भी बढ़ाएंगी। अधिकारियों को साप्ताहिक मॉनिटरिंग और समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करने को कहा गया। यह कदम यूपी के मध्यम शहरों को स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘विकास की नई लहर’ बता रहे हैं।
ग्रीन कॉरिडोर और पीपीपी मॉडल: आर्थिक विकास की नई रणनीति
लखनऊ में 28 किलोमीटर ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर योगी ने विशेष ध्यान दिया। यह कॉरिडोर शहर की विभिन्न परियोजनाओं को जोड़ेगा, जिससे यातायात सुगम होगा और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इसके लिए निवेश ऋण के जरिए फंडिंग की जाएगी। योगी ने पीपीपी मॉडल पर कन्वेंशन सेंटर, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मल्टीलेवल पार्किंग जैसे प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने को कहा, ताकि प्राधिकरणों की आय बढ़े और शहर आत्मनिर्भर बनें। विकास प्राधिकरणों को बॉन्ड जारी करने का निर्देश दिया गया, जिससे वित्तीय स्वायत्तता बढ़ेगी और जनता का भरोसा मजबूत होगा। योगी ने कहा कि ये परियोजनाएं राष्ट्रीय स्तर पर मॉडल बनेंगी। कन्वेंशन सेंटर जैसे प्रोजेक्ट्स से वैश्विक निवेश आकर्षित होगा, और यूपी पर्यटन और व्यापार का हब बनेगा। यह रणनीति न केवल शहरी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह यूपी को निवेश का नया केंद्र बना सकता है।
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और दीर्घकालिक दृष्टिकोण
योगी ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को हर भवन के नक्शे में अनिवार्य करने का सख्त निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जल संकट की गंभीरता को देखते हुए यह कदम जरूरी है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर अल्प, मध्य और दीर्घकालिक योजनाएं बनाने पर जोर दिया गया। विकास को केवल निर्माण तक सीमित न रखकर, इसे आर्थिक वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण और जन सुविधा से जोड़ा जाए। योगी ने अधिकारियों को फील्ड में उतरकर प्रोजेक्ट्स की प्रगति देखने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने को कहा। अनधिकृत कॉलोनियों पर रोक और गुणवत्तापूर्ण कार्य पर बल दिया गया। यह दृष्टिकोण यूपी को 2050 तक की जरूरतों के लिए तैयार करेगा। योगी ने कहा कि यूपी के प्राधिकरणों को अपनी योजनाओं को ब्रांड बनाना चाहिए, जो अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बने। यह कदम न केवल शहरी विकास को गति देगा, बल्कि यूपी को विकसित भारत का अग्रणी राज्य बनाने में मदद करेगा। क्या यह रणनीति यूपी को ग्लोबल सिटी का दर्जा दिलाएगी? यह सवाल हर नागरिक के मन में है।
