मजबूत मॉनसून: उत्तर भारत में भारी बारिश का अलर्ट, दिल्ली-NCR पर IMD की नजर
नई दिल्ली, 7 जुलाई 2025: उत्तर भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अब पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अगले कुछ दिनों तक तीव्र बारिश की संभावना है। IMD के अनुसार, एक निम्न दबाव का क्षेत्र गंगा के मैदानी इलाकों में बना हुआ है, जो मॉनसून की गतिविधियों को और तेज कर रहा है। दिल्ली में भी जल्द मॉनसून के दस्तक देने की उम्मीद है, जिसके साथ गरज, बिजली और तेज हवाएं चल सकती हैं। इस अलर्ट ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है, और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। यह स्थिति जनजीवन, यातायात और कृषि पर व्यापक प्रभाव डाल सकती है।
मॉनसून की स्थिति और IMD का अलर्ट
IMD के ताजा अपडेट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने उत्तर भारत में अपनी रफ्तार पकड़ ली है। हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में अत्यधिक भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में ऑरेंज अलर्ट लागू है। मॉनसून की ट्रफ लाइन श्री गंगानगर, रोहतक, कानपुर और वाराणसी से होकर गुजर रही है, जो बारिश की तीव्रता को बढ़ा रही है। दिल्ली-एनसीआर में 6 और 7 जुलाई को भारी बारिश के साथ 40-60 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। IMD के वैज्ञानिकों का कहना है कि मध्य भारत और पश्चिमी तट पर भी मॉनसून सक्रिय है। इस दौरान बिजली गिरने और भूस्खलन की आशंका भी जताई गई है। प्रशासन को नदियों के जलस्तर और बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों पर प्रभाव
दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून के आगमन से मौसम सुहाना हो गया है, लेकिन भारी बारिश की चेतावनी ने चिंता बढ़ा दी है। IMD ने दिल्ली में गरज और बिजली के साथ मध्यम से तीव्र बारिश का अनुमान जताया है। इससे पहले जून में दिल्ली में भारी बारिश के कारण जलभराव और यातायात बाधित हुआ था। इस बार भी निचले इलाकों में जलभराव की आशंका है। सफदरजंग और पालम में बारिश का स्तर क्रमशः 68.1 मिमी और 71 मिमी तक दर्ज किया गया था। प्रशासन ने नालों की सफाई और यातायात प्रबंधन के लिए कदम उठाए हैं। साथ ही, लोगों से जरूरी न होने पर यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसने स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर ला दिया है।
अन्य राज्यों में स्थिति और सावधानियां
उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी मॉनसून ने दस्तक दे दी है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में 253.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण सड़कें और रास्ते अवरुद्ध हुए हैं। राजस्थान के बिजोलिया में 114 मिमी बारिश दर्ज की गई, और जयपुर, कोटा जैसे शहरों में भी जलभराव की स्थिति बनी। IMD ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि तेज हवाओं का खतरा है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी और बहराइच में भी भारी बारिश दर्ज की गई। प्रशासन ने बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए आपातकालीन टीमें तैनात की हैं। लोगों से नदियों और पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की गई है। यह मॉनसून कृषि के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन सावधानी जरूरी है।
निष्कर्ष
इस सक्रिय दौर ने उत्तर भारत में बारिश की तीव्रता को बढ़ा दिया है, जिससे जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है। दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश के कारण जलभराव और यातायात की समस्याएं हो सकती हैं, जबकि हिमाचल और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। IMD की चेतावनी ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है, और लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की गई है। यह मॉनसून कृषि के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन बाढ़ और अन्य आपदाओं से बचाव के लिए तैयारियां जरूरी हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन को नालों की सफाई, सड़क मरम्मत और आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा। साथ ही, जनता को मौसम अलर्ट पर नजर रखनी चाहिए और अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए।
