• October 14, 2025

राहुल गांधी ने आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को बताया क्रूर, कहा- ‘मानवीय नीतियों से पीछे हटना गलत’

लखनऊ/ 12 अगस्त: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने के निर्देश पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस फैसले को क्रूर, अदूरदर्शी और दशकों पुरानी मानवीय व विज्ञान आधारित नीतियों से पीछे हटने वाला कदम करार दिया है।

ख़बरों के मुताबिक राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दशकों की मानवीय और विज्ञान आधारित नीति से पीछे हटने जैसा है। ये बेजुबान प्राणी कोई समस्या नहीं हैं, जिन्हें मिटा दिया जाए। शेल्टर्स, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल के जरिए सड़कों को सुरक्षित रखा जा सकता है, बिना किसी क्रूरता के।”उन्होंने आगे कहा कि एकदम से सामूहिक रूप से कुत्तों को हटाने का कदम न केवल क्रूर है, बल्कि यह करुणा और जनसुरक्षा के बीच संतुलन की कमी को भी दर्शाता है। गांधी ने जोर देकर कहा कि जनसुरक्षा और पशु कल्याण को एक साथ सुनिश्चित किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन को आठ सप्ताह के भीतर सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने और उनकी नसबंदी करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने वाले व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अवमानना कार्यवाही भी शामिल हो सकती है।

पशु अधिकार संगठनों का विरोध

राहुल गांधी के अलावा, पशु अधिकार संगठनों जैसे पेटा इंडिया और फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन (FIAPO) ने भी इस आदेश को अव्यवहारिक और अमानवीय बताया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने इसे “आर्थिक रूप से अव्यवहारिक” करार देते हुए कहा कि दिल्ली में लाखों कुत्तों को शेल्टर में रखने के लिए भारी-भरकम बजट की आवश्यकता होगी, जो संभव नहीं है।

दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार एक समग्र और सुसंगठित योजना के तहत इस समस्या का समाधान करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि छह सप्ताह के भीतर शेल्टर होम्स की व्यवस्था की जाएगी और आदेश का पालन समयबद्ध तरीके से किया जाएगा।

विवाद और बहस

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के काटने और रेबीज के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में देशभर में 37 लाख डॉग बाइट के मामले दर्ज किए गए, जिनमें 54 लोगों की रेबीज से मृत्यु हो गई। इस आदेश ने जहां कुछ निवासियों और संगठनों को राहत दी है, वहीं पशु प्रेमियों और कार्यकर्ताओं में इसे लेकर तीखी बहस छिड़ गई है।

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Rama Niwash Pandey

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