क्या त्योहारों की धूम पर पानी फेर देगी बारिश? दिल्ली-NCR में आंधी-ओले का अलर्ट!
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2025: क्या आसमान से बरसने वाली बूंदें और ओले सब बिगाड़ देंगे? भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है—पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिल्ली-NCR में 5 से 7 अक्टूबर तक तेज आंधी, भारी बारिश और ओलावृष्टि का खतरा मंडरा रहा है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पहाड़ी इलाकों में भी बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। तापमान में गिरावट से सर्दी की झलक मिलेगी, लेकिन खतरा भी बढ़ेगा। क्या यह मानसून का लंबा साया है या शरद ऋतु की शुरुआत? आइए, इस मौसमी उथल-पुथल की पूरी तस्वीर देखें, जहां सावधानी ही सबसे बड़ा सहारा है।
अलर्ट का दौर: दिल्ली-NCR में आंधी-बारिश-ओलों का खतरा
दशहरा की धूम अभी ठंडी हुई ही नहीं कि IMD ने नया बुलेटिन जारी कर दिया—5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक दिल्ली-NCR में हल्की से भारी बारिश, गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि और 50 किमी/घंटा की रफ्तार वाली हवाओं का अनुमान। पश्चिमी विक्षोभ, जो अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी ला रहा है, इसका मुख्य कारण है। 6 अक्टूबर को पीक पर रहेगा असर, जब पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पहाड़ी राज्यों में बहुत भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। दिल्ली में रविवार को हल्की बूंदाबांदी, उसके बाद मंगलवार तक लगातार झमाझम। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम उत्तर-पश्चिम भारत को 5-8 अक्टूबर तक प्रभावित करेगा, जिसमें थंडरस्टॉर्म और हाइलस्टॉर्म शामिल। सितंबर में दिल्ली को सामान्य से 10% ज्यादा मानसून बारिश मिल चुकी है, जो 2010 के बाद का रिकॉर्ड है। अब यह नया सिस्टम फसलें और ट्रैफिक दोनों को चुनौती देगा। क्या शहरवासी तैयार हैं? हां, लेकिन सतर्क रहना जरूरी—बाहर निकलते वक्त छाता भूलना मत।
अन्य राज्यों पर असर: उत्तर-पश्चिम से पूर्वी इलाकों तक वर्षा की लहर
IMD की विशेष बुलेटिन में साफ कहा गया—यह पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत को सबसे ज्यादा निशाना बनाएगा। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों और राजस्थान में 5-6 अक्टूबर को भारी वर्षा के साथ तेज हवाएं चलेंगी। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में 4-8 अक्टूबर तक बर्फबारी या भारी बूंदाबांदी संभव, जो लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ाएगी। पूर्वी भारत में भी असर—ओडिशा में 2 अक्टूबर को अत्यधिक भारी वर्षा, झारखंड, बिहार और पूर्वी मध्य प्रदेश में 2-6 अक्टूबर तक मॉडरेट रेन। गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ में 30 सितंबर से 2 अक्टूबर तक भारी बारिश, जबकि महाराष्ट्र के कोकण-गोवा और मध्य महाराष्ट्र में 3-4 अक्टूबर को। दक्षिण में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और रायलसीमा में 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम वर्षा। पूर्वोत्तर में मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 1 अक्टूबर को भारी। कुल मिलाकर, 2-15 अक्टूबर तक ऊपर औसत वर्षा का अनुमान, जो फसलों के लिए खतरा। किसान सतर्क, क्योंकि कपास, सोयाबीन और धान को नुकसान हो सकता है। क्या यह जलवायु परिवर्तन का नया संकेत है? बिल्कुल, क्योंकि अक्टूबर में इतनी बारिश असामान्य।
तापमान गिरावट और सलाह: सर्दी की दस्तक, कैसे रहें सावधान
इस सिस्टम के बाद उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों में दाखिल होंगी, जिससे तापमान में तेज गिरावट आएगी। दिल्ली में अधिकतम 32-34 डिग्री से लुढ़ककर 28-30 तक, न्यूनतम 23-25 डिग्री। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से सर्दी की शुरुआत, जो सामान्य से पहले है। IMD अधिकारी ने कहा, “विकषोभ के जाते ही रातें ठंडी हो जाएंगी।” पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में तापमान स्थिर, लेकिन उत्तर में 2-3 डिग्री की गिरावट। सावधानियां जरूरी: दिल्ली-NCR में ड्राइविंग धीमी रखें, ओलों से वाहनों को पार्किंग में छिपाएं। किसानों को फसलें सुरक्षित करें, बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज। यात्रियों के लिए एयरपोर्ट अलर्ट—फ्लाइट्स में देरी संभव। स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेताते हैं—अचानक मौसम बदलाव से सर्दी-जुकाम बढ़ेगा, विटामिन सी लें। IMD ने येलो अलर्ट जारी किया, रेड अलर्ट पंजाब-हरियाणा में। क्या यह त्योहारों को रोकेगा? शायद नहीं, लेकिन प्लान बी रखें। कुल मिलाकर, प्रकृति की मार से बचाव ही एकमात्र हथियार।
