पाक सेना प्रमुख मुनीर पर सांसद का तंज: ‘सेल्समैन’ बन ट्रंप को दुर्लभ खनिज बेचने लगे
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर 2025: पाकिस्तान की राजनीति में एक तस्वीर ने तूफान ला दिया है, जहां सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अपने ही सांसद ने ‘सेल्समैन’ बता दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दुर्लभ खनिज भेंट करने वाली यह तस्वीर वायरल होते ही घरेलू स्तर पर विवाद का विषय बन गई। क्या यह कूटनीतिक सफलता है या सैन्य हस्तक्षेप का सबूत? पाकिस्तान में आर्थिक संकट और भारत के साथ तनाव के बीच यह घटना सैन्य-सिविल टकराव को नंगा कर रही है। ट्रंप की तारीफ के बावजूद संसद में बवाल मच गया। क्या इससे पाक की लोकतांत्रिक छवि पर सवाल उठेंगे? पूरी घटना की परतें और इसके राजनीतिक निहितार्थ आगे खुलेंगे।
विवादास्पद तस्वीर: ट्रंप को दुर्लभ खनिजों का ‘गिफ्ट’
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर की हालिया व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान एक तस्वीर ने हंगामा बरपा कर दिया। व्हाइट हाउस द्वारा जारी इस फोटो में मुनीर ट्रंप को एक लकड़ी के बक्से में बंद रंगीन पत्थर—पाकिस्तान के दुर्लभ खनिज (रेर अर्थ मिनरल्स)—दिखाते नजर आ रहे हैं। यह मुनीर की मई के भारत-पाकिस्तान संघर्ष (ऑपरेशन सिंदूर) के बाद अमेरिका की तीसरी यात्रा थी। तस्वीर में शरीफ पृष्ठभूमि में खड़े हैं, जबकि ट्रंप उत्सुकता से बक्सा देख रहे हैं। पाकिस्तान ने अमेरिकी फर्म्स के साथ दुर्लभ खनिजों पर MoU साइन किया, लेकिन घरेलू स्तर पर इसे ‘व्यापारिक प्रदर्शन’ जैसा बताया गया। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर मीम्स का शिकार बनी, जहां मुनीर को ‘शॉपकीपर’ कहा जा रहा है।
सांसद खान का तीखा प्रहार: ‘सेल्समैन’ और ‘तानाशाही’
पाकिस्तानी सीनेटर ऐमल वाली खान (अवामी नेशनल पार्टी) ने संसद में मुनीर पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “मुनीर ट्रंप को दुर्लभ खनिज दिखाते हुए किसी सेल्समैन की तरह लग रहे थे, जो ग्राहक को चीजें बेचने को बेताब है। शरीफ तो मैनेजर की तरह ड्रामा देख रहे थे।” खान ने सवाल किया, “किस हैसियत से मुनीर ने ट्रंप को ये गिफ्ट दिया? यह संविधान और संसद का अपमान है।” उन्होंने इसे ‘तानाशाही’ करार देते हुए संयुक्त संसदीय सत्र की मांग की। खान ने आगे कहा, “यह लोकतंत्र पर मजाक है। सेना प्रमुख विदेशी दौरों पर कूटनीति कर रहे हैं—क्या यह सर्कस नहीं?” उनका वीडियो वायरल हो गया, जो पाकिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ असंतोष को दर्शाता है।
ट्रंप की तारीफ: शरीफ-मुनीर पर कसीदे, लेकिन घर में बवाल
ट्रंप ने मुलाकात के बाद शरीफ और मुनीर की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के नेता शानदार हैं, और ये खनिज हमारे लिए उपयोगी साबित होंगे।” यह मीटिंग गाजा शांति योजना, सऊदी डिफेंस डील और भारत-पाकिस्तान संघर्ष में ट्रंप के ‘मध्यस्थ’ दावे पर चर्चा के बाद हुई। लेकिन पाकिस्तान में यह तस्वीर उल्टी पड़ी। खान ने इसे “एलिट डिजाइनर शॉप” से तुलना की, जहां ‘शॉपकीपर’ ग्राहक को चमकदार चीजें बेच रहा हो। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना सैन्य की विदेश नीति में दखल को उजागर करती है, जो आर्थिक संकटग्रस्त पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी का सबब बनी। सोशल मीडिया पर मीम्स और टिप्पणियां उड़ रही हैं, जहां मुनीर को ‘फेल्ड मार्शल’ से ‘सेल्समैन’ कहा जा रहा है।
राजनीतिक निहितार्थ: सैन्य-सिविल टकराव और भविष्य
यह विवाद पाकिस्तान के सैन्य-सिविल संबंधों की गहरी खाई को उजागर करता है। मुनीर की अमेरिकी यात्राएं—जिनमें अकेले ट्रंप से मीटिंग शामिल है—सिविलियन सरकार को कमजोर दिखाती हैं। खान की आलोचना ANP जैसी पार्टियों के असंतोष को प्रतिबिंबित करती है, जो सेना को ‘डिक्टेटर’ मानती हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह आंतरिक असंतोष को बढ़ावा दे सकता है, खासकर इमरान खान समर्थकों के बीच। संसद में बहस तेज हो सकती है, लेकिन सेना इसे दबाने की कोशिश करेगी। पाकिस्तान की कूटनीति का भविष्य इसी टकराव पर टिका है।
