अमेरिका ने 7 महीनों में 1,703 भारतीयों को किया डिपोर्ट, पंजाब और हरियाणा से सबसे ज्यादा
लखनऊ/ 2 अगस्त : अमेरिका ने 20 जनवरी से 22 जुलाई 2025 तक 1,703 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया है, जिनमें से अधिकांश पंजाब और हरियाणा से हैं। विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में यह जानकारी साझा की। डिपोर्ट किए गए लोगों में 1,562 पुरुष और 141 महिलाएं शामिल हैं।
राज्य-वार आंकड़े: पंजाब और हरियाणा सबसे आगे
आंकड़ों के अनुसार, पंजाब से 620 और हरियाणा से 604 लोग डिपोर्ट किए गए, जो कुल संख्या का सबसे बड़ा हिस्सा है। इसके बाद गुजरात से 245, उत्तर प्रदेश से 38, गोवा से 26, महाराष्ट्र और दिल्ली से 20-20, तेलंगाना से 19, तमिलनाडु से 17, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश से 12-12, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से 10-10, केरल और चंडीगढ़ से 8-8, मध्य प्रदेश और राजस्थान से 7-7, पश्चिम बंगाल से 6, कर्नाटक से 5, ओडिशा, बिहार और झारखंड से 1-1 लोग शामिल हैं। छह लोगों का राज्य अज्ञात है।
डिपोर्टेशन का तरीका
डिपोर्टेशन विभिन्न तरीकों से किया गया। फरवरी में 333 लोग अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (मिलिट्री) उड़ानों, मार्च, जून और जुलाई में 231 लोग अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) चार्टर उड़ानों, जुलाई में 300 लोग गृह सुरक्षा विभाग (DHS) चार्टर उड़ानों, 72 लोग पनामा से वाणिज्यिक उड़ानों और 767 लोग अमेरिका से वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से भारत लौटाए गए।
मानवीय चिंताएं और सरकारी प्रयास
विदेश मंत्रालय ने डिपोर्टेशन के दौरान मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत की है। मंत्रालय ने हथकड़ी के उपयोग, खासकर महिलाओं और बच्चों पर, और धार्मिक-सांस्कृतिक संवेदनशीलताओं जैसे पगड़ी और आहार प्राथमिकताओं पर चिंता जताई है। 5 फरवरी, 2025 के बाद डिपोर्टेशन उड़ानों में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और ‘डंकी रूट’
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने डिपोर्ट किए गए लोगों की मदद का वादा किया है। वहीं, विपक्ष ने डिपोर्टेशन प्रक्रिया और हथकड़ी के उपयोग की आलोचना की है। कई डिपोर्ट किए गए लोग तथाकथित “डंकी रूट” के माध्यम से अमेरिका पहुंचे थे, जिसमें गैर-कानूनी और जोखिम भरे रास्तों से कई देशों की यात्रा शामिल है।
