दिल्ली BMW हादसे में बड़ा खुलासा: मुख्य आरोपी गगनप्रीत मक्कड़ को पुलिस ने अस्पताल से गिरफ्तार किया
नई दिल्ली, 15 सितंबर 2025: दिल्ली के धौलाकुआं इलाके में रविवार को हुए भयानक सड़क हादसे ने पूरे शहर को हिला दिया है। एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने बाइक सवार एक दंपति को टक्कर मार दी, जिसमें वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बड़ा एक्शन लेते हुए मुख्य आरोपी गगनप्रीत मक्कड़ को गिरफ्तार कर लिया। गगनप्रीत वही महिला है जो हादसे के समय कार चला रही थी। पुलिस ने उसे जीटीबी नगर के न्यू लाइफ अस्पताल से व्हीलचेयर पर ही हिरासत में लिया, जहां वह मामूली चोटों के इलाज के लिए भर्ती थी।यह हादसा रविवार दोपहर करीब 2 बजे धौलाकुआं के कैंट इलाके में हुआ। नवजोत सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर अपनी बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। अचानक एक सफेद रंग की बीएमडब्ल्यू कार, जो सेंट्रल वर्ज से टकराने के बाद अनियंत्रित हो गई थी, उनकी बाइक से जोरदार तरीके से भिड़ गई। टक्कर इतनी तेज थी कि बाइक सवार दंपति सड़क पर लुढ़क गए और फिर बाइक एक बस से जा टकराई।
नवजोत सिंह को सिर में गंभीर चोटें आईं और वे मौके पर ही दम तोड़ दिए। संदीप कौर को कई जगह चोटें लगीं और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।चश्मदीदों के मुताबिक, बीएमडब्ल्यू कार बेहद तेज स्पीड में थी। एक गवाह ने बताया, “कार पहले सेंट्रल वर्ज से टकराई, फिर बाइक की तरफ मुड़ी। सब कुछ कुछ सेकंडों में हो गया। हमने भागकर मदद की, लेकिन नवजोत जी को बचाना मुश्किल था।” हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कार में सवार गगनप्रीत मक्कड़ और उनके पति परिक्षित मक्कड़ भी मामूली रूप से घायल हुए। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि घायलों को पास के बड़े अस्पताल जैसे एम्स ले जाने की बजाय 19 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर के न्यू लाइफ अस्पताल क्यों ले जाया गया?संदीप कौर ने हादसे के बाद का दर्दनाक ब्योरा सुनाया। उन्होंने कहा, “मैं बार-बार कह रही थी कि हमें पास के अस्पताल ले चलो, लेकिन गगनप्रीत ने मुझे और नवजोत जी को दूर के छोटे अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया।
वहां बेसिक सुविधाएं भी नहीं थीं। हर मिनट कीमती था, लेकिन उन्होंने जानबूझकर देरी की।” पुलिस को शक है कि मेडिकल रिपोर्ट में छेड़छाड़ की कोशिश की गई हो। जांच में पता चला कि न्यू लाइफ अस्पताल के पार्टनर गगनप्रीत के पिता परीक्षित हैं। इससे मामले में सबूत छिपाने का संदेह गहरा गया है।दिल्ली पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। कैंट थाने में आईपीसी की धारा 304 ए (लापरवाह ड्राइविंग से मौत), 337 (चोट पहुंचाना) और 201 (सबूत छिपाना) के तहत केस दर्ज किया गया। बाद में धारा 304 भाग 2 (हत्या की नियत न होने पर हत्या) भी जोड़ी गई। पुलिस ने बीएमडब्ल्यू कार और बाइक को जब्त कर लिया। सोमवार सुबह गगनप्रीत से अस्पताल में ही पूछताछ की गई। वह व्हीलचेयर पर थीं, लेकिन डॉक्टरों की मौजूदगी में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पति परिक्षित से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गगनप्रीत ने अपना नाम गगनप्रीत कौर बताया था, लेकिन असली नाम गगनप्रीत मक्कड़ है।गगनप्रीत मक्कड़ गुरुग्राम की रहने वाली हैं। वह और उनके पति परिक्षित लग्जरी लेदर प्रोडक्ट्स का कारोबार करते हैं। दोनों की शादी को कुछ साल ही हुए हैं।
पुलिस को शक है कि कार की स्पीड 100 किलोमीटर से ज्यादा थी। सीसीटीवी फुटेज की जांच चल रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम पूरी सच्चाई सामने लाएंगे। आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। अगर सबूतों से छेड़छाड़ साबित हुई, तो सख्त कार्रवाई होगी।”इस हादसे ने दिल्ली की सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग के खिलाफ बहस छेड़ दी है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह एक ईमानदार और मेहनती अफसर थे। वे डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात थे और परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनके दो बच्चे हैं। संदीप कौर ने कहा, “नवजोत हमेशा सड़क सुरक्षा की बात करते थे। यह हादसा हमें सबक दे गया।” नवजोत के परिवार और सहकर्मियों में शोक की लहर है। मंत्रालय ने भी शोक व्यक्त किया है।पुलिस ने अपील की है कि कोई भी गवाह या जानकारी हो तो संपर्क करें। इस मामले की जांच तेजी से चल रही है। गगनप्रीत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है। हादसे के बाद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने धौलाकुआं इलाके में स्पीड चेकिंग बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी लग्जरी कारों के ड्राइवर अक्सर स्पीड का ध्यान नहीं रखते।यह घटना दिल्ली-एनसीआर में सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही है। पिछले साल दिल्ली में सैकड़ों हादसे हुए, जिनमें तेज रफ्तार मुख्य कारण था। सरकार को अब सख्त कदम उठाने होंगे। नवजोत सिंह की मौत ने एक बार फिर याद दिला दिया कि सड़क पर हर कोई जिम्मेदार होता है। पुलिस का यह एक्शन आरोपी को सजा दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मामले की अगली सुनवाई जल्द होगी।
